Thursday 9 April 2015

vykti charcha.............

जनरल वी के सिंह के एक हल्के से ट्वीट से मीडिया
बात उस समय की है जब मनमोहन सिंह की भ्रष्ट और घोटाले वाली सरकार के दौर में वीके सिंह इन्डियन आर्मी के चीफ हुआ करते थे ...उस समय सैन्य खरीद में बड़े बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा रहा था ..जब ये बात वीके सिंह की नजर में आई तो उन्होंने इसकी न सिर्फ खिलाफत की बल्कि तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह को एक पत्र भी लिखा था .....................बस इसके बाद ही कांग्रेस सरकार और मीडिया में कांग्रेसी टुकडों पर पल रह ने वीके सिंह के खिलाफ एक आक्रामक अभियान छेड़ दिया था ...कांग्रेस के इशारे पर मीडिया ने सरकार के खिलाफ आर्मी के सैन्य विद्रोह की फर्जी खबरे चलाई ताकि मनमोहन सरकार जनरल वीके सिंह को बर्खास्त कर दे ...... अगर कांग्रेस और मीडिया इस काम में सफल हो जाती तो देश के एक सैन्य अधिकारी जिसने अपना पूरा जीवन मादरेवतन की सेवा में दिया उसकी जिंदगी कितनी शर्मनाक और दुखद पलों से गुजरती ...... लेकिन कहानी यही नहीं रुकी ..कांग्रेस और मीडिया ने पूरे समय वीके सिंह के खिलाफ अनवरत अभियान चलाया .कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट में बैठे अपने एजेंट के जरिये वीके सिंह के मुक़दमे में आखिर अपनी मनमानी करने में सफल रही ..उसके बाद कुछ दिन पहले पाकिस्तानी दूतावास के एक सरकारी प्रोटोकाल बाले कार्यक्रम में जाने पर इसी  मीडिया ने वीके सिंह की आलोचना के रिकार्ड बना डाले ....लेकिन जब यही वीके सिंह यमन के युद्धग्रस्त इलाको में अपनी देखरेख में एक बड़े राहत अभियान को अंजाम दे रहे थे तो यही मीडिया उनके कार्यों के प्रति चार शब्द भी नहीं बोल रहा था ....
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एबीपी न्यूज ("आप" को रखे आगे) पूछ रहा था "कि जनरल वी के सिंह सरकार में क्यों है" ?
"अरे वाह रे विदेशी चैनल ! अब तुम तय करोगे कि कौन सरकार में रहेगा ?" तुमको ये भी नहीं मालूम कि जनरल को जनता ने चुना है और वे पूर्ण बहुमत की श्री नरेन्द्र भाई मोदी की सरकार में मन्त्री है और अपने कर्तव्यों का देश के संविधान के तहत ठीक से निर्वहन कर रहे हैं |
हकीकत तो यह है कि तुम्हें अपनी पुरानी हेंकड़ी याद आ जाती है जब केन्द्र की सरकार, उसके मन्त्री और उसकी नीतियाँ तुम्हारे आका वेटिकन, मिशनरियाँ और वर्ल्ड बैंक तय करते थे और किसी जेहादी या हिन्दू विरोधी दलाल पत्रकार के इशारे पर मन्त्री हटा दिए जाते थे |
अब तुम्हारे भ्रम फैलाने के दिन गए  ! देश की जनता सोशल मीडीया के माध्यम से सारी हकीकत जानती है कि वास्तव में आज भारत का अस्सी प्रतिशत से ज्यादा मीडीया हिन्दू और अंततः राष्ट्र विरोधी है | ये हर उस तिल का ताड़ बनाते हैं जिससे मोदी, हिन्दू और देश की प्रतिष्ठा पर आँच आये तथा हिन्दू और राष्ट्र विरोधी दलालों के पहाड़ जैसे अपराध को भी राई बनाकर न्यूज लाइन की नीचे की पट्टी में डाल देते हैं | 
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भारत में अब तक १०० से ज्यादा छोटे बड़े पत्रकारों को दलाली, ब्लेकमेलिंग आदि के आरोप में गिरफ्तार किया जा चूका है ...NDTV की 'बरखा दत्त' चेयरमैन 'हसीब दरबु' की तीसरी बीबी बन गयी...
NDTV की 'सोनिया शर्मा' कांग्रेस मंत्री 'आर पी एन सिंह' की दूसरी बीबी बनी..
NDTV की अमृता राय' 'दिग्विजय सिंह' को फंसा उनकी दूसरी बीबी बनने को तैयार..
NDTV की 'निधि राजदान' के 'उमर अब्दुल्ला' से साथ रिश्तो के चलते उमर का तलाक हो गया....
एनडीटीवी है या "‪#‎Presstitute‬" ???
चालीस से ज्यादा महिला पत्रकारों ने दूसरी महिला की गृहस्थी उजाडकर किसी न किसी अमीर इन्सान की दूसरी या तीसरी पत्नी बनी है ...चार महिला पत्रकार नेताओ की रखैल है .. जिसमे अमृता राय का नाम प्रमुख है जो दिग्विजय सिंह की रखैल है ..
एबीपी न्यूज़ की महिला एंकर साइमा सहर ने यौन शोषण का आरोप लगाया है ...
अब ऐसे मीडियावालो को आप वेश्या कहेंगे तो इनका भडकना स्वभाविक है ...  ..
तुमने पाक उच्चायुक्त में जाते हुए जनरल की हरी जाकेट को आठ दिन अपनी स्क्रीन पर टाँगे रखा और उसी जनरल ने बम-गोलों के बीच अपनी जान पर खेलकर यमन से चार हजार से अधिक भारतीयों (जिसमे तुम्हारी परिभाषा के अनुसार ज्यादातर का रंग हरा है) को सुरक्षित बचाकर लाये तब क्या तुम्हारे केमरे किसी बलात्कार की तलाश में घूम रहे थे ? ....इसलिए जनरल वी के सिंह ने तुम्हारी पूँछ पर बिलकुल सही पैर रखा है, तुमको चीखने की आजादी भारतीय संविधान ने दी है, इसलिए जितना चिल्लाना हो चिल्लाओ | लैकिन अब तुम काट नहीं सकते...|
#HatsOffGeneral

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