Tuesday 19 January 2016

रोहित वेमुला ...तुम खुद को अम्बेडकरवादी कहते थे और तुम्हे बाबा साहेब अम्बेडकर के बनाये सम्विधान पर ही विश्वास नही था ?
रोहित वेमुला का आत्महत्या करना दुखद है ...लेकिन आतंकी याकूब मेमन को संत और विवेकानंद को फर्जी कहना क्या सही है ? दलित विचारक भारत में मुस्लिमो के बहकावे में आकर हिन्दू धर्म के खिलाफ जहर उगलते है ..लेकिन इन दलित विचारको को मुस्लिमो से ये पूछना चाहिए की पाकिस्तान में जो मुस्लिम दलितों पर भयंकर अत्याचार कर रहे है और आज भी भारत में हजारो पाकिस्तानी दलित शरणार्थी बनकर रह रहे है ..उस पर वो खामोश क्यों है ?
रोहित वेमुला का एक विडिओ सामने आया ..जिसमे वो एबीवीपी छात्रों से झगड़ा करते हुए कह रहा है की मुझे जहाँ भी हिन्दू नजर आएगा उसे मार दूंगा ..मुझे भगवा नजर आया तो फाड़ दूंगा ..यानी रोहित के मन में हिंदुत्व के प्रति किस कदर नफरत भरी गयी थी ये साफ़ दिखता है ....
एक सिक्यूरिटी गार्ड का बेटा रोहित जिसकी माँ सिलाई करने घर चलाती थी ..उस रोहित को पढाई लिखाई करके अपने माँ बाप का सहारा बनना चाहिए था न की मुस्लिमो और परिवर्तित दलित नेताओ के बहकावे में आकर हिंदुत्व के प्रति नफरत फैलाना चाहिए था ..
खैर .. रोहित की आत्महत्या समस्त दलित छात्रों के माँ बाप के लिए एक चेतावनी है ...

महिलाओं की सुरक्षा के लिए मुस्लिम पुरुषों को बंद रखने की मांग, भड़का दंगा


   

टो)
   डच के छोटे शहर में शरार्णाथियों के लिए एक नियोजित केंद्र खोलने के खिलाफ हुए हिसंक प्रदर्शन के दौरान दंगे भड़क गए। डच मीडिया और अधिकारियों ने बताया कि शराणर्थियों की रिकॉर्ड संख्या को लेकर बढ़ते तनाव के बीच डच के कई शहरों और गांवो में हंगामे के दृश्य देखने में आए हैं। हालांकि पुलिस ने हस्तक्षेप कर करीब 1,000 लोगों को तितर-बितर कर दिया जो सोमवार को मध्य हीश में रैली निकाल रहे थे। पुलिस ने यह नहीं बताया है कि कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया है और क्या कोई जख्मी हुआ है।
    राजनीतिज्ञ गीर्ट वाइल्डर्स ने मुस्लिम पुरुषों को शराणर्थी केंद्रों में बंद रखने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा कि नए साल के मौके पर जर्मनी के कोलोन की घटना के बाद ऐसे कदम डच महिलाओं को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हैं। उनके इस बयान के बाद दंगे भड़के।
    ‘प्रोटेस्ट ए.जेड.सी हीश’ नाम के एक फेसबुक पेज ने हीश के टाउन हॉल के बाहर समर्थकों से रैली में शामिल होने के लिए कहा था। ए.जेड.सी डच में शराणर्थी केंद्र का संक्षिप्त रूप है। नगर के अधिकारियों का मकसद एक जनसभा का आयोजन करना था ताकि अगले दस साल में शहर में करीब 500 शराणर्थियों को बसाने पर चर्चा की जा सके।
     समाचार एजेंसी एएनपी ने कहा कि माहौल खराब हो गया और बैठक को रोक दिया गया क्योंकि दर्जनों प्रदर्शनकारियों ने टॉउन हॉल में घुसने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों के समूह ने इमारत पर पटाखे और अंडे फेंके। इमारत को खाली करा लिया गया था। हालांकि पुलिस ने शाम को स्थिति पर काबू पा लिया और शांति स्थापित हो गई।

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