Thursday 17 September 2015

अमृतसर। वे जख्मी थे, फिर भी लड़ते रहे। उन्हें ऑर्डर मिले थे पीछे हटने के। पर नहीं हटे। लौटते तो अपनी जान बचा सकते थे, लेकिन उन्होंने आगे बढ़ना स्वीकारा। उन्हें गोली लगी थी, पर वे दुश्मन को ख़ाक करने में जुटे हुए थे आैर तब तक जुटे रहे जब तक खुद ख़ाक नहीं हो गए। युद्ध में उन्होंने पाकिस्तान के 60 टैंकों को नष्ट कर दिया था। आज ही के दिन 16 सिंतबर को वे युद्ध करते हुए शहीद हो गए थे। अपनी यूनिट के लिए मरणोपरांत भी वे प्रेरक बने रहे आैर उनकी यूनिट अकेले ही पाकिस्तान से मुकाबला करती रही।  भारतीय सेना तब लगभग 35 किलोमीटर पाकिस्तानी सीमा के अंदर थी।
यहां पर भी तारापोर की यूनिट का मुकाबला पैटन टैंकों के साथ था। भारत के पास सैंचुरियन टैंक्स थे। तारापोर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे हैवी आर्टिलरी अटैक की चिंता किए बिना आगे बढ़ रहे थे। वे पाकिस्तान की जमीन पर डटे हुए थे आैर पैटन टैकों को भी मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे। इसी बीच उन्हें पीछे हटने के आदेश मिले। तारापोर ने अपने जवानों से कहा कि हम जीत के करीब हैं, अगर अब पीछे हटे तो हार का मुंह देखना पड़ेगा, इसलिए मैंने पीछे न हटने का फैंसला किया ,,
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कालवाड़। राजस्थान की सबसे ऊंची 70 फीट की महाराणा प्रताप की मूर्ति उदयपुर में लगाई जाएगी। इसके लिए जयपुर के पास बिन्दायका स्थित औद्योगिक क्षेत्र में जोरों से मूर्ति निर्माण हो रहा है। मूर्ति निर्माण के लिए लगभग 2 दर्जन कलाकार जुटे हुए हैं। बिन्दायका में स्टूडियो शिल्पिक नामक मूर्तिकला केन्द्र पर आर्टिस्ट लक्ष्मण व्यास व महावीर भारती अपने साथी कलाकारों के साथ इटालियन मोम पद्धति से अष्ट धातु की 70 फीट ऊंचीमहाराणा प्रताप की प्रतिमा बना रहे हैं। निर्माणाधीन महाराणा प्रताप की विशालकाय प्रतिमा लोगों को दूर से ही दिखाई देती है। महाराणा प्रताप की इस विशालकाय प्रतिमा को टुकड़ों में ले जाकर उदयपुर में अस्मेबल किया जाएगा। आर्टिस्ट लक्ष्मण व्यास ने बताया कि यह प्रतिमा राजस्थान की सबसे बड़ी प्रतिमा है।

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इसे कहते हैं बहादुरी! इसे कहते हैं फर्ज निभाना! अपनी जान पर खेलकर दूसरे की जान बचाने वाले पुलिस का यही असली फ़र्ज़ है बहादुर मनोज भाई की बहादुरी को और फर्ज को शत शत नमन ।
नासिक कुंभ मेले में 24 साल के युवा पुलिसकर्मी मनोज बरहते की तैनाती थी. रोज़ाना की गश्त में मनोज और उनके साथियों ने ‌एक शख़्स को नदी में कूदते हुए देखा. जब तक वो उसे रोक पाते शख्स नदी में कूद चुका था. बिना सोचे समझे, मनोज ने उसकी जान बचाने के लिए 20 फीट ऊंचे पुल से सीधे नदी में छलांग लगा दी. मनोज का ये प्रयास बेकार नहीं गया और शख़्स की जान बच गई
कर्तव्य का पालन करते हुये एक इन्सान की जान बचाने के लिये , अपनी जान की परवाह ना करने वाले पुलिस के वीर जवान कॊ शत शत नमन , हम उनको प्रणाम करते है !



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