Saturday 6 February 2016

खतरे में है हिन्दू आस्था का केंद्र पवित्र ‘ ॐ पर्वत ‘


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ग्लोबल वॉर्मिंग का खतरा अब ॐ पर्वत पर भी दिखने लगा है। इस बार ॐ पर्वत पर हिमपात नहीं हुआ है। समुद्र तल से 6191 मीटर की ऊंचाई पर स्थित ॐ पर्वत पर अगर हिमपात पहीं हुआ तो संकट के बादल गहरा जाएंगे। यदि जल्द हिमपात नहीं हुआ तो कैलास मानसरोवर यात्री ॐ पर्वत के अद्भुत दृश्य को देखने से वंचित रह जाएंगे।

2004 से बढ़ा ॐ पर्वत का महत्व

ॐ पर्वत छोटा कैलास पर्वत पर स्थित ज्यो‍लिंगकांग के पास है। इस पर्वत के पास पार्वती सरोवर भी है। अप्रैल 2004 से छोटा कैलास की यात्रा शुरू हुई। तभी से इस पर्वत का महत्व भी बढ़ गया।
प्राकृतिक रूप से उभरा है ॐ 
ॐ पर्वत पर ॐ अक्षर प्राकृतिक रूप से उभरा है। ज्यादा हिमपात होने पर प्राकृतिक रूप से उभरा यह ॐ अक्षर चमकता हुआ स्पष्ट दिखाई देता है। इस बार फरवरी का पहला हफ्ता बीतने को है, लेकिन ऊंची चोटियों पर जमकर हिमपात नहीं हो पाया है।Om_Parvat
दर्शन को लालायित रहते हैं कैलाश यात्री
इस पर्वत में बहुत कम बर्फ रह गई है। स्थानीय ट्रैकरों और प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि यदि आने वाले महीनों में ठीकठाक हिमपात नहीं हुआ तो इस पर्वत के वास्तविक स्वरूप को देखने से यात्री वंचित रह जाएंगे। इससे पहले भी ऐसी स्थितियां सामने आ चुकी हैं। 2008 में कम हिमपात के कारण पर्वत का वास्तविक स्वरूप नजर नहीं आया। 2011 में भी कम हिमपात हुआ था और जून में शुरू होने वाली कैलास मानसरोवर यात्रा तक ॐ पर्वत में नाममात्र की बर्फ रह गई थी।
बड़ा महत्व है इस पर्वत का
इस पर्वत का पर्यटन की दृष्टि से बड़ा महत्व है। इस इलाके में जाने वाले पर्यटकों और ट्रैकरों के लिए यही एकमात्र आकर्षण का केंद्र है। कैलास मानसरोवर यात्री भी इस पर्वत को देखने को लालायित रहते हैं। इस पर्वत का महत्व कैलास पर्वत की तरह ही आंका गया है, जो लोग कैलास मानसरोवर की यात्रा नहीं कर पाते वह छोटा कैलास के दर्शन कर संतुष्ट हो जाते हैं।



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