Wednesday 25 February 2015

बहुत दिलचस्प है हमारी भारतीय रेल
१- भारत में पहली रेल बॉम्बे (अब मुंबई) से ठाणे (थाने) के बीच 16 अप्रैल 1853 को चली थी। इस 14 बोगी की ट्रेन को 3 इंजन खींच रहे थे, जिनका नाम था- सुल्तान, सिंध और साहिब।
२-भारत में पहली रेल की पटरी दो भारतीयों ने ही बिछवाई थी। इनके नाम थे जगन्नाथ शंकरसेठ और जमशेदजी जीजीभाई। जीआईपी (ग्रेट इंडियन पेनिन्सुला) रेलवेज के डायरेक्टर के तौर पर जगन्नाथ सेठ ने बॉम्बे से ठाणे के बीच चली ट्रेन से 45 मिनट का सफर भी तय किया था।
३-आपको जानकर हैरानी होगी कि करीब 50 साल तक भारतीय ट्रेनों में टॉइलट नहीं होता था। वह तो भला हो ओखिल चंद्र सेन नामक एक यात्री का, जिन्होंने 1909 में पैसेंजर ट्रेन से यात्रा के अपने बुरे अनुभव के बारे में साहिबगंज रेल डिविजन के ऑफिस को एक खत लिखकर लेकर बताया। इस करारे पत्र के बाद ब्रिटिश हुकूमत को यह खयाल आया कि ट्रेनों में टॉइलट की बहुत आवश्यकता है। यह पत्र आज भी भारतीय रेल संग्रहालय में मौजूद है।
४-भारतीय रेलवे ने कम्प्यूटराइज्ड रिजर्वेशन की सेवा की शुरुआत नई दिल्ली में 1986 को की थी।
५-भारतीय रेल का मैस्कॉट भोलू नाम का हाथी है। और यह क्यूट-सा हाथी भारतीय रेल में बतौर गॉर्ड तैनात है। यह सच है,
६-भारतीय रेल दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क (अमेरिका, चीन और रूस के बाद) है। भारतीय रेल ट्रैक की कुल लंबाई 65,000 किलोमीटर है। वहीं अगर यार्ड, साइडिंग्स वगैरह सब जोड़ दिए जाएं तो यही लंबाई लगभग 115,000 किलोमीटर हो जाती है।
७-भारतीय रेलें दिन भर में जितनी दूरी तय करती हैं, वह धरती से चांद के बीच की दूरी का लगभग साढ़े तीन गुना है।
८-भारतीय रेलवे में लगभग 16 लाख लोग काम करते हैं। यह दुनिया का 9वां सबसे बड़ा एंप्लॉयर है। यह आंकड़ा कई देशों की आबादी से भी ज्यादा है।
९-भारतीय रेल से रोज करीब 2.5 करोड़ लोग यात्रा करते हैं। यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या के लगभग बराबर है।
१०-मेतुपलयम ऊटी नीलगिरी पैसेंजर ट्रेन भारत में चलने वाली सबसे धीमी ट्रेन है। यह लगभग 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। कहीं-कहीं पर तो इसकी स्पीड 10 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो जाती है। आप चाहें तो आराम से इसकी खिड़की से कूदकर कुछ देर इधर-उधर टहलकर, वापस इसमें आकर बैठ सकते हैं।
११-हावड़ा-अमृतसर एक्सप्रेस सबसे ज्यादा जगहों पर रुकने वाली एक्सप्रेस ट्रेन है। इसके 115 स्टॉपेज हैं। क्यों, आ गया न चक्कर!
१२-देश की सबसे लेट लतीफ ट्रेन गुवाहाटी-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस है। यह ट्रेन औसतन 10-12 घंटे लेट होती है।
१३- नई दिल्ली के मेन स्टेशन के नाम दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम का रेकॉर्ड है। यह उपलब्धि गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
१४-दुनिया का सबसे लंबा प्लैटफॉर्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में है। इसकी कुल लंबाई 1366.33 मीटर है।
१५-उत्तर प्रदेश में लखनऊ का चारबाग स्टेशन देश के व्यस्तम स्टेशनों में से एक है। साथ ही यह स्टेशन अपनी खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है।
१६-भारत में सबसे लंबे नाम वाले रेलवे स्टेशन का नाम वेंकटनरसिंहराजुवारिपटा (Venkatanarasimharajuvaripeta) है। वहीं इब (Ib) सबसे छोटे नाम वाला रेलवे स्टेशन है।
१७ - भारतीय रेल पूरी तरह से सरकार के अधीन है, और यह दुनिया की सबसे सस्ती रेल सेवाओं में से एक है।
१८-भारत में छोटे-बड़े कुल मिलाकर 7,500 रेलवे स्टेशन हैं।
१९-दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब नदी पर बन रहा है। बनने के बाद यह ऊंचाई के मामले में पेरिस के एफिल टावर को भी पीछे छोड़ देगा।
२०-2014 में पहली बार भारतीय रेलवे ने एक मोबाइल ऐप्लिकेशन लॉन्च किया, जिसके जरिए आप ट्रेनों की जानकारी हासिल कर सकते हैं।
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