Wednesday 17 June 2015

जितना बड़ा अन्याय इतिहासकारों ने महान सम्राट "पौरस" के साथ किया है, उतना बड़ा अन्याय इतिहास में शायद ही किसी के साथ हुआ होगा ! एक महान नीतिज्ञ, दूरदर्शी, शक्तिशाली, वीर और विजयी राजा को पराजित राजा बना दिया गया !
चूँकि सिकन्दर पूरे यूनान, ईरान, ईराक, बैक्ट्रिया आदि को जीतते हुए आ रहा था, इसलिए भारत में उसके पराजय और अपमान को यूनानी इतिहासकार सह नहीं सके, इसलिए झूठी कहानी बनाकर सिकंदर को विश्व विजेता बता दिया !
इतिहास सिकन्दर को विश्व-विजेता घोषित करती है लेकिन अगर यह मान भी लें कि- सिकन्दर ने पौरस को हरा दिया था, तो भी वो विश्व-विजेता कैसे बन गया ? पौरस तो बस एक राज्य का राजा था भारत में उस तरह के अनेको राज्य थे इसलिए पौरस पर सिकन्दर की विजय भारत की विजय तो नहीं कही जा सकती और भारत तो दूर चीन,जापान जैसे एशियाई देशों को भी तो जीतना बाँकी ही था, फिर वो विश्व-विजेता कहलाने का अधिकारी कैसे हो गया ?
दक्षिणी यूरोप, मध्य एशिया और उत्तरी अफ्रीका के ही कुछ राज्य सिकंदर जीत सका था ! दक्षिण एशियाई राज्य, दक्षिणी अफ्रीकी राज्य, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका,आस्ट्रेलिया,यूरोप के सैकड़ों राज्यों में सिकंदर तो क्या सिकंदर का नाम तक नहीं पहुंचा था, फिर भी पता नहीं क्यों और किस आधार पर पश्चिमी इतिहासकारों को सिकंदर को विश्व विजेता घोषित कर दिया था !
भारत में भी सिकंदर व्यास नदी से आगे नहीं बढ़ सका था और रही बात सिकंदर की महानता की तो भी पोरस, सिकंदर से ज्यादा महान राजा था, सिकंदर की पत्नी ने पोरस को राखी बाँधकर भाई बनाते हुए सिकंदर के लिए जीवनदान माँगा था !
युद्ध में सिकंदर का वध करने की स्थिति बन जाने के बाबजूद पोरस ने राखी की लाज रखते हुए सिकंदर को जीवनदान दिया था. सिकंदर जैसा व्यक्ति जो लोगों की ह्त्या करके , दुनिया पर शासन करने का स्वप्न देख रहा था , उसे महान राजा कैसे कह सकते हैं ? इसके अलाबा अपनी माँ के कहने पर अपने पिता (फिलिप) और सौतेले भाइयों की ह्त्या करने वाला, फारसी सेनाध्यक्षों को नृशंसतापूर्वक मरवाने वाला, आलोचना करने के कारण अपने ही गुरु अरस्तु के भतीजे "कालस्थनीज" को मरवाने वाला, पिता के विश्वासपात्र सहायक परमेनियन की ह्त्या करने वाले सिकंदर को महान कैसे कहा जा सकता है ?
भारत को जीतने में असफल होकर वापस लौटते समय निराशा और घावों के चलते उसकी म्रत्यु हो गई थी. सिकन्दर की सेना जहाँ भी गई, उसने समस्त नगरों को आग लगा दी, महिलाओं का अपहरण किया और बच्चों को तलवार से काट दिया. ईरान की दो शाहजादियों को सिकन्दर ने बलपूर्वक अपनी रखैल बना लिया. उसके सेनापति जहाँ-कहीं भी गए, पुरुषो की हत्या कर महिलाओं को बल-पूर्वक उठा लाये और रखैल बनाकर रख लिया. सिकंदर जैसे अत्याचारी हमलावर को महान राजा बताना "महान" शब्द का ही घोर अपमान है !
इसके अलाबा, सिकंदर के सेनापति "सेल्यूकस" को पराजय के बाद अपनी जान बचाने के लिए "चन्द्रगुप्त मौर्य" से संधि करने के लिए, "चाणक्य" के कहने पर अपनी बेटी "हेलन" का विवाह "चन्द्रगुप्त मौर्य" के साथ करवाना पडा था !
हम भारतीयों की बहुत बड़ी भूल है कि हम अपने बच्चो को पश्चिमी इतिहासकारों का लिखा झूठा इतिहास पढ़ा रहे हैं. पोरस और चन्द्रगुप्त जैसे राजाओं को महान बताने के बजाये, सिकंदर जैसे अत्याचारी और भगौड़े को महान बता रहे हैं !

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