Monday 13 October 2014

सऊदी अरब में कई बार सड़क बनाने के लिए मस्जिदों को तोड़ा जाता है

डॉ सुब्रमनियन स्वामी बताते है की सऊदी अरब में मस्जिद तोड़ते हैं क्योंकि वो कहते हैं की मस्जिद कोई धार्मिक स्थान नहीं है। यह बस एक नमाज पढने की जगह है और आप नमाज कही भी पढ़ सकते है। एक बार सऊदी अरब के राजा को अपना महल बनाना था और उसके लिए उसे जगह चाहिए थी तो उसने कहा की बिलाल मस्जिद को तोड़ डालो महल बनाने के लिए। इसपे लोगों ने कहा की इस मस्जिद में पैगम्बर मुहम्मद नमाज पढ़ते थे , इसे तो कम से कम मत तोड़ो, क्योंकि सऊदी अरब में कई बार सड़क बनाने के लिए मस्जिदों को तोड़ा जाता है। तब वहां के राजा ने कहा की खबरदार! ऐसी बात करने से तुम्हारे दिमाग में मूर्ति पूजा का विचार आ रहा है। इस्लाम में हम मूर्ति पूजा नहीं मानते हैं। क्या फर्क पड़ता है की पैगम्बर मुहम्मद ने यहाँ पर नमाज पढ़ा? यह एक मस्जिद है और इसे हम दूसरी जगह बनायेंगे।

मै यही कहता हूँ सभी मुसलमान भाइयों से की श्री राम की जगह (अयोध्या) में, श्री कृष्ण की जगह (मथुरा) में और भगवान् शिव की जगह काशी विश्वनाथ में जहां इन भगवानो के मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाये गए थे, वहां के बजाये हम आपको दूसरी जगह मस्जिद बना कर देंगे। लेकिन जहा मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है उन्हें आप छोड़ दो। मुस्लिम छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो सोचते हैं की अगर हिन्दू मुस्लिम के बीच में भाईचारा की भावना आ जाएगी तो हम कहीं के नहीं रहेंगे इसलिए वो ऐसा होने नहीं देते। हम मुस्लिम, इसाई और बाकि धर्मो के लोगो को एक साथ तब जोड़ सकते हैं जब हम स्पष्ट बात करें। जो हम कहें वो करें, बस उनके वोट लेने के लिए नहीं।

http://www.youtube.com/watch?v=85YxApDtCco

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अब बहुत हुआ
 अब राष्ट्रभक्तों को अपने मन को स्पष्ट एवं निर्धारित करना होगा...

आज पाश्चात्य प्रभावित अभिजात वर्ग, तथाकथित 'बुद्धिजीवी', मानवाधिकार के ठेकेदार,मीडिया एवं कांग्रेसी मिल कर संजय दत्त के 'आंसू प्रकरण' पे विलाप कर रहे हैं । संजय दत्त - जिसे भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने दोषी पाया एवं दण्डित किया है । हम भारतियों को समझना होगा की यह वर्ग एवं हमारे देश की मीडिया किसकी सेवा में लगी है और क्यों ?

यह वही बुद्धिजीवी वर्ग एवं मीडिया है जिसने साध्वी प्रज्ञा को 'भगवा आतंकवादी' का विशेषण देने के लिए दिन - रात एक कर दिया ।
(साध्वी प्रज्ञा के विरुद्ध अथवा द्वारा अभी तक एक चार्जशीट तक दायर नहीं हुई है । संजय दत्त की तरह उनके पास कोई अवैध हथियार , बम इत्यादि बरमाद होना अथवा राष्ट्र के विरुद्ध षड़यंत्र करने के प्रमाण मिलना तो बहुत दूर की बात है ! ) निर्दोष साध्वी प्रज्ञा को चार साल से कारावास में बंद कर कठोर यातनाएं दे कर जबरन उन्हें वह गंभीर आरोप अपने सर लेने को बाध्य किया जा रहा है जो उन्होंने किया ही नहीं । पता चला है की वहां उन्हें कैंसर विकसित हो गया है एवं उन्हें आकस्मिक चिकित्सा तथा उपचार की आवश्यकता है । उनकी दयनीय स्थिति की तुलना संजय दत्त से करें - एक तरफ उसका मुकदमा सर्वोच्च न्यायलय में चल रहा था वहीँ दूसरी तरफ वो 'बॉलीवुड' में आराम से फिल्में बना रहे थे । कभी बिग बॉस तो कभी कहीं और - एक स्वतंत्र भरपूर जीवन का आनंद ले रहे थे ।

ऐसे दोहरे मापदंडों को अंग्रेजी में hypocricy कहते हैं (हिंदी में पाखण्ड) ।
इस मीडिया एवं तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग से कोई नहीं पूछता की वो कहाँ थे जब कश्मीर में इस्लाम के नाम पर जिहादी 7 लाख कश्मीरी पंडितों का जनसंहार कर रहे थे ?

अब बहुत हुआ - अब राष्ट्रभक्तों को अपने मन को स्पष्ट एवं निर्धारित करना होगा । यह मीडिया द्वारा बनाये गए बाह्य छद्म - प्रभावों से स्वयं को बचाना होगा । उदाहरणत: सोनिया को इस देश की मीडिया ने भारत की बहु बताने का भरपूर प्रयास किया लेकिन आज देश ने उसे अस्वीकृत कर दिया है !

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बीबीसी हिंदी की साईट पर एक लेख है "मैंने संघ को क्यों छोड़ा"
काफी मुस्लिम इसका लिंक फैलाकर ऐसे खुश हो रहे है जैसे उनकी अम्मीजान को उन्नीसवां बच्चा हुआ हो ..
वो लेख किसी विकास पाठक के अनुभव पर लिखा गया है ... ये विकास पाठक कौन है और संघ में क्या थे किसी को नही मालुम ... लेकिन जब बीबीसी हिंदी कैसे साईट पर इनका लेख छपा तो इनके चेहरे से भी नकाब उतर गया ... असल में देश में मीडिया में मोदी मोदी होने से सेकुलर सुअरों के पेट में मरोड़ उठने लगा है इसलिए वो अब नीचता पर उतर आये है ......
ये विकास पाठक जेनयू के पूर्व छात्र रहे है और वामपंथी छात्र सन्गठन आइसा से जुड़े रहे है .. वर्तमान में कांग्रेसी नेता की निजी युनिवर्सिटी शारदा युनिवर्सिटी में पढाते है .. और कभी भी संघ से जुड़े नही रहे ... उनका कथित इंटरव्यू सलमान रावी नामक घोर हिन्दू विरोधी मुस्लिम पत्रकार ने लिया था ..ये सलमान रावी बीबीसी हिंदी वेबसाईट का मुख्य सम्पादक है ...
यानी आने वाले दिनों में और भी ज्यादा नीचता और कमीनापंथी देखने के लिए तैयार रहिये ..
Jitendra Pratap Singh
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जो कत्ल करे गाय और भैस उसका मुक्कमल ईमान हो गया..
हिन्दू पानी और पटाखों से ही बदनाम हो गया ??
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कौड़ी में बीके हुये लोग , घुटनों पर टिके हुये लोग 
बरगद को देते हैं चुनौती , गमलो में उगे हुए लोग...


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प्रेग्नेंट हुईं ISIS में शामिल ऑस्ट्रिया की जिहादी टीनएजर्स, वापस घर लौटना चाहती हैं

ऑस्ट्रिया से आतंकी संगठन ISIS में शामिल होने गईं दो टीनएजर लड़कियां अब अपने घर वापस लौटना चाहती हैं. ISIS की 'पोस्टर गर्ल' बन चुकी दोनों लड़कियां प्रेगनेंट हो गई हैं. उधर, ऑस्ट्रिया सरकार ने कहा है कि अब इन दोनों लड़कियों की वतन वापसी मुमकिन नहीं है.
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लव जिहाद में नाम बदलने की क्या जरुरत... ?


असलम,फहीम, शाहिद सब एक जगह कॉलेज के बाहर मिले और इंतज़ार करने लगे ..
अब्दुल: क्या फहीम साले देख मैंने एक काफिर की लड़की को फंसा लिया है ..
साली को इम्प्रेस करने में और फ़ोन नंबर तक लेने में साला दो दिन लगा बस ... एक
दो दिन में सेटिंग कर लूँगा होटल तक ...
फहीम: अरे यार मेरी वाली भी पट गयी है लव जिहाद में नाम बदलने की क्या जरुरत
है हिन्दू की लड़कियां वैसे भी बहुत सीधी होती हैं .. खुद ही बोलती है .. हिन्दू मुस्लिम सब
एक है ..
अल्लाह इश्वर एक है .. भैन्चो@# मुझे तो बस हाँ में हाँ मिलाना होता है ..
साली एक बार होटल ले जा के @#&% कर दूँ विडियो बना लूँ साला फिर अपने क्लच में.. फिर बताऊंगा कहाँ है इसका भगवान्....
तभी शाहिद बोला : हाहा साला मैंने तो एक हिन्दू लड़की को फंसा के रखा है दुसरे कॉलेज में पढ़ती है यहाँ तो दुसरे का नंबर लगाए हुए हूँ ... वैसे तू ठीक ही कहता है नाम बदलने की क्या जरुरत है साली इनको धर्म से कोई मतलब होता है क्या ?
साली अगरबत्ती जलाने और मंदिर जाने के सिवा ये जानती ही क्या है .. इससे तो @#%& जल्दी ही इस्लाम कबूल करवाऊंगा .. इसका तो भाई भी पागल है उसी के घर जा जा के तो पटा रहा हूँ.. एक दो गिफ्ट क्या दिया भेन्चो#₹%&* जीने मरने की कसमें खा रही है .......और सुन मजा आएगा सुन के ...जब मैं कट्टर हिन्दुओं की बुराई करता हूँ तो साली खुद ही उन सबको गाली बकती है हाहा...
(तभी तीनों ने देखा कॉलेज ख़त्म हो गयी थी सब लडकिया और लड़के बाहर आने लगे थे ... और ये तीनो अपनी अपनी बाइक से उतर कर काफिर की लड़की का इंतज़ार करने लगे..जो अपने माँ बाप की इज्जत और अपने धर्म को दुसरे के हाथो नीलाम करने के लिए आने ही वाली थी ....Sanjay Dwivedy
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