Saturday 18 June 2016



DTH चैनल के जरिए कोचिंग
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि छात्रों को पढ़ाने के लिए हम एक 24 घंटे वाला डीटीएच चैनल लाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें बच्चों को आईआईटी में पढ़ाने वाले शिक्षक और अन्य विशेषज्ञों द्वारा पढ़ाया जाएगा।

रोजाना चार घंटे की क्लास 
इन कक्षाओं का प्रसारण रोजाना दिन में चार घंटे लाइव किया जाएगा। इसके बाद दिन में 6 बार इन कक्षाओं का रिपीट टेलिकास्ट भी होगा। इससे एक बार में लेक्चर छूट जाने पर भी बच्चे रिपीट टेलिकास्ट में दुबारा उसे आसानी से समझ सकेंगे।

एप भी लॉन्च करने की तैयारी
चैनल के अलावा मंत्रालय इसके लिए आईआईटी पीएएल नामक एक ऐप भी लांच करने की तैयारी कर रहा है। जिसमें सभी चैप्टर्स को डाउनलोड करके छात्रों को उपलब्ध कराया जाएगा। गौरतलब है कि आईआईटी में दाखिला लेने के लिए छात्र कोटा में बड़े पैमाने पर महंगी कोचिंग लेते हैं।

परीक्षा पास करने के दबाव में कई छात्र आत्महत्या भी कर रहे हैं। ऐसे में सरकार की ओर से चैनल का विचार सामने आने के बाद बच्चों को काफी राहत मिलेगी और उन्हें पढ़ने के लिए अपने इलाके से बाहर जाने की भी जरूरत नहीं होगी।

इनोवेटिव विचार बढ़ेंगे
इस तरह से बच्चों को पढ़ाने के पीछे मंत्रालय का उद्देश्य उनमें इनोवेटिव विचारों को बढ़ावा देना, समस्या को हल करने की क्षमता विकसित करना और चुनौती का सामना करने वाली सोच पैदा करना है। इसके अलावा किसी भी विषय को समझाने का यह एक अलग वैज्ञानिक तरीका होगा। इससे बच्चों को बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाएगी।   

गरीब छात्रों के लिए योजना
चैनल के माध्यम से आईआईटी की कोचिंग देने के केंद्र में गरीब तबके के और सुदूर इलाकों में रहने वाले छात्र हैं। क्योंकि संपन्न परिवारों के बच्चे आसानी से कोचिंग में पढ़ सकते हैं। इस चैनल को आईआईटी दिल्ली या केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) आपरेट कर सकते हैं। चैनल के जरिए बच्चों को पढ़ाते वक्त गुणवत्ता का खास ध्यान रखा जाएगा। इसमें चैप्टर को रटने की पद्वति से नहीं बल्कि बच्चों की सोचने-विचारने की शक्ति को उभारने का प्रयास किया जाएगा।

हिंदी, अंग्रेजी से होगी शुरूआत
शुरूआत में इस चैनल में बच्चों को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ाया जाएगा। इसके बाद अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में इसका विस्तार किया जाएगा। आईआईटी में दाखिले के लिए इस चैनल के जरिए बच्चों को केवल ग्यारहवी और बारहवीं कक्षा का ही पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। इसके अलावा बाहर से कुछ भी नहीं पढ़ाया जाएगा। इससे न केवल आईआईटी में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों को लाभ होगा बल्कि ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में पढ़ रहे बच्चे भी इसका लाभ ले सकेंगे।

देशभर में देखा जा सकेगा चैनल
चैनल की शुरूआत गरीब छात्रों को ध्यान में रखकर की जा रही है। इसलिए इसे दूरदर्शन के बैंड में शामिल किया जाएगा। दूरदर्शन के बैंड में शामिल होने से देशभर में किसी भी इलाके में इसे आसानी से देखा जा सकेगा। चैनल पर चैप्टर्स का टेलिकास्ट होने के बाद बच्चों के सवाल और दुविधाओं का समाधान करने के लिए एक हेल्प सेंटर और ईमेल एड्रेस दिया जाएगा। इसपर बच्चे अपने सवाल भेजकर शिक्षकों से उनका सीधा जवाब ले सकेंगे।

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