Friday 4 August 2017

 जब से मोदी PM हुए हैं , काश्मीर में हालात बेकाबू हो गए हैं ...

पहले तो ये जान लीजिए कि पहले हालात पे काबू कैसे रखा जाता था ...पहले Status Quo maintain किया जाता था ...तुम हमको मत छेड़ो हम तुमको नही छेड़ेंगे ...तुम भी ऐश करो और हमको भी करने दो ।
अलगाववादी नेता ( हुर्रियत ) भारत सरकार की बांह मरोड़ के सीधे सीधे Blackmailing कर पैसे वसूलते थे । पैसे दो नही तो हम आगजनी , हड़ताल , पत्थरबाजी और आतंकी हमले करेंगे ।
भारत सरकार बाकायदे वैधानिक तरीके से हज़ारों करोड़ के package काश्मीर को देती जिसे ये डाकू मिल के हज़म कर जाते । ये तो होता था वैधानिक पैकेज ।
इसके अलावा अलगाववादी हुर्रियत नेताओं को under the table सैकड़ों करोड़ रु सालाना दिए जाते थे और बदले में शांति खरीदी जाती थी । और ये आतंकी हमारे आपके Tax Payer के पैसे पे ऐश अय्याशियाँ करते थे ।
PDP के साथ BJP की साझा सरकार बन जाने से , BJP की सत्ता में भागीदारी से काश्मीर के आर्थिक package की लूट और बंदरबांट काफी हद तक रुक गयी है ।
मोदी के आने के बाद निज़ाम बदला । शुरुआत बुरहान वानी के encounter से हुई । तब से अब तक 124 बुरहान कुत्ते की तरह घसीट के मार दिए गए ....... 150 के करीब बाकी है , रोज़ाना 2 - 4 मारे जा रहे हैं ।
भारत सरकार का संकल्प है कि दिसंबर से पहले काश्मीर से आतंकी साफ कर देने है ।
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NIA ने हुर्रियत की funding और हवाला रैकेट की जांच में कई नेता उठा लिए हैं और दिल्ली ले गयी है । कश्मीरी दिल्ली के नाम से हड़कता है । इस से पहले किसी हुर्रियत नेता को ज़्यादा से ज़्यादा नज़रबंद किया जाता था और श्रीनगर के निशात बाग के Resorts में पूरी ऐशो अय्याशी का इंतज़ाम होता था ।
आज NIA ने हुर्रियत और उनके हवाला operators को दिल्ली में उलटा टांग रखा है । इसके बाद उनका तिहाड़ जाना निश्चित है । काश्मीर में आम धारणा है कि जो एक बार तिहाड़ गया उसकी तो लाश भी वापस नही आई ।
गिलानी और उसके दोनों बेटों पे तलवार लटकी हुई है । इनकी बेनामी संपत्तियों की जांच चल रही है । भारत सरकार बेरहमी से इनपे टूट पड़ी है ।
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भारत सरकार आज काश्मीर में Proactive हो के काम कर रही है । आगे बढ़ के मार रही है । घर मे घुस के मार रही है । जब आप proactive होंगे तो सामने वाले को प्रतिक्रिया देना मजबूरी है । आज काश्मीर में जो पत्थरबाजी और आतंकी गतिविधि है वो इसी Proactive approach के कारण है ।
नाली में घुस के साफ करो तो बदबू तो उठेगी ही ।
इसके बाद सब साफ हो जाएगा ।
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फर्क तो पड़ा है नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से:
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एक समय ऐसा भी था देश में गलती से भी सेना/पुलिस के हाथों कोई आतंकवादी मारा जाता था तो उस आतंकी परिवार को मुआवजा मिलता था और सेना/पुलिस वालों की तत्काल बर्खास्तगी बाद में हत्या के आरोप में जेल।
और एक समय आज का है, प्रतिदिन एक आतंकवादी मारा जा रहा है। अब आतंकियों के परिवार को मुआवजा नहीं सेना/पुलिस के जवानों को पुरस्कार मिलता है। आतंकियों को एनकाउंटर के लिए किसी सेना/पुलिस के जवानों को जेल जाना तो दूर उन पर केस नहीं होता है। विदेशों से डालर आना बंद हुआ मानवाधिकार संगठन भी सूख गए, कहीं कोई आवाज सुनाई नहीं पड़ रहा होगा।
हाँ एक बात और हो रहा है पहले के शासन द्वारा अपने हीं सैनिकों/पुलिस वालों पर जो फर्जी केस लादा गया था, उससे एक-एक कर सब मुक्त हो रहे हैं।
और ये सब इसलिए हो रहा अब का शासक अपना है, अपने देश का है, इस मातृभूमि से प्यार करनेवाला है। पहले का शासक ना अपना था, ना अपने मातृभूमि से प्यार करनेवाला था इसलिए देशभक्त सलाखों के पीछे था और गद्दार लोग मौज कर रहे थे।

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