Sunday 15 October 2017

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने अपनी नयी किताब में लिखा है कि 2004 में कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी से वह बेहद नाराज थे जिसे उन्होंने सरकार के सामने ज़ाहिर भी किया था । ये खुलासा प्रणब मुखर्जी ने अपनी नयी किताब ‘द कोलिशन इयर्स 1996 – 2012' के एक अध्याय में किया है. प्रणब मुखर्जी ने इस घटना का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि क्या देश में धर्मनिरपेक्षता का पैमाना केवल हिन्दू संतों महात्माओं तक ही सीमित है ? क्या किसी राज्य की पुलिस किसी मुस्लिम मौलवी को ईद के मौके पर गिरफ्तार करने का साहस दिखा सकती है ?” जानकारी के लिए बता दें कि कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को 2004 के नवंबर महीने में दीवाली के आस पास एक हत्या के आरोप में आंध्र प्रदेश से गिरफ़्तार किया गया था। दरअसल कांग्रेस पार्टी पर यूपीए सरकार के दौरान मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगते रहे थे. खासकर बीजेपी ने तो इसे चुनावी मुद्दा भी बनाया था । ऐसे में प्रणब मुखर्जी का ये बयान बीजेपी को एक मुद्दा थमा सकता है।
नोट:- नौ साल बाद कांची पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को बाइज्जत बरी कर दिया गया था ।

#साभार-अनिल जी डागा

No comments:

Post a Comment