Friday 2 October 2015

गाँधी असल में अंग्रेजो के एजेंट थे ..
यदि आप पूरा स्वतंत्रता संग्राम पढ़ेंगे तो आपको पता चल जायेगा ...
१- महात्मा गाँधी को कभी भी अंग्रेजो ने लम्बे समय तक जेल में नही रखा .. और उन्हें जेल के बजाय पूना में आगा खान के आलिशान महल में "कैद" किया जाता था .. जबकि उस महल में सारी सुख सुविधाए थी
२- जो अंग्रेज वीर सावरकर को काला पानी देकर अंडमान की जेल में ... बाल गंगाधर तिलक को म्यांमार की मांडले जेल में कैद करते थे वो अंग्रेज हमेशा गाँधी पर मेहरबान क्यों रहे ?
३- अंग्रेजो ने हजारो सेनानियों को फांसी पर लटका दिया था .. लाला लाजपत राय की लाठियों से पीट पीटकर मार डाला... उन्ही अंग्रेजो ने गाँधी को कभी एक थप्पड़ तक क्यों नही मारा ?
४- भारत छोड़ो आन्दोलन जब अपने चरम पर था .लोग अग्रेजो के खिलाफ संगठित होकर विद्रोह करने लगे थे .. तब अचानक गाँधी ने चौरीचौरा कांड का बहाना बनाकर आन्दोलन को वापस क्यों ले लिया ??
५- नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने जब सशस्त्र हमला किया तब गाँधी ने लोगो को नेताजी के आदोलन में शामिल न होने के लिए अपील क्यों किया ?
६- जब नेताजी सुभाषचंद्र बोस बहुमत से कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जीते और उनके प्रतिद्वंदी पट्टाभिसीतारमैया को सिर्फ दो वोट मिला था ... तब लोकतंत्र का सम्मान करते हुए गाँधी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को कांग्रेस अध्यक्ष क्यों नही बनने दिया ? क्यों बयानबाजी करने लगे की पट्टाभिसीतारमैया की हार मेरी हार है और अब मेरा कांग्रेस में रहना असम्भव है ? गाँधी ने नेताजी को इमोशनल ब्लेकमेल करके इस्थिपा देने पर मजबूर कर दिया था ...
मित्रो ... ऐसे एक दो नही बल्कि सैकड़ो उदाहरण है जो साबित करते है की महात्मा गाँधी सेनानी की आड़ में असल में अंग्रजो का एक दलाल था जिसकी वजह से ही भारत को इतनी देर से आज़ादी मिली

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