Thursday 19 January 2017

vishv me hindi ki sjksha ...

फ्रांस:
 फ्रांस के पेरिस शहर में सौरबेन विश्वविद्यालय में 3 वर्ष के पाठ्यक्रम के अलावा पीएचडी के लिए शोध की भी व्यवस्था है. ‘’पेरिस के प्राच्य भाषाओं एवं सभ्यताओं के राष्ट्रीय संस्थान’’ में हिंदी में 2 वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स, 3 साल का डिप्लोमा, 4 साल में उच्च डिप्लोमा, 5 साल और 6 साल के उच्च अध्ययन के शिक्षण की भी व्यवस्था है.
जापान
: जापान के टोक्यो और ओसाका विश्व विद्यालयों में हिंदी का छह वर्षीय कोर्स है. इसके अलावा अन्य विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों में हिंदी वैकल्पिक विषय के रूप में द्वितीय एवं तृतीय भाषा के रूप में पढ़ाई जाती है. सन 1992 के करीब जापान का एक हिंदी स्कॉलर काफी समय तक भारत में रहने के उपरांत शिकागो गया और वहां पर हिंदी का एक बृहत् पुस्तकालय देखकर उस जापानी विद्वान ने भारत में अपने एक मित्र प्रोफ़ेसर को पत्र लिखा था कि यहां के हिंदी पुस्तकालय को देखकर दिल्ली विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को शर्मिंदा होना पड़ेगा. तो ऐसी है हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी.
कनाडा: 
कनाडा की यूनिवर्सिटी आफ ब्रिटिश कोलंबिया में हिंदी का 2 वर्ष का पाठ्यक्रम है. मॉन्ट्रियल विश्वविद्यालय में प्रारंभिक स्तर पर और अटावा शहर में बने मुकुल हिंदी हाई स्कूल में 1971 से सभी कक्षाओं में और टोरंटो शहर के कुछ स्कूलों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है.
संयुक्त राज्य अमेरिका: 
संयुक्त राज्य अमेरिका के 30 विश्वविद्यालयों में उच्च, इंटरमीडिएट एवं प्रारंभिक स्तर पर एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है. संयुक्त राज्य अमेरिका में येन विश्वविद्यालय में 1815 से ही हिन्दी की व्यवस्था है. 1875 में कैलाग ने हिन्दी भाषा का व्याकरण तैयार किया था. अमरीका से हिन्दी जगत प्रकाशित होती है.
कैलिफोर्निया, कोलंबिया, विस्कॉन्सिन, पेनसिलवेनिया, वर्जीनिया, टेक्सास, वाशिंगटन और शिकागो आदि विश्व विद्यालयों में हिंदी का भाषा केंद्रित अध्यन होता है.
नार्वे: 
नार्वे के ओसलो विश्वविद्यालय में मास्टर डिग्री के लिए हिंदी का पठन-पाठन किया जाता है तथा कुछ अन्य शहरों में भी प्राथमिक स्तर के स्कूलों में हिंदी पढ़ाई जाती है. स्वीडन के स्काटहोम विश्वविद्यालय में हिंदी का आधारभूत पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है. उप्पसला विश्वविद्यालय में हिंदी पढ़ाई जाती है.
दक्षिण अफ्रीका:
 दक्षिण अफ्रीका के यूनिवर्सिटी आफ डरबन में [डरबन शहर] में स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री के लिए हिन्दी पठान की व्यवस्था है. 50 विद्यालयों में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा की परीक्षाओं के लिए हिंदी पढ़ाई जाती है.
चीन: चीन के बीजिंग विश्वविद्यालय में ‘’पूर्वी भाषाएं और साहित्य विभाग’’ में स्नातक डिग्री के लिए हिंदी की पढ़ाई होती है
ब्रिटेन:
 ब्रिटेन के लंदन विश्वविद्यालय एवम कैंब्रिज विश्वविद्यालय में बीए एम्ए. के स्तर पर ‘’भाषा विज्ञान’’ विषय के रुप में हिंदी के अध्यापन की व्यवस्था है.
जर्मनी: 
जर्मनी के हुम्बोल्ट विश्वविद्यालय, बर्लिन स्थित फ्री विश्वविद्यालय, बर्लिन स्थित ही लीपजिंग विश्वविद्यालय, मार्टिनलूथर विश्वविद्यालय, बान विश्वविद्यालय, हाईडेलबर्ग विश्वविद्यालय, और हैम्बर्ग विश्वविद्यालय में नियमित रुप से हिंदी पढ़ाई जाती है. यहां के अन्य कई विश्वविद्यालयों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है.
रूस :
 रूस में मास्को स्थित ‘’प्राच्य अध्ययन संस्थान’’ और पेतेरबर्ग स्थित ‘’: प्राच्य भाषा संस्थान’’ में 1920 से हिंदी पढ़ाई जा रही है. व्लादिवोस्तोक स्टेट यूनिवर्सिटी में भी हिंदी पढ़ाई जाती है.
स्विट्ज़रलैंड :
 स्विट्ज़रलैंड में लवसाने और ज्यूरिख के विश्वविद्यालयों में हिंदी के प्रारंभिक पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते हैं.
इटली : 
इटली के नेपल्स और वेनिस विश्वविद्यालयों में इन्डोलाजी एंड फॉरईस्ट विभागों में हिंदी के उच्च स्तरीय पठन की व्यवस्था है. मिलान इंस्टिट्यूट फॉर मिडिल ईस्ट, मिलानविश्वविद्यालय और ट्यूरिन विश्वविद्यालय के ‘’आधुनिक आर्य परिवार की भाषाओं का विभाग’’ में हिंदी की शिक्षा दी जाती है.
हालैंड :
 हालैंड के लायडन विश्वविद्यालय में हिंदी का 4 वर्षीय शिक्षण पाठ्यक्रम है. इसके अलावा निजी संगठन भी हिंदी सिखाते हैं.
ऑस्ट्रेलिया :
 ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा स्थित विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर पर ऐच्छिक विषय के रूप में हिंदी का अध्ययन होता है. लात्रोवे, मोनाश तथा क्वींसलैंड के विद्यापीठों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है, अन्य देशो जैसे डेनमार्क, पोलैंड, चेक गणराज्य,हंगरी, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, क्यूबा, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, रोमानिया, क्रोशिया गणराज्य, मंगोलिया, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, तुर्की, थाईलैंड, रीयूनियम, अर्जेंटीना, सऊदी अरेबिया, ओमान, बहरीन, मलेशिया, ताइवान, सिंगापुर, केन्या, कुवैत, इराक, ईरान, तंजानिया, जांबिया, बहरीन, बोत्सवाना और इंडोनेशिया के स्कूलों में हिंदी का अध्यापन होता है.
हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के कराची लाहौर विश्वविद्यालय तथा इस्लामाबाद की स्कूल ऑफ मॉडर्न लैंग्वेजेस में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा स्तर पर हिंदी पढ़ाई जाती है. श्रीलंका में डिग्री कोर्स तक हिंदी पढ़ाई जाती है. हमारे पड़ोसी नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर और पीएचडी तक की हिंदी सुविधा है. बांग्लादेश में हिंदी का 4 वर्षीय कोर्स है .भूटान के 8स्कूलों तथा बर्मा के मंदिरों, धर्मशालाओं व गैर सरकारी स्कूलों में हिंदी पढ़ाई जाती है. तो यह है हमारे पड़ोसी देशों में हिंदी की स्थिति. कुछ ऐसे भी देश है, जहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां भाषा के साथ साथ भारतीय संस्कृत को भी आगे बढ़ा रहे हैं. वहाँ हिंदी में पत्र पत्रिकाएं भी निकलती हैं. जैसे मारीशस, फिजी, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो.
मारीशस :
 मारीशस के लगभग 350 गैर सरकारी स्कूलों में सांध्यकालीन पढ़ाई होती है. माध्यमिक पढ़ाई के करीब 30 सरकारी और 100 गैर सरकारी विद्यालयों में 25000 विद्यार्थी प्रतिवर्ष हिंदी पढ़ते हैं. यह आंकड़ा बढ़ गया है. महात्मा गांधी संस्थान में डिप्लोमा कोर्स, अध्यापकों के लिए पीजी डिप्लोमा कोर्स 3 वर्ष का, हिंदी में बीए ऑनर्स कोर्स, फिजी में पहली व दूसरी कक्षा में हिंदी शिक्षा का माध्यम है तीसरी कक्षा से हिंदी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है. विश्वविद्यालयों में भी हिंदी पढ़ाई जाती है. सूरीनाम में सबसे ज्यादा विश्व विद्यालयों में हिंदी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है. सन 1977 से हिंदी परिषद द्वारा आयोजित पाठ्यक्रमों में तकरीबन एक हजार से ज्यादा छात्र हिंदी की परीक्षाएं देते हैं. भारतीय संस्कृति के केंद्र में भी हिंदी पढ़ाई जाती है त्रिनिदाद एवं टोबैगो यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टइंडीज और नीहस्ट में दो प्रोफेसर हिंदी पढ़ाते हैं.
वेस्टइंडीज 
विश्वविद्यालय में हिंदी पीठ की स्थापना की गई है. यहां के अनेक विद्यालयों में हिंदी का पठन – पाठन होता है तथा हिंदी के अध्यापकों को प्रशिक्षित किया जाता है. गुयाना में ‘’हिंदी प्रचार’’ सभा द्वारा यहां के मंदिरों में लगभग सब पाठशालाएं हिंदी की प्राथमिक और माध्यमिक परीक्षा की व्यवस्था करती हैं. कुछ माध्यमिक स्कूलों में6:00 से 8:00 तक हिंदी पढ़ाने का बंदोबस्त है गुयाना विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ आर्ट के स्तर पर हिंदी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है ‘’भारतीय सांस्कृतिक केंद्र’’ ने जार्जटाउन में हिंदी पढ़ाने के लिए एक अध्यापक नियुक्त किया है. 1907 में भारत से मॉरीशस गए डॉक्टर मणिलाल 2 वर्ष बाद 15 मार्च 1909 में ‘’हिंदुस्तान’’ नाम से एक पत्रिका प्रकाशित की.... पूरा लेख लिंक पर पढ़ें
https://wp.me/p84t5r-1JV

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