Friday 7 August 2015

सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी कमला देवी हजारिका 
 क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि देश इनके बारे मे जाने ? 
असम मे चर्च द्वारा एक ईसाई धर्मप्रचारक भेजे गए थे, नाम था फादर क्रूज इन्हे असम के एक प्रभावशाली परिवार के लड़के को घर आकर अंगरेजी पढाने का मौका मिला, पादरी साहब धीरे-धीरे घर का मुआयना करने लगे, उन्हे पता चल गया कि बच्चे की दादी इस घर मे सबसे प्रभाव वाली है, इसलिए उनको अगर ईसा की शिक्षाओ के जाल मे फंसाया जाए तो उनके माध्यम से पूरा परिवार और फिर पूरा गाँव ईसाई बनाया जा सकता है, पादरी दादी माँ को बताने लगे कैसे ईसा कोढी का कोढ ठीक कर देते थे, कैसे वो अंधो को नेत्र ज्योति देते थे वगैरह-वगैरह, दादी कहती बेटा, हमारे राम-कृष्ण के चमत्कारो के आगे तो कुछ भी नही ये सब, तुमने सुना है कि हमारे राम ने एक पत्थर का स्पर्श किया तो वो जीवित स्त्री मे बदल गई रामजी के नाम के प्रभाव से पत्थर भी तैर जाता था पानी मे, पादरी साहब खामोश हो जाते पर अपनी कोशिश जारी रखते, एक दिन पादरी साहब चर्च से केक लेकर आ गए और दादी को खाने को दिया पादरी को यकीन था कि दादी नही खायेंगी पर उसकी आशा के विपरीत दादी ने केक लिया और खा गई, पादरी आँखो मे गर्वोक्त उन्माद भरे अट्टहास कर उठे, दादी तुमने चर्च का प्रसाद खा लिया, अब तुम ईसाई हो दादी ने पादरी के कान खीचते हुए, वाह रे गधे! मुझे एक दिन केक खिलाया तो मे ईसाई हो गई और मे जो रोज तुमको अपने घर का खिलाती हू, तो तू हिन्दू क्यो नही हुआ? तू तो रोज सनातन की इस आदि भूमि का वायु, जल लेता है फिर तो तेरा रोम-रोम हिन्दू बन जाना चाहिए?
अपने स्वधर्म और राष्ट्र को पथभ्रष्ट होने और गलत दिशा मे जाने से बचाने वाली ये दादी माँ थी असम की सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी कमला देवी हजारिका कौन जानता है इनको असम से बाहर ? क्या हमारा कर्तव्य नहीं है कि देश इनके बारे मे जाने ? 

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कल उधमपुर मे आतंकीयो पकडकर सेना को सौपने वाले इन दो जांबाज... शिवसेना सांसद और वीडियोकॉन ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राजकुमार धूत ने जिंदा पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकवादी नावेद को पकड़ने वाले के लिए 5 लाख के इनाम की घोषणा की है....
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जर्नलिस्ट जुबेर खान जो आईएसआईएस के प्र-भोंकता बनने के लिए बेचैन थे अब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आ गए है। उनके सत्कार के लिए बर्फ की सिल्ली और तेल पिलाये डंडे मंगा लिए गए है।
अभी इनका कोई धर्म नहीं है। एफआईआर दर्ज़ होने और तीन दिन तक लात खाने के बाद सेकुलर समुदाय इन्हें मुस्लिम घोषित कर देगा।
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ज्यादातर हिंदू मुस्लिमो के किये उस अत्याचार को भुला बैठे है जो मुगलो ,चन्गेजो ,तुर्को आदि ने हमारे हिंदू पूर्वजो पर किये .
मैं नही भुला उस वासना से भरे अलाउद्दिन को जिससे अपने सतित्तव को बचाने के लिये कैसे रानी पद्ममिनी ने चौदह हज़ार स्त्रियो के साथ जलते हुए अग्नि कुंड में कूद गयी थी .
मैं नही भुला हेमू के उस 72 वर्ष के बुजुर्ग पिता को जिसको अकबर बंदी बनाकर दरबार लाया और उस स्वाभिमानी बुजुर्ग के इस्लाम कुबुल ना करने पर कैसे उसके सर को धड़ से अलग कर दिया गया था 
मैं नही भुला उस जिहादी टीपु सुल्तान को जिसने एक एक दिन में लाखो हिंदुओ का नरसंघार किया .
मैं उस शाहजहा को नही भुला जिसने 14 बर्ष की एक बलिका के साथ कैसे अपने महल में जबरन बलात्कार किया .
मैं उस बाबर को नही भुला जिसने मेरे श्री राम प्रभु का मंदिर तोडा और लाखो निर्दोष हिंदुओ का कत्ल किया .
मैं उस सिकन्दर लोदी को नही भुला जिसने नगरकोट के ज्वालामुखि मंदिर की माँ दुर्गा की मूर्ति के टुकडे कर उन्हे कसाइयो को मांस तोलने के लिये दे दिया था .
मैं उस धूर्त जिहादी ख्वाजा मोइन्निद्दिन चिस्ती को नही भुला जिसने संयोगीता को इस्लाम कबूल ना करने पर उसे नग्न कर मुगल सैनिको के सामने फेंक दिया था .
मैं उन गुरू गोविंद सिंघ के दोनो मासूम फतेह सिंग और जोरावार को नही भुला जिन्हे मात्र 7 साल और 5 बर्ष दस माह की उम्र में इस्लाम ना मानने पर बजीर खान ने दीवार में जिन्दा चुन्वा दिया था .
मैं उस बन्दा बैरागी को नही भुला जिसकी चमडी को बजिर खान ने गर्म लोहे की सलाखो से तब तक जलाया जब तक उसकी हड्डियां ना दिखने लगी मगर उस बन्दा वैरागी ने इस्लाम स्वीकार नही किया .
मैं उस अयोध्या को नही भुला जिस पर बार बार राम मंदिर गिराने के लिये 50 से ज्यादा बार मुगलो के आक्रमण हुए और हर बार हज़ारो लाखो हिंदुओ ने कुर्वानी दी .
कहने को और लिखने को तो बहुत कुछ है! हम हिंदुओ पर हुए अत्याचारो को बताने के लिये शब्द और पन्ने कम पड़ जायेगे . !!
आप भुल सकते है
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पकड़ा गया आतंकी कह रहा - हिन्दुओं को मारने में मजा आता। ...
हथियार भी हमें भारत से ही मिले .... बिचारे बच्चे को मजा लेने से रोक दिया! .... क्यूं सेकूलरों?
अभी सेकिलरों के मुँह में दही जमा है जब यह तख्ते पर पहुचेगा तब आधी रात को सुप्रीम कोर्ट में ही खुलेगा।
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क्या आप ने इस पर सोचा है ? उधमपुर में आतंकवादी को ज़िंदा पकड़ने वाले सभी युवक हिन्दू थे अगर यह आतंकवादी किसी मुस्लिम बाहुल्य गांव में छुपता तो क्या वह के लोग इस को पुलिस के हवाले करते ?नहीं बल्कि इस को बॉर्डर पर ले जाकर भगा देते यह कटु सत्य हैl
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सुप्रीम कोर्ट जस्टिस दीपक मिश्रा को धमकी
1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा पर आखिरी मुहर लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों में से एक जस्टिस दीपक मिश्रा को दिल्ली में तुगलक रोड स्थित उनके निवास पर एक गुमनाम धमकी भरा खत मिला है।
लाल स्याही से लिखे हुए इस खत में लिखा है कि तुम कितनी ही सुरक्षा बढ़ा लो, हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे। इस धमकी भरे खत के बाद पुलिस ने याकूब को सजा सुनाने वाले तीनों जजों की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। जस्टिस मिश्रा के बंगले के बाहर भी पुलिस ने सुरक्षा का घेरा और मजबूत कर दिया है। पुलिस सभी आने-जाने वालों पर कड़ी नजर रख रही है।

IS का प्रवक्ता बनने की चाह रखने वाला पत्रकार जुबैर अहमद खान गिरफ्तार
याकूब मेमन को शहीद बताकर भारत की नागरिकता छोड़ खूंखार आतंकी संगठन आईएस का प्रवक्ता बनने की चाहत रखने वाले जुबैर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। खुद को पत्रकार बताने वाले नवी मुंबई के जुबैर अहमद खान को दिल्ली के वसंत विहार इलाके से शुक्रवार सुबह पकड़ा गया है।
जुबैर मुंबई में अचानक गायब हो गया था। कल मुंबई पुलिस ने उसकी पत्नी से पूछताछ की थी। सूत्रों की मानें तो जुबैर चार अगस्त की सुबह से दिल्ली में था। उसने दिल्ली आने से पहले फेसबुक पर स्टेटस लिखा था कि वह इराक दूतावास में जाकर आईएस का सरकारी प्रवक्ता बनने के लिए बात करेगा।



इस्लाम बँट रहा है दो टुकड़ों में ! 
एक टुकड़ा वो जो आतंक को परिभाषित करता है और दूसरा अलग हुआ वो टुकड़ा, जो सुकून से साथ जीना चाहता है ! टाईगर मेमन की माँ ने रोते हुए कहा की बस अब ये सब बंद कर दो ! दूसरी तरफ नवेद के पिता ने स्वीकारा की वो ही इस आतंकी का बदनसीब बाप है ! बुढ़ापे में ही सही , कम से कम मुसलमानों में भी शान्ति से जीवन गुजारने की इच्छा जाग रही है ! 
धीरे धीरे अब वे भी समझने लगे हैं कि आतंकवाद, जेहाद और काफिरों के क़त्ल से जन्नत नहीं मिलती बल्कि इस धरती पर आतंकवाद के साये से दूर रहकर जीवन गुज़ारना ही जन्नत के सामान है !
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