Friday 13 May 2016



जानि‍ए कैसे चर्च कंट्रोल करता है तमि‍लनाडु की राजनीति .
 इन दिनों तमिलनाडु में चुनावी माहौल बना हुआ है। सत्ता पाने के लिए सभी राजनीतिक दल दांव पेच लगा रहे हैं। तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 243 सीट पर 16 मई से चुनाव होंगे। तमिलनाडु में राजनीतिक दल लोगों को रिझाने में भूमिका तो निभाते है ही लेकिन अहम भूमिका वहां के चर्च निभाते हैं।
तमिलनाडु की राजनीति और चर्च 
swarajyamag के मुताबिक रोमन कैथोलिक चर्च के साथ-साथ दक्षिण भारत की प्रोटेस्टेंट चर्च भी वहां की राजनीति में पूरा योगदान देता है। वहां के राजनितिक माहौल के अनुसार कह सकते हैं कि तमिलनाडु की राजनीति की सारी शक्तियां और रणनीतियां वहां के चर्च के पास है। चर्च ही लोगों से वोट डालने की अपील करता है और साथ ही ये भी बताता है कि किस पार्टी को वोट देना है किसको नहीं। इन चर्चों ने लोगों पर बहुत गहरा प्रभाव डाला हुआ है।
जानि‍ए कैसे चर्च कंट्रोल करता है तमि‍लनाडु की राजनीति
जानि‍ए कैसे चर्च कंट्रोल करता है तमि‍लनाडु की राजनीति
चुनावी रणनीति तैयार करते हैं चर्च
ये चर्च ही यहां की चुनावी रणनीति तैयार करते हैं। इन चर्चों का दक्षिण भारत के तटीय गांवों की आबादी पर एक तरफा बोलबाला है। यहां की चर्च फैसला करती है कि तटीय समुदाय के लोगों को क्या करना है और क्या नहीं। किस मुद्दे को राष्ट्रीय या क्षेत्रीय प्राथमिकता देनी है। इसके पास सरकार से बातचीत के अलावा अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करने की भी पावर होती है।
https://twitter.com/PaulDhinakaran_/status/729952112159793153
तमिलनाडु और केरल में चर्च का दवाब
स्वतंत्र भारत के बाद भी विशेष रूप से तमिलनाडु और केरल में चर्च का दवाब बना हुआ है। यहां चर्च युग का अंधकार फैला हुआ है। तमिलनाडु में चर्च संचालित संस्थानों में छात्राओं की मौत रहस्यमय बनी हुई है। जिनका अभी तक कोई खुलासा नहीं हुआ है। द्रविड़ पार्टियों की राज्य सरकार भी चुप्पी साधी रहती है। चितबवनंदा तमिलनाडु के प्रसिद्ध शिक्षाविद् ने मदुरै प्रधान पादरी द्वारा हिंदू-ईसाई मुठभेड़ पर बयान दर्ज किया था। उन्होंने इस पर कहा कि द्रविड़ आंदोलन एक टाइम बम है जो चर्च द्वारा हिंदू धर्म को नष्ट करने के लिए स्थापित किया था।
अलगाववादियों को सर्मथन देता है चर्च
भारत में चर्च आंतरिक अलगाववादियों को समर्थन देने के लिए जाना जाता है। 2007 में अलगाववादी तमिल ईलम के लिबरेशन टाइगर्स ने तमिल मछुआरों का अपहरण कर लिया था। चर्च ने उनको छुड़ाने की बजाए अलगाववादियों का साथ दिया। एलटीटीई एक आतंकवादी संगठन है।  2016 विधानसभा चुनाव  के लिए बिशप कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) गठबंधन का समर्थन कर रहे है। तमिलनाडु के राजनीतिक दल के वोट बैंक की राजनीति में लिप्त है। चुनाव प्रचार करने के लिए तरह-तरह की रणनीतियां कर रही है।
तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव 
बता दें कि विचार-विमर्श के बावजूद द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) तथा कांग्रेस के बीच तमिलनाडु में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर समझौता नहीं हो पाया है। एम करुणानिधि के पुत्र एमके स्टालिन ने कहा, “दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी। अब कांग्रेस अपने नेतृत्व से विचार-विमर्श कर दोबारा बात करेगी।

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