Friday 14 October 2016

सवाल : अरे मौलाना.. काहे बेचारी को पीट रहे हो ?
जवाब : "अरे जाओ.. देश तुमसे सम्हल नहीं रहा, आ गए मेरी बीवी को सम्हालने ?"
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सवाल : अरे मौलाना.. तीन पहले से थी । अब चौथी भी ले आये ?
जवाब : "अबे जाओ.. काला धन वापस आया ? आ गए सबके खाते में 15 लाख ? जब मेरी बीबी के खाते में 15 लाख डलवा देना तब आना मेरी बीबियाँ गिनने ।"
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सवाल : अरे मौलाना.. काहे तलाक दे दिए बे बीबी को ?
जवाब : "अच्छा ? बड़ी चिंता है मेरी बीबी की ? तो आरक्षण दे दो न उसे ?"
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सवाल : अबे मौलाना.. अबे काहें संगसार कर रहे हो बे बेचारी को ?
जवाब : "Border तो तुमसे सम्हल नहीं रहा । अब यहाँ मुल्क में जंग छेड़ना चाहते हो ? खुद अपनी बीबी को छोड़ रखा है और हमारी बीबियों की चिंता में मरा जा रिया है । याद रखिए, बीबी को पीटने से रोकना हमारे मजहब में दखलंदाज़ी है ।"
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ऐसे ऐसे जवाब दे रहे है AIMPLB वाले। AIMPLB (आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड) एक NGO है, जो आतंकियों के पैसे से पलती है ... 30 सालों से इस NGO ने विदेश से और आतंकियों से मिले चंदे का कोई ऑडिट भारत सरकार को नही दिया ... और ये NGO अपनेआप को भारत के 20 करोड़ मुस्लिम का ठेकेदार समझते है !!
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(ये NGO चाहती है कि ... "शरिया कानून" से जब भी मर्जी पड़े तब मुस्लिम अपनी बीवी को तीन तलाक देकर छोड़ दे, जमींन में आधी गाड़कर उसका माथा पत्थरो से भून दे ... इसमें भारतीय कानून दखल न दें... लेकिन बलात्कार-हत्या मामले में मुस्लिम अपराधी का "शरिया कानून" से हाथ पैर लिंग काटने के बजाय "भारतीय कानून" से कोर्ट प्रोसेस और "जमानत" मिल जाए ...
इन शॉर्ट... महिला को शरिया कानून से 'टॉर्चर' और अपराधियों को भारतीय कानून से "मिठाई" )
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-------------- दोगलापन Exposed

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