Friday 4 September 2015

अगर अल्लाह इतना मेहरबान है तो सिरिया के रेफूजी की मदद क्यों नहीं करता।
मुसलमान एक हैं तो कोई भी मुस्लिम देश क्यों नहीं पनाह देता ISIS मुसलमानो द्वारा मारे जा रहे इन मुसलमानो को?
सीरियाई शरणार्थियों की और बदतर होती हालत वेस्ट के काफिर मुल्को का मदद के लिए आगे आना और अरबों की बेशर्मी की हद तक बेरुखी बताती है कि अरब संस्कृति और इसके लोग गलीज तरीन लोग थे, हैं और रहेंगे!
इन लोगों में इंसानियत का जरा सा भी जज्बा नहीं
इस रेगिस्तान में रहने वाले तेल बेच बेचकर अमीर तो हो गए हैं लेकिन उनकी औकात आज भी वही जो 1400 साल पहले थी।
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सीरिया: ISIS के आतंकियों ने बम से उड़ाया प्राचीन मंदिर
आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने सीरिया के पलमयरा शहर में स्थित प्राचीन मंदिर को बम से उड़ा दिया। यह जानकारी मीडिया में जारी रिपोर्ट्स से मिली।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सोमवार को सीरिया की एक मानवाधिकार पर्यवेक्षक संस्था के हवाले से जानकारी दी कि आईएस आतंकवादियों ने बाल शमीन जिन्हें 'स्वर्ग का देवता' भी कहते हैं, के मंदिर को बम से उड़ा दिया।
यह मंदिर पलमयरा में प्रसिद्ध रोमन थियेटर से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित है। ब्रिटेन के पर्यवेक्षक समूह ने पलमयरा छोड़ कर भागे नागरिकों से एकत्र की गई सूचनाओं और आपबीती के हवाले से बताया कि बताया कि मंदिर में विस्फोट एक महीने पहले किया गया था।
पलमयरा शहर प्राचीन विश्व के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्रों में से एक माना जाता है।
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आजकल लगभग सभी मुस्लिम देशों में विभिन्न कारणों से खूनी संघर्ष हो रहे हैं , जिसके फलस्वरूप रोज हजारों लोग मारे जा रहे हैं , फिर भी कुछ मुस्लिम धार्मिक नेता वास्तविकता पर परदा डालने के लिए कभी अमेरिका और कभी दुसरे देशों को इसका जिम्मेदार बताते रहते हैं .
यह तो अच्छा है कि इन देशों में हिन्दू नहीं हैं , वर्ना यह मौलवी वहां के उपद्रवों और हत्याओं के लिए आर. एस .एस का नाम लगा देते .चूंकि इन मुस्लिम देशों के उपद्रवग्रस्त और अशांत होने से विश्व के सभी देशों से प्रभाव पड़ रहा है ,जो एक चिंता का विषय है ,कि आखिर क्या वजह है ,जिस के कारण न तो यह देश शांत रहते हैं ,और न ही दूसरों को शांतिपूर्वक रहने देते हैं .क्योंकि यह समस्या मुस्लिम देशों से सम्बंधित है , जहाँ बड़े बड़े उग्रवादी संगठन मौजूद है ,इसका असल कारण कुरान और हदीसों के आधार पर अशांति फैलाने के संदेश को असली कारण बताया जाता है।





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Sanjay Dwivedy
"योगा" के बाद .. एक और नया "हिन्दी" मुहिम !!
नरेन्द्र मोदी ने 129 देशों को लिखा कि "UN assembly council" में "हिन्दी" भाषा को भी शामिल किया जाए ...!!
गुदडी के लाल पर जनता मेहरबान है।
लेकिन देश में कुछ लोग काफी परेशान। हैं।
क्योंकि ये तो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के विरोधी भी जानते हैं कि वो राष्ट्रभक्त हैं और हर कार्य राष्ट्र हित में ही करेंगे परन्तु रोटी के साथ साथ मलाई चाटने का जो चस्का लगा हुआ है वो परेशां तो करेगा ही !!!

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