Friday 21 July 2017

 चीनी आर्थिक बुलबुला फुटेगा और वह भी सोवियत यूनियन की तरह धराशाई हो जाएगा।
हागकांग बेस इकोनॉमिस्ट के आर्थिक संवाददाता की जीती-जागती रिपोर्ट बता रही है कि चीन की कृषि योग्य भूमि पर 125 मिलियन (12.5 करोड़) परिवारों के लिए 12.5 करोड़ जो हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के फ्लैट्स बने थे उसमे से 85 मिलियन हाउसिंग काम्प्लेक्स फ्लैट 7-8 साल से खाली पड़े है।
इन हाउसिंग कॉम्लेक्सो में जो 1.3 मिलियन मार्केट माल/दुकाने बनी थी उनमे धुल बैठ रही है। क्योंकि उनको खरीदने वाला कोई नही मिल रहा है। बैंको का कर्ज व्याज सहित बढ़ता जा रहा है और पूरी संभावना है कि बैंक अपने को दिवालिया घोषित कर दें।
रिपोर्ट में पेकिंग, शंघाई और अन्य दूसरे बड़े मेट्रो शहरो में रहने वाले 8 करोड़ परिवारों के बारे में जो एक कमरे के मकान या 2 बेड रूम वाले फ्लेट में 3-3 परिवार साथ रहते है का विवरण दिया गया है कि प्रति परिवार की औसत मासिक आय $ 90 डालर प्रति माह है जिसमे से ये 40 डालर तो एक कमरे का किराया देने में खर्च कर देते है इस तरह इनका बमुश्किल खर्चा चलता है। इनके बच्चे गाँव में अपने दादा-दादी या नाना-नानी के पास रहते है क्योंकि ये जिन गलियों में रहते है वंहा बच्चो के खेलने की जगह नही है। बच्चो से मिलने ये साल में एक बार जाते है।
सबसे बुरी हालत तो शंघाई के उस माल की है जो विध्व का सबसे बड़ा माल कहा जाता है लेकिन बन्द पड़ा है क्योंकि उसकी एक भी दूकान अब तक नही बिकी है।
चीन सरकार हर साल 10 नए शहर बसा रही है है लेकिन उनमें बनने वाले फ्लेट 80 से 90% तक खाली पड़े है क्योंकि फ्लेट खरीदने वाले लोग मिल नही रहे है जबकि 650 मिलियन ( 65 करोड़) लोगो के पास रहने को मकान नही है लेकिन उनकी हैसियत मकान खरीद योग्य नही है।

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