Friday 24 July 2015

vyang --

सुबह सवेरे पति उठ के तैयार हुआ योगा जाने के लिय ।
पत्नि की आखं खुल गई तो पति ने पुछ लिया
पति : प्रिय, क्या तुम मेरे साथ योगा के लिए चलना पसंद करोगी ?
पत्नि : तुम कहना क्या चाहते हो, मैं क्या मोटी हो गई हूँ.
पति : कोई बात नही, इच्छा नही है तो मत चलो.
पत्नि : मतलब, मैं आलसी हूँ ?
पति : अरे तुम गुस्सा क्यों कर रही हो ?
पत्नि : मतलब, मैं हमेशा झगड़ती हूँ.
पति : अरे, मैंने ऐसा कब बोला ?
पत्नि : मतलब कि मैं झूठी हूँ.
पति : अच्छा बाबा, मैं नही जाता हूँ.
पत्नि : मैं सब समझती हूँ, दरअसल तुम जाना ही नही चाहते थे.
पति ने चुप रहने में ही अपनी भलाई समझी और फिर सो गया

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एक युवक बगीचे में बहुत गुस्से में बैठा था पास ही
एक बुजुर्ग बैठे थे
उन्होने उस परेशान युवक से पूछा :- क्या हुआ बेटा
क्यूं इतना परेशान हो
युवक ने गुस्से में अपनी पत्नी की गल्तीयों के बारे
में बताया
बुजुर्ग ने मंद मंद मुस्कराते हुए युवक से पूछा बेटा
क्या तुम बता सकते हो तुम्हारा धोबी कॊन है ?
युवक ने हैरानी से पूछा :- क्या मतलब ?
बुजुर्ग ने कहा :- तुम्हारे मैले कपडे कॊन घोता है
युवक बोला :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग ने पूछा :- तुम्हारा बावर्ची कॊन है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- तुम्हारे घर ऒर परिवार, सामान का
ध्यान कॊन रखता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग ने फिर पूछा :- कोई मेहमान आए तो उनका
ध्यान कॊन रखता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- परेशानी ऒर गम में कॊन साथ देता है ,
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- अपने माता पिता का घर छोड़ कर जिंदगी
भर के लिए तुम्हारे साथ कॊन आता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग :- बीमारी में तुम्हारा ध्यान ऒर सेवा कॊन
करता है
युवक :- मेरी पत्नी
बुजुर्ग बोले :- एक बात ऒर बताओ तुम्हारी पत्नी
इतना काम ऒर सबका ध्यान रखती है क्या कभी
उसने तुमसे इस बात के पैसे लिए
युवक :- कभी नहीं
इस बात पर बुजुर्ग बोले कि पत्नी की एक कमी
तुम्हें नजर आ गई मगर उसकी इतनी सारी खुबियां
तुम्हें कभी नजर नही आई

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एक बार एक स्कूल मे आग लग गई।
स्कूल की छुट्टी हो गई ।सब बच्चे स्कूल से घर ख़ुशी ख़ुशी जा रहे थे।
खुश इसलिए की स्कूल मे आग लग गई।अब स्कूल में नही आना पड़ेगा।
लेक़िन एक बच्चा बड़ा दुखी होकर स्कूल से जा रहा था।
टीचर ने उसको देखा उसे अपने पास बुलाया और पूछा बेटा सब बच्चे तो इतने ख़ुश हँ ।
लेकिन तुम दुखी क्यों हो।
लड़का बोला आग से स्कूल ही तो जला हँ।
मास्टर तो सारे बच गये।
कल पार्क मे बिठाकर पढ़ाने लगेंगे।
यही महान बच्चा आगे चल के ग्रुप एडमीन बना

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पति ने पत्नी को मेसेज भेजा-
'मेरी जिंदगी इतनी प्यारी, इतनी खूबसूरत बनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया। मैं आज जो भी हूं, सिर्फ तुम्हारी वजह से हूं। तुम मेरे जीवन में एक फरिश्ता बनकर आई हो और तुमने ही मुझे जीने का मकसद दिया है। लव यू ...'
पत्नी ने रिप्लाई किया-

'मार लिया चौथा पैग??? आ जाओ घर कुछ नही कहूँगी
"पति - बाहर खड़ा हूँ , गेट खोल दे "
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बहू ने सास को दिया मोबाइल ------ आखिर क्यों हुई मेहरबान..
नए जमाने की बहू ने सास को उनके जन्मदिन पर गिफ्ट में मोबाइल लाकर दिया ---
और सारे काम छोडक़र सास की सहेलियों और परिचितों के नंबर सेव कर दिया ।
फायदा जो हुआ:
अब सासु मां का ध्यान घर में कम मोबाइल पर ज्यादा रहता है ----
अब वो बेटा बहू की बातें सुनने की जगह, मोबाइल की घंटी पर कन्सनट्रेट करती हैं--
अपने बोलने की सारी एनर्जी मोबाइल पर गंवा देती हैं ----
और बहू क्या कर रही है ये तक भुला देती हैं..
इधर-उधर बातें करने में घंटो बिता देती है ---
इधर बहू किचन में मनचाहा बनाकर कब खा लेती है
सासु मां अब इस बात पर ध्यान कम देती है..
इससे पहले वो दिन रात बहू-बहू चिल्लाती थी,
बहू की जमकर परेड हो जाती थी
कभी चाय, कभी हलवा कभी दूध कभी पानी
अब खत्म हुई बहू की सारी परेशानी।
सास के हाथ में बहू ने जबसे ये फुंथरू थमाया है,
बहू ने गजब का चैन पाया है।
आजकल सास मोबाइल के साथ स्टाइल मारती है
और बहू को करमजली कहने वाली अब बेटा-बेटा कहकर पुकारती है..!!
साइड इफेक्ट जो हुआ:
फोन डिस्चार्ज हो जाए, तो चार्जिंग पर लगाना होता है
किसी का फोन आए, तो सासु मां आपका फोन है बताना होता है
बस उनका मोबाइल रीचार्ज जल्दी-जल्दी करवाना पड़ता है
लेकिन कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है..
वो कहते हैं न दाग अच्छे हैं..अगर इससे प्यार बढ़ता है
इसलिए सास से परेशान बहुओं आइए
और जल्दी-जल्दी ये टिप्स अपनाइए..
अपनी-अपनी सासों को मोबाइल गिफ्ट दीजिए
और सास की चकर-चकर से मुक्ति लीजिए
~ रिजल्ट ~
बहू खुश तो आप खुश
तो दीिजये अपनी-अपनी महारानीयो को सलाह ..Best Of Luck
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पप्पू (एक लड़की से): तुम्हारा नाम क्या है?
लड़की: क्यों बताऊं? मैं तुम्हें जानती तक नहीं।
पप्पू: मत बताओ, मैं कौन-सा तुम्हें अपनी बीएमडब्ल्यू में बिठा रहा हूँ।
.लड़की: गुड्डी, बी.कॉम सेकंड इयर। सामने वाली गली में सीधे हाथ की तरफ चौथे नंबर पर घर है मेरा - 32/बी।
घर में एक छोटा भाई और मम्मी-पापा हैं।
ट्यूशन का टाइम शाम 6 से 8।
.पप्पू: ओके, जिस दिन बीएमडब्ल्यू खरीद लूंगा, उस दिन जरूर बिठाऊंगा।
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लड़की को:-
घर छोड़ा, ससुराल मिला..
भाई छोड़ा, छोटा देवर मिला..
बहन छोड़ा, छोटी ननद मिली..
मां-बाप छोड़ा, सास ससुर मिले..

पर ऐसा क्या छोड़ा जो 'पति' मिला?
कुछ भी नहीं.
मुफ्त में मिला तो कदर कहां से होगी!!
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 एक बार एक कवि हलवाई की दुकान पहुँचे, जलेबी और दही ली और वहीं खाने बैठ गये। इतने में एक कौआ कहीं से आया और जलेबी की परात में चोंच मारकर उड़ चला। हलवाई को बड़ा गुस्सा आया उसने पत्थर उठाया और कौए को दे मारा। कौए की किस्मत ख़राब, पत्थर सीधे उसे लगा और वो मर गया। - - कवि महोदय का ये घटना देख हृदय जगा । वो जलेबी , दही खाने के बाद पानी पीने पहुँचे तो उन्होने एक कोयले के टुकड़े से वहाँ एक पंक्ति लिख दी।
"काग दही पर जान गँवायो"
- तभी वहाँ एक लेखपाल महोदय जो कागजों में हेराफेरी की वजह से निलम्बित हो गये थे, पानी पीने पहुँचे। कवि की लिखी पंक्तियों पर जब उनकी नजर पड़ी तो अनायास ही उनके मुँह से निकल पड़ा , कितनी सही बात लिखी है! क्योंकि उन्होने उसे कुछ इस तरह पढ़ा-
"कागद ही पर जान गँवायो"
- तभी एक मजनू टाइप लड़का पिटा-पिटाया सा वहाँ पानी पीने पहुँचा। उसे भी लगा कितनी सच्ची बात लिखी है काश उसे ये पहले पता होती, क्योंकि उसने उसे कुछ यूँ पढ़ा था-
"का गदही पर जान गँवायो"

शायद इसीलिए तुलसीदास जी ने बहुत पहले ही लिख दिया था,
"जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी"

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