Tuesday 6 June 2017

मुर्शिदाबाद (बंगाल) के हाल :---

जिहादियों के तुगलकी फतवों के कारण मुर्शिदाबाद (बंगाल) के हिन्दुओ के लिए जीना कठिन !
जिहादियों ने निकाले हिन्दू विरोधी फतवे :---

1•.. विद्यालयों में श्री सरस्वती देवी की पूजा न करें !
2• ..प्रत्येक नवरात्रोत्सव में एक इमाम और मौलवी को स्थान दें !
3• ..विद्यालय के परिसर में स्वामी विवेकानंद का पुतला खडा न करें !
4• ..अपने घर के सामने रंगोली न बनाएं !
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• मुर्शिदाबाद (बंगाल) - जिहादी धर्मांन्धो द्वारा लगातार निकाले जाने वाले तुगलकी फतवों ने यहां के हिन्दुओ का जीवन जीना कठिन कर दिया है। इन सभी फतवों के अनुसार आचरण करना सभी हिन्दुओ के लिए बन्धनकारी है तथा फतवों का पालन न करने पर जिहादी धर्मांधों की तानाशाही का सामना करना अनिवार्य हो जाता है।

ऐसी वहां की स्थिति है।

• दोलुआ गांव में "कार्तिक" देवता की "मूर्ति" लाने पर जिहादियों द्वारा प्रतिबन्ध !
• मुर्शिदाबाद (बंगाल) – जिहादियों ने ऐसा फतवा निकाला कि यहां के बेलडांगा के दालुआ गांव में इस वर्ष गांव में कार्तिक देवता की मूर्ति न लायी जाए । इस सन्दर्भ में हिन्दुओ ने पुलिस और प्रशासन से सहायता की मांग की है । तत्पश्चाात भी स्थानीय हिन्दुओ के मन में भय है कि क्या इस वर्ष यह पूजा कर पाएंगे अथवा नहीं ?

मुर्शिदाबाद जनपद में धर्मांधों की संख्या लगभग ४० प्रतिशत है।
(तृणमूल कांग्रेस के बंगाल में अनेक स्थानों पर छोटे-छोटे पाकिस्तान निर्मित होने का यह फल है ! – सम्पादक)
• १.. दोलुआ गांव में प्रतिवर्ष कार्तिक पूजाका बडा अनुष्ठान किया जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हिन्दुओ का यह कार्यक्रम बन्द करने का जिहादियों का षड्यन्त्र है।
• २.. बेलडांगा गांव में हिन्दू हित का कार्य करने वाले भारत सेवाश्रम के स्वामी प्रदीप्तानंद जी महाराज ने जिहादियों के इस फतवे का विरोध किया, तब इन जिहादी संगठनों ने उन्हें भी धमकी दी ।

• ..पाठशालाओ में हिन्दू त्यौहार मनाने पर जिहादियों द्वारा प्रतिबन्ध !

• १.. इसके पहले मार्च २०१० में जिहादियों ने ऐसा फतवा निकाला था कि बेलडांगा गांव के झाओबोना विद्यालय में श्री सरस्वती देवी की पूजा नहीं करने देंगे ।
विद्यालय का प्रशासन तथा स्थानीय प्रशासन ने घुटने टेककर उनकी इस मांग को स्वीकार किया था ।
• २.. इसी विद्यालय के ४ धर्मांध शिक्षकों के लिए नमाज पठन करने हेतु विशेष प्रबन्ध किए जाने की धर्मांधों की मांग को विद्यालय प्रशासन ने स्वीकार किया था । इसलिए हिन्दुओ ने भी श्री सरस्वती देवी की पूजा करने की मांग प्रशासन से पुनः की ।
• ३. हिंन्दू विद्यार्थियों द्वारा की गई मांग के उपरान्त १० सहस्र धर्मांध संगठित हुए और उन्होंने हिन्दू विद्यार्थियों को निर्ममता से पीटा । साथ ही ३० हिन्दू परिवारों के घर में तोडफोड की और भारी मात्रा में लुटपाट भी की । यह सब करते समय गांव में पुलिस न आए, इसलिए उन्होंने गांव में आने वाली सडक पर बडे-बडे वृक्ष डाल कर मार्ग ही बन्द किया ।
• ४. आमतला विद्यालय के एक निवृत्त शिक्षक ने विद्यालयके प्रांगण में स्वामी विवेकानंद जी का पुतला अपने खर्च से खडा करने का प्रयत्न किया था । जिहादियों द्वारा इस का भी तीव्र विरोध किया जाने से वे यह पुतला खडा नहीं कर सके ।

• हिन्दुओ के दैनिक व्यवहार और त्यौहार मनाने पर जिहादियों द्वारा आपत्ति !

• १. वर्ष २०११ में पांचथुपी गांव में हिन्दुओ की संक्रांति मेले पर जिहादियों ने आक्रमण किया था ।
• २. वर्ष २०१२ में रेजी नगर के बाछडा गांव में श्री लक्ष्मी देवी की शोभायात्रा जाते समय धर्मांधों ने उसका भारी संख्या में विरोध किया था और इस शोभा यात्रा को मार्ग में ही रोककर रखा । जिहादियों के इस विरोध के कारण श्रद्धालुओ को सडक पर ही मूर्ति को छोडकर जाना पडा । तदुपरान्त पुलिस ने मूर्ति का विसर्जन किया।
• ३. रघुनाथ गंज परिसर में घोष परिवार की एक महिला ने घर के सामने रंगोली बनाई थी । जिहादियों द्वारा किए गए प्रचण्ड विरोध के कारण घोष परिवार को इस रंगोली को मिटा देना पडा था।
• ४. गांव की भान्ति बडे नगरों में भी हिन्दुओ को जिहादियों के विरोध का सामना करना पड रहा है । बहरमपुर नगर के एक भवन में रहने वाले जिहादियों के ३ परिवारों द्वारा विरोध किए जाने के कारण वहां रहने वाले हिन्दुओ को पूजा के समय शंख बजाना बन्द करना पडा।
• ५. हाल ही में हुई नवरात्रि में यहां के सभी मण्डलों को पुलिस के नाम से एक पत्र प्राप्त हुआ । उसमें लिखा था कि आगे से प्रत्येक मण्डल में एक मौलवी अथवा एक इमाम को स्थान देना पडेगा । पुलिस को यह पत्र दिखाने पर पता चला कि ऐसा कोई पत्र पुलिस ने नहीं निकाला है। कहा जा रहा है कि जिहादी संगठनों द्वारा ही यह पत्र निकाला गया है।
• (संदर्भ : दैनिक बर्तमान, बंगाल)

• पढिए किस तरह आज बंगाल भी बांगलादेश बनने की कगार पर खडा है।
साभार :---
@http://www.hindujagruti.org/hindi/news/15040.html
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गिरधारी भार्गव 25.12.2014

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