Wednesday 2 March 2016

जाट आंदोलन के दौरान बैंक गार्ड हवा सिंह ने
 जान पर खेलकर बचाए जनता के 137 करोड़ रुपए   

-गार्ड के परिवार को है  जान का खतरा, मंत्री  का भरोसा

गुडग़ांव। केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि वो जाट आंदोलन के दौरान झज्जर में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में प्रदेश की जनता की जमा पूंजी की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा कर बैंक को लुटने से बचाने वाले गार्ड हवा सिंह यादव को बहादुरी का खिताब दिए जाने की सिफारिश करेंगे। इस बैंक में जनता के करीब 137 करोड़ रुपए जमा थे। उपद्रवियों ने बैंक को चारों ओर से घेर कर अंदर घुसने की कोशिश की थी, जिसे हवा सिंह ने अकेला होने के बावजूद विफल कर दिया। उपद्रवियों ने बैंक को आग के हवाले भी कर दिया था, फिर भी हवा सिंह अपनी ड्यूटी पर डटे रहे। 
राव इन्द्रजीत सिंह ने मंगलवार को हवा सिंह यादव का कुशलक्षेम पूछने के लिए गुडग़ांव के आर्वी अस्पताल में पहुंचे थे। उन्होंने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से बातचीत की और ईश्वर से हवा सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। अस्पताल के डॉक्टर विक्रम यादव ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हवा सिंह जब अस्पताल आए तो उनकी तबीयत काफी खराब थी और उनके फेफड़ों में काफी धुआं चले जाने के कारण उन्हें सांस लेने में काफी परेशानी हो रही थी लेकिन अब उनके स्वास्थ्य में काफी सुधार है और उन्हें अस्पताल से जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। 
राव इन्द्रजीत सिंह ने कहा कि जब पूरा हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन की आग में जल रहा था और सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे थे ऐसे समय में हवा सिंह ने अपनी जान का जोखिम उठाते हुए जनता के 137 करोड़ रूपये को बचाया। उन्होंने कहा कि हवा सिंह के इस जज्बे को हम सलाम करते हैं, जिन्होंने समाज में बहादुरी का एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने हवा सिंह से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार उनके साथ है और उनकी सहूलियत व स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। हवा सिंह ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि उपद्रवियों द्वारा बैंक में पैसे लूटने की हर संभव कोशिश की गई लेकिन उन्होंने उपद्रवियों का डटकर मुकाबला किया और बैंक को लूटने से बचाया। 
राव इन्द्रजीत सिंह ने अस्पताल में उनके साथ आए गुडग़ांव के विधायक उमेश अग्रवाल से कहा कि वे हवा सिंह के अस्पताल से छुट्टी मिलने से लेकर उनके पूरी तरह से स्वस्थ होने तक हवा सिंह का गुडग़ांव में रहना सुनिश्चित करें ताकि जरूरत पडऩे पर वे संबंधित अस्पताल में चैक-अप के लिए आ सके। उन्होंने कहा कि विधायक कोशिश करें कि हवा सिंह अस्पताल के आस-पास के एरिया में ही रहे ताकि जरूरत पडऩे पर वे तुरंत अस्पताल उपचार के लिए आ सके। अस्पताल में हवा सिंह के अभिभावकों ने केन्द्रीय मंत्री को बताया कि हवा सिंह के परिजन इस पूरे घटनाक्रम को लेकर खौफ के साये मे जी रहे हैं और काफी चिंतित हैं जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने हवा सिंह को आश्वासन दिलाया कि हवा सिंह के परिवार को पूरी सुरक्षा मिलेगी और उन्हें डरने की जरूरत नहीं है, उनकी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। 
केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि देश में जब भी बहादुरी की मिसाल दी जाएगी तो उसमें हवा सिंह यादव को अवश्य याद किया जाएगा। राव ने इस जांबाज की पीठ थपथपाते हुए उन्हें बहादुरी का खिताब सरकार से दिलवाने का आश्वासन दिलाया। 
इस दौरान उनके साथ गुडग़ांव के विधायक उमेश अग्रवाल, भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौहान, गुडग़ांव के मेयर बिमल यादव, एसडीएम वत्सल वशिष्ट, निगम पार्षद रविन्द्र यादव, समाजसेवी विवेक यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 



हजारों उपद्रवियों से कई घंटे जुझता रहा हवा सिंह


अनिल आर्य / विनीत नरूला, झज्जर। 21 फरवरी को स्थानीय उपद्रवियों ने जब झज्जर की स्टेट बैंक ऑफ पटियाला को निशाना बनाते हुए बैंक में जमा लगभग 137 करोड़ रूपए की राशि को लूटना चाहा, तो सुरक्षा गार्ड हवा सिंह यादव ने अपनी जान की परवाह किए बिना कई घंटे तक उपद्रवियों का डट कर सामना किया और उन्हें बैंक से भगाने में कामयाब  रहा। 
बैंक के मैनेजर राजेश पाहुजा ने Khabar Live से बात करते हुए बताया कि 21 फरवरी को शहर में कर्फ्यू होने की वजह से बैंक बंद था। शाम को करीब 5 बजे दंगाइयों ने बैंक पर हमला बोला। उससे पहले इन दंगाइयों ने छिकारा चौक पर शराब का ठेका लूटा।  उसके बाद बैंक के ATM को उखाड़ने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए।  क्योंकि ATM मशीन को जमीन में बहुत मजबूती से लगाया गया है। उस दौरान गार्ड हवा सिंह ने बैंक के दरवाजे अंदर से बंद कर लिए थे। ATM लूटने में नाकाम होने पर दंगाइयों ने बैंक में घुसकर लूटपाट करनी चाही मगर गार्ड हवा सिंह ने अंदर से फायरिंग शुरू कर दी। एक दंगाई की मौत होने के बाद बड़ी संख्या में वो फिर आ गए और बैंक को चारों ओर से घेर लिया। दंगाइयों ने बैंक के दरवाजे-खिड़कियों को तोड़ने का भरसक प्रयास किया मगर बहादुर गार्ड अंदर से लगातार फायरिंग करता रहा। इसके बाद दंगाइयों ने शराब की बोतलों को पेट्रोल बम की तरह प्रयोग करके टूटी खिड़कियों से अंदर फेंकना शुरू कर दिया। जिससे बैंक में अंदर आग लगनी शुरू हो गई। बड़ी संख्या में वो बैंक की छत पर चढ़ गए और साथ लाए हथौड़ों आदि से बैंक की छत तोड़कर अंदर आने का रास्ता बनाने के प्रयास करते रहे मगर छत नहीं टूटी एक दो जगह छोटे छेद ही हो पाए। इस बीच बहादुर हवा सिंह ने अपने आपको आग से बचाते हुए टूटी खिड़कियों से फायरिंग जारी रखी। बहार से लगातार फेंके जा रहे पेट्रोल बमों से बैंक के अंदर का पूरा फर्नीचर और रजिस्टर आग में जलकर खाक हो गया। आग स्ट्रांग रूम तक नहीं पहुंची। दंगाई रात एक बजे तक किसी भी तरह बैंक में घुसकर हवासिंह को पकड़ने और बैंक लूटने की कोशिश में लगे रहे। पर अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। गार्ड के पास पर्याप्त मात्र में गोलियां थीं जिससे उसने और दो दंगाइयों को मार गिराया।  इस बीच आग और धुएं की वजह से उसका दम भी घुटने लगा पर उसने हिम्मत नहीं हारी। उसकी इस बहादुरी से न केवल बैंक लुटने से बच गया अपितु दंगाइयों को कडुवा सबक भी सीखा दिया। हवा सिंह की इस बहादुरी की हर ओर प्रशंसा की जा रही है।



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