Saturday 21 January 2017

 देश के चारों कोनों में हिन्दू ही निशाने पर...

 जब हम भारत पर निबंध लिखने लगते हैं तो हमेशा यही लिखते है कि भारत में विभिन विविधिताओं के होने के बाबजूद भी एक है। लेकिन जब इसकी सच्चाई को हम देखने लगते हैं तो हमे कुछ और ही मिलता है। 75% हिन्दू होने के बाबजूद भी सिर्फ हिन्दुओ का ही दमन किया जा रहा है हिन्दू नमस्तक होकर घोड़े बेचकर सो रहे हैं। हिन्दुओ के त्योहारों के आने पर सभी सेक्युलर जाग जाते हैं और हिन्दुओ के त्योहारो का विरोध करने लगते है फिर चाहे वो नवरात्रे हो या फिर दीपावली इन सेक्युलरो को हिन्दुओ के सभी त्योहारो से ना जाने क्यों दिक्कत होती है।
अगर एक प्रश्न मन में आये की, दुनिया में ऐसा कौन सा समाज है जो सबसे अधिक खंड खंड है
और जो अपनी संस्कृति के प्रति बिलकुल जागरूक नहीं है, तो आप बिना 1 सेकंड की देरी किये ही जवाब दे सकते है, और वो समाज है हिन्दू समाज, और आप माने न माने ये सच है
भारत का नक्शा उठाकर देख लीजिये, 1947 में ही इस देश का बंटवारा हुआ था, और 1947 के बाद भारत का ऐसा कौन सा इलाका है, जहाँ हिन्दुओ को निशाना न बनाया गया हो
पूर्वी भारत का राज्य है पश्चिम बंगाल, वहां का प्रमुख त्यौहार है, दुर्गा पूजा, मतलब ये सबसे मुख्य त्यौहार है, किसी भी बंगाली हिन्दू से इसकी पुष्टि आप कर सकते है
जब भी दुर्गा पूजा आती है, सेक्युलर तत्व और NGO वाले फ़ौरन उसका विरोध करते है, और कहते है की दुर्गा की मूर्तियों के कारण नदी ख़राब हो रही है, समन्दर में कचरा हो रहा है, दुर्गा पूजा बंद होनी चाहिए
उसी तरह पश्चिम भारत का प्रमुख राज्य है महाराष्ट्र, यहाँ गणेश पूजा के अलावा सबसे प्रमुख त्यौहार है दही हांड़ी, अभी आपने पिछले साल ही देखा सेक्युलर NGO की याचिका पर सेक्युलर सुप्रीम कोर्ट ने कितनी जल्दी दही हांड़ी पर नियम बना दिए
दक्षिण भारत का प्रमुख राज्य है तमिलनाडु, और वहां का प्रमुख हिन्दू त्यौहार है पोंगल
पोंगल पर जलीकट्टू की परंपरा है, जिसमे जानवर को नुक्सान नहीं पहुँचाया जाता, तुरंत NGO वालो ने हिन्दुओ के इस त्यौहार को भी निशाने पर लिया और
सेक्युलर सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत रोक लगा दी
और दीपावली की तो बात ही क्या करनी, भारत का सबसे बड़ा त्यौहार है ये, और उत्तर भारतियों का तो ये सबसे प्रिये त्यौहार है पर सेक्युलर तत्वों और वामपंथियों ने इस त्यौहार को भी निशाने पर लिया
और हर दीपावली पर हिन्दुओ को नीचा दिखाने के लिए, दीपावली की समस्या गिनवाई जाती है, उसी तरह होली पर भी पानी का मुद्दा ये सेक्युलर तत्व उठाते है, ये NGO वाले उठाते है
पर इसी देश में बकरीद भी आती है, जिस दिन करोडो जानवरो का तो गला रेत रेत काट क़त्ल किया जाता है
क्या कोई NGO सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, कोई अनुष्का शर्मा जैसे लोग बकरीद के खिलाफ बोलते दिखाई दिए
अरे भैया जल्लीकट्टू में तो जानवर को नुक्सान तक नहीं पहुँचाया जाता फिर भी वो बर्बर है, बकरीद में तो बाकायदा क़त्ल पर क़त्ल किये जाते है, फिर भी कोई सेक्युलर चूं तक नहीं करता
आप देख सकते है, भारत के हर कोने में सेक्युलर तत्वों और NGO वालो के निशाने पर सिर्फ और सिर्फ हिन्दू ही है, और ये इस बात को साफ़ करती है, की हिन्दुओ को ही सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जाता है क्योंकि
वो एकजुट नहीं है, और यही इस देश का कड़वा सच है

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