Monday 20 July 2015

कांग्रेस देश के प्रगति मैं रुकावट है :
•कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्याह ने मोदी सरकार के द्वारा दिए गए स्वच्छ भारत मिशन के एक कमिटी प्रमुख बन्ने का प्रस्ताव ठुकराया.
•कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैय्याह ने मोदीजी के साथ चीन जाने के लिए मना कर दिया.
•उत्तर पश्चिम के कांग्रेस साशित मुख्यमंत्रियोने मोदीजी द्वारा बुलायी गयी महत्त्वपूर्ण मीटिंग में जानेसे मना कर दिया.
•किसी भी कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने 15 जुलाई 2015 निति आयोग मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
आखिर इतनी शत्रुता भी क्या काम कि की आपको खुद के स्वार्थ के आगे देश हित भी नजर नहीं आता ?
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17 जुलाई को चाइना ने एक इंडियन को आतंकवाद के केस में गिरफ्तार किया....दूसरे दिन 18 जुलाई को मोदी सरकार ने गुजरात के पास से 10 बोट्स के 69 चाइनीज़ को गिरफ्तार किया......
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केवल वाट्सअप पर ग्रुप बनाना ही काफी नही है।
1) अपने साथ और लोगो को भी जोड़ो।
2) संगठन बढ़ाते चलो।
3) गली मुहल्ले मे 10-12 लोगो का समुह बनवाओ।
4) उन्हे प्रेरित करो कि वो अपने एरिए पर नजर रखे, लोगो को जगाए और इन पंचर वालो की हरकतो पर नजर रखे।
5) खुद को शारीरिक और मानसिक रुप से मजबुत करने के लिए शाखा या अखाड़ा जरुर जाए।
6) चर्चा और मेल मिलाप के लिए छोटे छोटे स्तर पर साप्ताहिक और बड़े स्तर पर एक या दो माह मे मिटींग जरुर करे।
7) कोशीश करे कि आपके संपर्क के सभी हिंदु को आप       और उनमे से सेक्युलर भावना खत्म करे।
8)  उन्हे कहे की वह भी उनके संपर्क मे यह काम करे।
9) नियमित मंदीर जाने और कुसंगति से   क दुर रहने की आदत डाले
10) गौ माता भुपी ना रहे और उन्हे कोई तकलीफ ना हो इस पर ध्यान दे।
11) किसी भी हिंदु भाई पर कोई  हमला या कुछ गलत करता है तो सभी हिंदु एक साथ आगे आए।
12) घर के बच्चो को भी    बनाए।
13) हिंदुओ के हर त्योहार पर बड़ा आयोजन करे और मंदीर और घर के आसपास भगवा माहोल करे।
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इंटेलीजेंस ब्यूरो ने चेतावनी दी है कि केरल जिहादी आतंक और वहाबी सोच का गढ़ बन रहा है और केरल के कांग्रेसी मुख्यमंत्री राज्य के कुत्तों के खिलाफ हल्ला बोल में व्यस्त हैं। आवारा कुत्तों को सरकारी अमले द्वारा बेहद क्रूरता से मारा जा रहा है। CM का बयान है कि "कुत्ते सोसाइटी के लिए बड़ा ख़तरा हैं।"
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मीनाक्षी हत्याकांड पर केजरीवाल ने मोदी को दोषी माना....(मीडिया रिपोर्ट)
"...बैठे बैठे क्या करें ..करना नहीं है कुछ काम...
चलो शुरू करे नौटंकिया...लेकर मोदी का नाम.."
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जब मोदी 2001 मे गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो..उन्हें विरासत में २००० में आये भूकम्प से उजडा हुआ गुजरात मिला...गुजरात को वह ठीक से खडा भी नहीं कर पाये थे ...कि गोधरा कांड हुआ उसके बाद गुजरात दंगे हुये...पूरा राज्य दंगों और भूकम्प से तहस नहस हो गया......पूरी मिडिया, और विपक्ष उनको हटाने पर तुला था...2004 से 2014 तक दस साल तक केन्द्र की काग्रेस सरकार और मिडिया ने मोदी को बर्बाद, बदनाम, और जेल भेजने में पूरी कोशिश की....SIT ने उनसे लगातार 16-16 घंटे पूछ-ताछ की....
लेकिन मोदी ने मीडिया को खुश करने 500 करोड का बजट नहीं रखा...नाही केन्द्र के खिलाफ नाटक नौटंकी की...बल्कि उन्होने अपनी सारी ऊर्जा गुजरात के विकास में लगा दी...
केजरी की तरह ......जो नहीं है उस पर रोने और नंगा नाच दिखाने की बजाय .....जो है उसका मोदी ने बेहतर से बेहतरीन उपयोग किया .......
किसी ने सच ही कहा है..कि सपूत को झोपडा भी मिले तो वह उसे महल बना देता है.....और कपूत को ..महल भी मिले तो वह उसे झोपडा बना देता है......
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भारत में Sunday की छुट्टी का कारण हमारे ज्यादातर लोग      Sunday की छुट्टी का दिन Enjoy करने में लगाते है ।
उन्हें लगता है, की हम इस Sunday की छुट्टी के हक़दार है ।क्या हम इसके बारे में जानते हैं ?
अनपढ़ लोग छोड़ो लेकिन क्या पढ़े लिखे लोग भी इस बात को जानते है ? ये छुट्टी किस व्यक्ति ने हमें दिलाई ? और इसके पीछे उस महान व्यक्ति का क्या मकसद था ? क्या है इसका इतिहास ?
 जिस व्यक्ति की वजह से हमें ये छुट्टी हासिल हुयी है, उस महापुरुष का नाम है
"नारायण मेघाजी लोखंडे" । ये जोती राव फुले जी के सत्यशोधक आन्दोलन के कार्यकर्ता थे । और कामगार नेता भी थे । अंग्रेजो के समय में हफ्ते के सातों दिन मजदूरो को काम करना पड़ता था । लेकिन नारायण मेघाजी लोखंडे जी का ये मानना था की, हफ्ते में सात दिन हम अपने परिवार के लिए काम करते है । लेकिन जिस समाज की बदौलत हमें नौकरिया मिली है, उस समाज की समस्या छुड़ाने के लिए हमें एक दिन छुट्टी मिलनी चाहिए ।
उसके लिए उन्होंने अंग्रेजो के सामने 1881 में प्रस्ताव रखा । लेकिन अंग्रेज ये प्रस्ताव मानने के लिए तयार नहीं थे । इसलिए आख़िरकार नारायण मेघाजी लोखंडे जी को इस Sunday की छुट्टी के लिए 1881 में आन्दोलन करना पड़ा । ये आन्दोलन दिन-ब-दिन बढ़ते गया लगभग 8 साल ये आन्दोलन चला ।आखिरकार 1889 में अंग्रेजो को Sunday की छुट्टी का ऐलान करना पड़ा ।
ये है इतिहास । अगर जानकारी होती तो Sunday के दिन Enjoy नहीं करते.... समाज का काम करते.... और अगर समाज का काम ईमानदारी से करते तो समाज में भुखमरी, बेरोजगारी, बलात्कार, गरीबी, लाचारी ये समस्या नहीं होती ।
 इस Sunday की छुट्टी पर हमारा हक़ नहीं है, इसपर "समाज" का हक़ है ।
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हमारे राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह पर लिखा ‘सत्यमेव जयते’ कहां से लिया गया है? पूरा मंत्र क्या है और उसका अर्थ क्या है?
‘सत्यमेव जयते’ मूलत: मुण्डक उपनिषद का मंत्र 3.1.6 है. पूरा मंत्र इस प्रकार है:-
सत्यमेव जयते नानृतम सत्येन पंथा विततो देवयान:।
येनाक्रमंत्यृषयो ह्याप्तकामो यत्र तत् सत्यस्य परमम् निधानम्।।
अर्थात आखिरकार सत्य की जीत होती है न कि असत्य की. यही वह राह है जहाँ से होकर आप्तकाम (जिनकी कामनाएं पूर्ण हो चुकी हों) मानव जीवन के परम लक्ष्य को प्राप्त करते हैं. सत्यमेव जयते को स्थापित करने में पं मदनमोहन मालवीय की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
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