Sunday 8 March 2015

युवाओं को शूटिंग सिखाती हैं 60 साल की दादी


शहजाद अली
बागपत। बागपत में एक ऐसी प्रतिभावान दादी हैं जो 60 साल की उम्र पार कर लेने के बाद भी जोहाड़ी राइफल क्लब में युवाओं को निशानेबाजी का प्रशिक्षण देती हैं। चंद्रो नाम की दादी राष्ट्रीय स्तर पर दो गोल्ड मेडेल भी जीत चुकी हैं। दादी से ट्रेनिंग ले चुके इलाके के कई लड़के और लड़कियां एयरफोर्स और पुलिस विभाग में काम कर रहे हैं। इसके अलावा उनके कुछ स्टूडेंट राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में मेडल भी जीत चुके हैं। दादी से प्रेरित होकर इलाके की छात्राएं भी शूटिंग को अपना करियर बनाना चाहती हैं।
जिस उम्र मे आदमी चल नही पाता आज भी दादी उस उम्र मे छात्रो का रायफल शूटिंग का प्रशिक्षण दे रही हैं। सैकड़ों छात्र छात्राए रोजाना बड़ोत कोतवाली के जोहड़ी स्थित रायफल शूटिंग कल्ब पर प्रशिक्षण लेने पहुंचते ओर नेशनल राज्य लेवल पर होने वाले शूटिंग प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर बागपत का नाम रोशन कर रहे हैं। दादी द्वारा ही प्रशिक्षित जोहड़ी गांव की रहने वाली सीमा तोमर आज नेशनल लेवल पर रायफल शूटिंग में तीन बार मेडल जीतकर उत्तरप्रदेश व जनपद का नाम पूरे भारत मे रोशन कर रही हैं। वहीं दादी द्वारा प्रशिक्षित दूसरी छात्रा रूबी तोमर आज शूटिंग के दम पर ही पंजाब पुलिस में चयनित होकर इंस्पकेटर के पद पर तेनात हैं।
जिन ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली बहु बेटीयों को घर से बहार निकलने की इजाजत नहीं थी आज वही दादी की मदद से शूटिंग प्रतियोगिता प्रशिक्षण पाकर रोजगार पा रही हैं। दादी के नाम नेशनल लेवल पर खेलकर दो गोल्ड मेडल जीतने की उपलब्धी दर्ज है। प्रदेश ओर जिला लेवल पर होने वाली सूटिंग प्रतियोगिताओं में दादी के नाम सैकड़ों से अधिक मेडल दर्ज हैं। जोहड़ी रायफल कल्ब की स्थापना 1999 में हुई थी। जोहड़ी रायफल कल्ब देश को लगभग 60 से अधिक ऐसे निशाने बाज दे चुके हैं जो निशानेबाजी के दम पर नौकरी पाकर देश को सेवाएं दे रहे हैं। दर्जनों निशानेबाजों ने अर्जुन आवर्डी व रजत पदक जीते हैं। दादी से प्रेरित होकर क्षेत्र की छात्राए भी शूटिंग के गुण सीख रही हैं ओर निशाने बाजी में केरियर की तलाश कर रही हैं।

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