Sunday 26 June 2016

NSG का गम हुअा कम, उससे बड़े ग्रुप में भारत को मिली सदस्यता

भारत ने मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) की सदस्यता पाने के सफलता प्राप्त कर ली है।

चीन, स्विट्ज़रलैंड और ब्राजील जैसे देशों के अड़ंगे के बाद भारत को भले ही न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) में सदस्यता नहीं मिल पायी हो लेकिन भारत ने मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) की सदस्यता पाने के सफलता प्राप्त कर ली है। गौरतलब है कि भारत कई सालों से MTCR की सदस्यता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा था।
मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार के विदेश सचिव एस. जयशंकर जल्द की इससे  सम्बंधित दस्तवेजों पर हस्ताक्षर करेंगे। MTCR दुनिया के उन चार बड़े संगठनों में शामिल है जो  एनएसजी के समकक्ष हैं। जब भारत और अमेरिक के बीच साल 2008 में परमाणु करार की बातचीत चल रही थी तब से भारत इसमें शामिल होना चाहता था। 
 क्या है मिसाइल टेक्नॉलोजी कंट्रोल रिजीम MTCR ? 
प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (Missile Technology Control Regime), जिसे संक्षिप्त में ऍम॰ टी॰ सी॰ आर॰ (MTCR) भी कहते हैं, कई देशों का एक अनौपचरिक संगठन है जिनके पास प्रक्षेपास्त्र व मानव रहित विमान (ड्रोन) से सम्बन्धित प्रौद्योगिक क्षमता है और जो इसे फैलने से रोकने के लिये नियम स्थापित करते हैं। जून 2016 में इसमें 35 देश शामिल थे।
ग़ैर-सदस्यों को प्रक्षेपास्त्र व ड्रोनों से सम्बन्धित प्रौद्योगिकी ख़रीदने व बेचने दोनों में कठिनाईयाँ होती हैं। सदस्यों में यह आपसी नियम है कि यदि एक सदस्य किसी देश को कोई तकनीक या उपकरण देने से मना कर दे तो हर अन्य सदस्य भी उस देश को मना कर देता है।

No comments:

Post a Comment