Wednesday 18 October 2017


*कल एक सज्जन का कमेंट्स पढ़ा..
एक बार तो इच्छा हुई कि इन सज्जन को कस कर रगड़ा जाये। पर मूर्खों से बहस करना भी डबल मूर्खता है...ये कमेंट्स मेरी पोस्ट पर नहीं था...
*कह रहे थे रोहिंग्या मुसलमान में ऐसी क्या ख़ास बात है जो इन्हें हर जगह से दुत्कारा जा रहा है। इन सज्जन ने आगे लिखा हम लोग अब स्वार्थी होते जा रहे हैं, हिन्दू अब दिल के कठोर होते जा रहे हैं।
*रोहिंग्या मुसलमानों को कोई मुस्लिम देश तक अपनाने को तैयार नहीं है, क्यों ? 
 रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में जानकर आपके होश उड़ जायेंगे। ये शुद्ध रूप से अनपढ़, मजदूरी करने वाले और बर्बर मानसिकता के हैं।  आपको जानकर ताज्जुब होगा कि म्यानमार में अनेकों बुद्धिस्ट की हत्या इन्होंने बगैर किसी दुश्मनी के की। कोई बुद्धिस्ट खेत में काम कर रहा है, ये दबे पांव पीछे से गये और लोहे की रॉड से खोपड़ी तोड़ कर हत्या कर दी। कोई बुद्धिस्ट एकान्त में दिख गया बगैर किसी दुश्मनी के गडांसे से काट डाला। कोई बुद्धिस्ट युवती एकान्त में दिख गयी गैंगरेप के साथ निर्भया से भी बुरी मौत दे डाला...ये चोरी छिपे बुद्धिस्ट की हत्या का फार्मूला अपना रहे थे। बुद्धिस्टों ने कभी सपने में नहीं सोचा होगा की बगैर दुश्मनी के कोई ताबड़तोड़ चाक़ू मारकर उनकी हत्या भी कर सकता है....ये साफ तौर पर जाहिर करता है कि इनका मकसद क्या ह..?
अब आता हूं दूसरे पॉइन्ट पर
 ये गरीब, अनपढ़, जाहिल सब कुछ होते हैं। ऐसे में किसी भी आतंकवादी देश के लिए इन्हें यूज़ करना बड़ा आसान है, चूँकि अधिकाँश कश्मीरी लड़के अब अलगाववादियों और पाकिस्तानियों की मंशा समझ चुके हैं अब हाफ़िज़ सईद जैसे लोगों को युवा आतंकी नहीं मिल रहे हैं, रोहिंग्या मुसलमान वो कच्ची मिट्टी हैं जिसे आतंकी चाहे तो कश्मीरी उग्रवादी बना दें, ISIS का लड़ाका बना दे, फिलिस्तीनी हमलावर बना दें या बोको हरम का आतंकवादी सारे ही रोल को निभाने के लिए ये तैयार हो जाएंगे, सिर्फ पैसा चाहिए। देशभक्ति किस चिड़िया का नाम है, इन्हें नहीं पता। अगर देशभक्ति पता होता तो क्या मिया-मार देश के साथ ऐसा करते.? नही न..?
*मुस्लिम देश इन्हें रखने को तैयार नहीं, पर गैर मुस्लिम देश भी जब इनसे पल्ला झाड़ता है तो मलाला युसूफजई और ओवैसी जैसे लोगों को बड़ी तकलीफ हो जाती है। मलाला को अगर रोहिंग्या मुसलमानों की इतनी ही चिंता है तो क्यों नही किसी रोहिंग्या मुसलमान के गले में वरमाला डालती हैं।*
*एक नई खबर का खुलासा म्यानमार ने और किया है रोहिंग्या मुसलमानों को निकालने के पश्चात उनकी GDP में 1.5 पॉइन्ट तक उछाल आया है। किसी भी देश के विकास में मुसलमानों का क्या योगदान है ये मिया-मार देश को देखकर जाना जा सकता
धन्य हो मियां-मार वासी ..काश हमारा हिन्दू भी मिया-मार जैसा होता...
Manish Soni

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