Sunday 19 April 2015

एक छोटा सा देश जहां अमेरिका या दूसरे विकसित देशों की तरह ना तो प्रचुर मात्रा मे प्राक्रतिक संशाधन मौजूद है और ना ही उसके पास प्रचुर मात्रा मे ह्यूमन रिसोर्सेज ही है जिस एकलौते देश ने दो-दो बार परमाणु हमले झेले है! इन सब मुश्किलों के बावजूद भी उस देश को एसिया महाद्वीप का एकमात्र विकसित देश होना का गौरव प्राप्त हुआ है वो देश है जापान ! जापान देश के बारे मे कुछ रोचक जानकारियाँ
जापान ही एक ऐसा देश है, जहां हर जापानी बच्चा शिक्षक के साथ मिलकर प्रतिदिन 15 मिनट अपने स्कूल की सफाई करता है ! जो वाकई ये दिखाता है कि यहां के बच्चे तक साफ़ सफाई को लेकर कितने उत्सुक है !
जापान में हर एक व्यक्ति कुत्ते के साथ सड़क पर चलते समय उस जानवर की गन्दगी को उठाने के लिए अपने साथ एक बैग लेकर चलता है ! जो ये दर्शाता है कि वहाँ के लोग स्वछता के प्रति कितने सजग है !!
जापान देश में सफाई कर्मचारी को “स्वास्थ्य इंजीनियर” का दर्जा दिया गया है ! इस देश के सफाई कर्मचारी को प्रत्येक महीने 5000 से 8000 अमरीकी डॉलर वेतन दिया जाता है और तो और सफाई कर्मचारी की भर्ती से पहले उनके मौखिक एवं लिखित परीक्षण भी होते है !
इस देश में हर साल लगभग 1500 भूकम्प आते है ! इतना सबकुछ होने के बाद भी जापान देश की अर्थव्यवस्था दूसरे नंबर पर है ! और ये बात साबित करती है की यहां के लोग देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कितने गंभीर है !
द्वतीय विश्वयुद्ध के दरम्यान जापान के हिरोशिमा और नाघासाकी मे परमाणु बम से हमला किया गया था ! मगर जापान देश की ताक़त को देखिये, उन्होंने हिरोशिमा विस्फोट के 10 साल बाद ही इस शहर को वैसा ही खड़ा कर दिया जैसा वो विस्फोट के पहले था !
जापान में ट्रेन, होटल और इंडोर्स में मोबाइल का उपयोग करना सख्त मना है ! मोबाइल के उपयोग की खामियों को देखते हुए वाकई ये एक अच्छा कदम भी है !
जापान में पहली से छठी कक्षा तक के बच्चो को सर्वप्रथम नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाता है ! इस दौरान उन्हें ये सिखाया जाता है की मनुष्य को आखिर अपने अंदर नैतिकता लाना क्यों आवश्यक है !
जापानी आज भले ही दुनिया के अमीर लोगों में से एक है, मगर वो कभी भी नौकरों की जरुरत महसूस नहीं करते ! चाहे कोई व्यक्ति कितना भी अमीर क्यों न हो, वो अपने घर और बच्चो का ख्याल खुद ही रखता है !
जापान में पहली कक्षा से लेकर तीसरी कक्षा तक बच्चो का कोई एक्जाम नहीं लिया जाता क्योंकि इस देश की शिक्षा व्यवस्था का उद्देश्य बच्चों के अंदर कांसेप्ट और करैक्टर की महत्वता का बोध कराना है, न की परीक्षा प्रणाली के बारे में बच्चों को अवगत कराना !
जापान में देर हो रही गाड़ियों की दर प्रति वर्ष 7 सेकंड है ! और यह इस वजह से है क्योंकि यहां के लोग समय की महत्वता को समझते है ! वो मिनट्स और सेकण्ड्स तक भी बर्बादी नहीं होने देते !
जापान के स्कूलों में बच्चे मध्यांतर भोजन के बाद भी अपने दांत अनिवार्यरूप से साफ़ करते है !!
जापान देश के बच्चे भोजन ग्रहण को लेकर बहुत जागरूक है ! वो अपना भोजन ख़त्म करने में लगभग आधे घंटे का समय लेते है, जो कि भोजन की पाचन प्रक्रिया के हिसाब से बिलकुल सही है और ये दिखाता है बच्चे अपने शरीर को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करते !

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