Monday 19 September 2016



#Dalit_Politics

आपको याद होगा, कुछ माह पूर्व चेन्नई रेलवे स्टेशन पर एक लड़की की चाकुओं से गोदकर हत्या की गई थी. पुलिस ने उसके हत्यारे रामकुमार को पकड़ लिया. चेन्नई रेलवे स्टेशन से भागते हुए रामकुमार की CCTV फुटेज, रामकुमार के खून सने कपड़ों और उसके इकबालिया बयान के बाद यह सिद्ध हो गया कि हत्या उसी ने की है... रामकुमार को जेल भेज दिया गया. परसों जेल में रामकुमार ने आत्महत्या कर ली. यहाँ तक तो आपको इस मामले में कोई ट्विस्ट नहीं दिखाई दिया होगा... सीधा-सीधा मामला है... लेकिन नहीं, आप चूक कर रहे हैं.. आप "भारतीय लोकतंत्र"(??) और वोट बैंक की ताकत कम करके आँक रहे हैं... -- असली पेंच तो अब शुरू हुआ है, क्योंकि हत्यारा रामकुमार "दलित" निकला... और लड़की ब्राह्मण थी.

अब तमिलनाडु में (जहाँ 69-73% आरक्षण है), रामकुमार की मौत को लेकर "दलित राजनीति" शुरू हो गई है. कहा जा रहा है कि -

१) रामकुमार को जेल में षड्यंत्रपूर्वक मरवा दिया गया...
२) चूँकि वो दलित था, इसलिए ब्राह्मण लड़की के घरवालों ने ही "ऑनर किलिंग" की और "बेचारे" रामकुमार को फँसा दिया...
३) चूँकि जयललिता ब्राह्मण हैं, इसलिए वे इस मामले की जाँच में रूचि नहीं ले रहीं...
४) नारे भी लग रहे हैं.... "रामकुमार के परिवार को मुआवज़ा दो... दलित अत्याचार बन्द करो..."

मुसलमानों के साथ "प्रेम की पींगें" बढ़ाकर, अब दलित नेता भी उन्हीं के समान "Tactics" सीखने लगे हैं... जय हो... जय हो...
Suresh Chiplunkar

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