Friday 16 June 2017

इंदु सरकार’ मूवी 

 खुलेगी इंदिरा गाँधी के तानाशाही  की पोल ...

अपने हर फिल्म में अलग अदांज में पेश करने के लिए जाने जाने वाले मधुर भंडारकर इंदु सरकार लेकर आ रहे हैं जिसमें आपातकाल के दौरान शासन की पोल खोली जाएगी। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मधुर भंडारकर कि फिल्म इंदु सरकार का दूसरा पोस्टर जारी हो गया है जिसमें नील नितिन मुकेश संजय गांधी की भूमिका में हैं। इस फिल्म का सबको इसलिए इंतजार है क्योंकि यह फिल्म इंदिरा गांधी पर आधारित है।
इंदिरा गांधी ने 21 महीने का देश में आपातकाल लगाया था उस समय मौलिक अधिकार ले लिए गए थे। 1975 के आपातकाल में खास बात यह रही थी कि विपक्षियों को जेल में डाला गया और किसी को कोई अपने विचार रखने के अधिकार नहीं थे। मधुर भंडारकर ने जिस तरह से विषय उठाए हैं तय है कि इसपर प्रतिक्रिया भी तीखी आएगी। क्योंकि जहां आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस अभी विपक्ष में हैं वहीं आपातकाल के दौरान आडवाणी जैसे कई नेता की पार्टी अभी सत्ता में है। जो इसी समय के आंदोलन के देन हैं।
इंदु सरकार में आपातकाल में तानाशाही किस तरह से चल रही थी और किसकी चल रही थी इस सबकी पोल खोला जाएगा। निश्चिततौर पर सिनेमा में नाटकीयता मुख्य होता है वह होगा। खास बात यह है कि आपातकाल के दौरान संजय गांधी पार्टी और अपनी मां इंदिरा गांधी पर हावी थे इनकी भूमिका उजागर होगा। 
संजय गांधी डिक्टेटर के रूप में जाने जाते थे। अब देखना है कि मुधर भंडारकर ने इसे कैसे चित्रित किया है क्योंकि अभी संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी कैबिनेट मंत्री हैं और पुत्र सांसद है, दोनों भाजपा से हैं। मधुर भंडारकर ने अलग तरह के फिल्म देने के लिए जाने जाते हैं।releasing जिस प्रकार से उन्होंने पहला पोस्टर जारी किया था उससे ही जाहिर हो गया था...
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देश का राष्ट्रपति भवन एक परिवर्तन का गवाह बना,जब संघ सरसंघचालक श्री मोहन भागवत राट्रपति के आमंत्रण पर दोपहर भोज के लिये वहॉ पहुचे।यह कोई सामान्य घटना नही है
जब देश मे वैचारिक संधर्ष तेज हो रहा है राष्ट्रवाद के इतर सारे दल एक सुर मे संघ पर हमलावर हो तो उन्ही दलो के साझा प्रतिनिधि रहे प्रणव दा का यह बडा कदम है,इसके निहितार्थ भी है और भावार्थ भी।




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