Thursday 15 September 2016

पाप से मुक्ति नही मिलती 
पाप करें और भुगतना ना पड़े यह ईश्वर कि न्याय व्यबस्ता के विपरीत है | कारण कोई अग्नि में हाथ डाले और मानलें कि हाथ को जलने से अल्लाह, या गॉड बचा | यह तो उनलोगों के लिए संभव है किन्तु हिन्दुओं के लिए यह कदापि संभव नही | हिन्दू यह जानता है और मानता भी है कि आग में हाथ डालेंगे तो हाथ को जलना ही है| यहाँ भी यही बात है हिन्दू जानता है पाप करेंगे तो उसका फल भोगना ही है |
इसाई,और मुसलमान मानते है, अल्लाह क्षमा करदेंगे, हमारी यह मान्यता नही कि पाप हमारा भोगे बिना क्षमा कर दे परमात्मा | जब यहाँ हिन्दू कि मान्यता अलग, फिर कोई कहे हिन्दूइसम और इस्लाम बराबर है | दोने में मेल है तो यह कोरा झूठ है | इसपर ऋषिदयानंद के विचार क्या है उसे पढ़ें |
और इसपर मेरे विडिओ भी सुनें जो मेरे साईट वैदिकज्ञान. इन में देखें, फेसबूक में भी देखें | जो लोग सत्य से विमुख हैं | सत्य से कोसो दूर हैं ऐसे ना समझ लोग इस सत्य को स्वीकार नही करते और ना वह कर सकते हैं | कारण यही तोअल्लाह व गॉड का कहना है कि मैं दयालु नही हूँ तुम्हारे गुनाहों को माफकरने वाला |
मैं बहुत दिनों से कहता आरहा हूँ कि ईश्वर औरअल्लाह दो नाम अलग दोनों में गुण अलग | परमात्मा मानव मात्र का है, अल्लाह सिर्फ मुसलमानों का है | अल्लाह ने गैर मुस्लिमों को काफ़िर बेदीन बताया, मुस्लिम और गैर मुस्लिम बताया कुरान में | परमात्मा के पास भेद नहीं मानव मात्र के लिए परमात्मा का उपदेश है, फिर दोनों को एक बताना कहना मानना मिथ्याचार है | परमात्मा पाप क्षमा नही करते सजा देते हैं | अल्लाह मुसलमानों के गुनाहों को माफ करते है दूसरों के नही | फिर दोनों एक कैसे ? देखें पोस्ट नीचे |
महेन्द्रपाल आर्य- वैदिकप्रवक्ता= 15/9/16=

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