Tuesday 6 January 2015

एक गांव में राजपूत, ब्राह्मण, बनिये, तेली, हरिजन आदि जाती के लोग रहते थे, सभी मिलजुल कर शांति से रहते थे। एक दिन गांव के मुखिया के पास एक मुस्लिम अपनी पत्नी और आठ बच्चों के साथ आया और गांव मे रहने की भिख मांगने लगा। गांव वालों ने फैसला किया ओर उस मुस्लिम को रहने की अनुमति दी लेकिन तेली ओर हरिजनों ने इसका विरोध किया पर राजपूतों ओर ब्राह्मणों ने नहीं माना ओर मुस्लिम को गांव मे रहने की अनुमति दी। दिन गुजरते गये और मुस्लिम के आठो बच्चे बड़े हो गए जब उनकी शादी की बारी आई तो मुस्लिम पहले राजपूतों के पास गया और बोला कि हुजूर बच्चों की शादी होने वाली है और मेरे पास एक ही घर हैं तो राजपूतों ने उसको एक बंजर जमीन दी ओर कहा कि तुम उस पर घर बना कर रहो । इसके बाद मुस्लिम बनिये के पास गया और उससे पैसे उधार लिए । कुछ समय बाद उन आठों बच्चों के 64 बच्चे हुए और देखते ही देखते लगभग 30 सालों मे उस गांव में मुस्लिमों की जनसंख्या 50% हो गई। अब मुस्लिम लड़के अपनी आदत अनुसार हिन्दुओं से झगड़ा करने लगे ओर उनकी औरतों को छेडने लगे । धिरे धिरे ब्राह्मणों ओर बनियो ने वो गांव छोड़ दिया। एक दिन गांव के मुख्य मंदिर को मुस्लिमों ने तोड़ दिया और उस पर मस्जिद बनाने लगे तब वहां पर राजपूत उनको रोकने लगे तो वो मुस्लिम बोला कि जो अल्लाह के काम में रुकावट डाले उसे काट डालो। इस तरह राजपूतों ने वो गांव छोड़ दिया और जाते जाते तेली ओर हरिजनों से बोले की हमने तुम्हारी बात न मानकर उस मुल्ले पर भरोसा किया और आज हमें गांव छोड़कर जाना पड़ रहा है। इस प्रकार उस गांव का नाम पंचवटी से बदलकर रहिमाबाद हो गया है तथा यह गांव महाराष्ट्र के अमरावती जिले में स्थित हैं।

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