Sunday 2 July 2017

जिस चंबल में गूंजती थी गोलियों की आवाज अब वहीं बन रहे अत्याधुनिक इजराइली हथियार...

हिंदुस्तान के दुश्मनों पर अब इजराइली बंदूकें गरजेंगी. दुनिया में सबसे खतरनाक माने जाने वाले इजराइल के हथियार अब हिंदुस्तान की जमीन पर तैयार होंगे. एक्स 95 असॉल्ट राइफ़ल, उज़ी प्रो सब मशीन गन, टावोर असॉल्ट राइफ़ल, नेगेव लाइट मशीन गन और स्नाइपर गन गलील ये ऐसे इजरायली हथियार हैं, जिनके सामने दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं. अब इन हथियारों को बनाने के लिए चंबल में फैक्ट्री लग रही है.

मध्य प्रदेश के ग्लावियर के मालनपुर में भारत की पुंज लॉएड कंपनी ने इजराइल की आइडब्ल्यूआइ कंपनी के साथ मिलकर इन बंदूकों को तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया है. मतलब साफ है कि अत्याधुनिक तकनीक से तैयार ये नए हथियार न सिर्फ हमारे जांबाज सैनिकों की हौसलाअफजाई करेंगे बल्कि इन हथियारों के दम पर अब हमारा देश अपनी तिजोरी भी भर सकेगा, क्योंकि वो इन बंदूकों को दुनिया के जरूरतमंद मुल्कों को बेचेगा भी.

एक्स 95 असॉल्ट राइफल: ये ऐसी बंदूक है, जो कुछ ही दिनों के बाद भारत के हर जांबाज सिपाही के हाथ में नजर आएगी. इस राइफल की काबिलियत से दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है और इसके हक में जब भी कोई मुंह खुला तो तारीफ ही निकली है. ये ऐसी रायफल है, जिस पर सर्दी, गर्मी, हवा, पानी, आग और बर्फ किसी का भी असर नहीं पड़ता....बता दें कि एक्स95 असॉल्ट राइफल को 2003 में इजराइल वेपन इंडस्ट्री ने बनाना शुरू किया था. 2010 में इस रायफल को पहली बार भारत ने आयात किया था और जानकर हैरान भी हो जाएंगे कि इस राइफल को सेंट्रल रिज़र्व पुलिस बल के जांबाज बखूबी इस्तेमाल भी कर रहे हैं.
X95 असॉल्ट राइफल की खूबियां: यह इंसास राइफल से 25% हल्की और 33 सेन्टीमीटर छोटी है. इसकी मैगजीन स्टील की बनी होती है. इसके बट में बफर होने के कारण झटके कम लगते हैं. इस राइफल की कैलिबर 5.56 एमएम है. इसकी मैगज़ीन 30 राउंड की होती है. एक्स95 असॉल्ट रायफल का वज़न महज 3 किलोग्राम है. राइफल की लंबाई 59 सेंटीमीटर होती है. साइक्लिक रेट ऑफ फायर 700 से 1000 राउंड्स, इस राइफल की कारगर रेंज 700 मीटर है.

उज़ी प्रो सब मशीन गन: एक्स95 असॉल्ट रायफल के बाद अब बारी दुनिया की सबसे चहेती सब मशीन गन में से एक उज़ी प्रो की. उज़ी प्रो सब मशीनगन हर काम के लिए बिल्कुल परफेक्ट है. अपनी खास बनावट और छोटे साइज की वजह से इसका इस्तेमाल कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है. हिंदुस्तान में इस सब मशीन गन का निर्माण हमारी सेना को और धारदार बनाएगा.
उज़ी प्रो सब मशीन गन की खूबियां: उज़ी को इजराइल मिलेट्री इंडस्ट्रीज ने 1948 में बनाना शुरू किया था. इसका वज़न 3.5 किलोग्राम होता है. एक मिनट में ये 600 राउंड फायर कर सकती है. एक बार में 10 राउंड की मैगज़ीन का इस्तेमाल हो सकता है. नज़दीकी लड़ाई के लिए सबसे बेहतरीन कारगर हथियार
कमांडो ऑपरेशन के लिए सबसे भरोसेमंद हथियार. उज़ी प्रो सब मशीन गन काफी हल्की होती है. इसका इस्तेमाल दोनों हाथों से किया जा सकता है. इसमें लगी पिकैटिनी रेल बेहतर निशाना लगाने में मदद करती है.

टावोर असॉल्ट राइफ़ल: इस बंदूक का इस्तेमाल भारत के स्पेशल फोर्स करती है. पॉलीमर से बनी ये बंदूक महज तीन किलोग्राम की है और फायर करने में बेहद आसान है. इतनी हल्की कि इसे एक हाथ से भी आसानी से चलाया जा सकता है. गर्मी, सर्दी, बरसात मौसम और हालात की कोई भी चुनौती इस हथियार का मुंह नहीं बंद कर सकती. एक ही वक्त में इससे 30 राउंड फायर किए जा सकते हैं. डिटैचेबल होने की वजह से इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह लाया ले जाया जा सकता है. इजराइल की तैयार की गई ये राइफल बड़े देशों की सेना का हिस्सा बन चुकी है. इसके चार अलग-अलग मॉडल अपनी अलग अलग ख़ूबियों के साथ हाजिर हैं.टावोर असॉल्ट राइफ़ल इस मॉडल को टार-21 के नाम से जाना जाता है, जिसकी खास बात है मल्टीरोल होना यानी ये राइफल सर्वगुण संपन्न है. इसके तीन मॉडल हैं- सीटीआर यानी कमपैक्ट टावोर असॉल्ट राइफल, शार्पशूटर टैवोर असॉल्ट राइफ़ल (स्टार 21) और जीटीआर यानी ग्रेनेड लॉन्चर टावोर असॉल्ट राइफल.

नेगेव लाइट मशीन गन: भारत को नेगेव लाइट मशीन गन की भी सौगात मिलेगी, जिसकी खासियत ये है कि नाम सुनते ही दुश्मन पीठ दिखाने को मजबूर हो जाता है. यह बंदूक 5.56x45 एमएम और 7.62 51एमएम कैलिबर क्षमता वाली है. एक बार में लगातार 100 गोलियां दाग सकती है. चलता हुआ हेलिकाप्टर हो या तेज रफ्तार मोटरबोट या फिर पथरीली चट्टानें. इस बंदूक को आसानी से चलाया जा सकता है. ये राइफल बेहद खास होने का तमगा इसलिए भी रखती है क्योंकि ये पहली ऐसी राइफल है, जिसमें ऑटो और सेमी ऑटो शूटिंग मोड दिया गया है.

स्नाइपर गन गलील-- स्नाइपर गन यानी वो बंदूक जो कहीं दूर से दुश्मन पर निशाना लगाती है और वो भी इतनी सटीक कि उसे अगली सांस लेने तक की मोहल्लत नहीं देती. यह बंदूक 7.62x51 कैलिबर की है. दूर से बैठकर निशाना लगाना हो तो गलील एक कारगर हथियार है. एक किमी तक इसकी फायरिंग रेंज है. स्पेशल कमांडो इसका इस्तेमाल खास खतरनाक मिशन के लिए करते हैं.

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