Sunday 20 March 2016

गुमनामी बाबा के ज्यादातर बक्से खोले जा चुके है .. उसमे मिले सामानों से साबित हो गया है की गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे .. उनका चश्मा, उनकी कई फेमिली फोटो, उनकी रोलेक्स और ओमेगा की घड़ी, हिटलर का दिया हुआ सामान जिस पर हिटलर के दस्तखत है .. खोसला आयोग का ओरिजनल सम्मन की मूल प्रति, और भी कई अन्य चीजे ...अब पता चला की आखिर नेहरु के मरने पर गुमनामी बाबा उन्हें श्रधान्जली देने क्यों गये थे ..
सोचिये .. नेताजी 1985 तक हमारे बीच जीवित रहे .. वो इस देश की हालात को देखकर क्या सोचते होंगे ? उनके दिल पर क्या गुजरती होगी जब वो सोचते होंगे क्या यही सब देखने के लिए मैंने इतनी बड़ी लड़ाई लड़ी ? और आज मै अपनों के बीच ही गुमनामी में जी रहा हूँ ...
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