Monday 2 June 2014

आप मित्रों का क्या कहना है ?

मोहम्मद का कार्टून बना देने पर या फिर "इनोसेन्स ऑफ़ मुस्लिम" फिल्म के रिलीज होने पर इस्लाम के ठेकेदारों ने दुनिया भर में कितना तहलका मचाया था! परन्तु आज जब नाइजीरिया के बाको- हरम में इस्लाम के नाम पर स्कूल में पढ़ने वाली छोटी- छोटी स्कुल की बच्चिओं का अपहरण करके उनका बलात्कार करके उनसे जबरन इस्लाम कबूल करवाया जा रहा है..
तो दुनिया भर के इस्लामिक देशों में से कहीं भी आहट सुनाई नहीं दे रही है, और न ही इनके बोल फूटते हैं जबकि शरिया कानून के अनुसार एक गैंग रेप की पीड़िता को सरे आम कोड़े लगाए जाते हैं! इसे कहते हैं मजहबी दोगलापन!
निश्चित ही धर्म यदि इतना घिनौना और असंवेदनशील न होता तो न तो मजहब और अल्लाह के नाम पर ऐसी दुर्दान्त घटनाएं होतीं और न ही इसे मानने वाले इतने असंवेदनशील होते! और मज़हब की इन गंदगियों को बढ़ाने में उनका सबसे बड़ा योगदान है जो हमेशा यह कहकर मज़हब का बचाव करते हैं कि ये इस्लाम नहीं है या ऐसा करने वाला मुसलमान तो बिल्कुल नहीं हो सकता..
अगर इन्होंने हजारों साल पहले बनी कबीलाई व्यवस्था और उसके अमानवीय बर्बर कानूनों को अस्वीकृत किया होता तो शायद ये जहरीला मज़हब इंसानों का इतना खून नहीं बहा रहा होता, परन्तु ये तो इसके विपरीत आज भी दुनिया की आधी आबादी को मध्य युग की तरह रखना चाहते हैं! उन्हें 'काले लबादे' में लपेट
देना चाहते हैं, क्योंकि इन्हें ऐसा लगता है कि औरत की शक्ल देखते ही ये खुद पर काबू नहीं रख सकेंगे और उनका बलात्कार कर देंगे!
अगर सच में इंसानियत और शान्ति चाहते हो तो इस तथाकथित शान्ति के मजहब समेत सभी धर्मों को उनकी मूर्खतापूर्ण किताबों सहित दफन कर दो नहीं तो जब तक इनका अस्तित्व रहेगा मानवता को इसी तरह तार- तार किया जाता रहेगा!
आज भी इस्लाम को हिंसा व मार- काट के जोर पर फैलाया जा रहा है, जो कबूल कर ले तो ठीक और यदि न करे तो उसकी गर्दन धड से अलग कर दी जाती है, और यदि किसी कोई औरत कबूल करने से मना कर दे तो कई दर्जन 'शांति के दूत' उसका बलात्कार करके उसे मौत के घाट उतार देते हैं..
जब आज के युग #इस्लाम को हिंसा के साथ फैलाया जा रहा है फिर 1400 साल पहले इस धर्म को कैसे दुनिया में फैलाया गया होगा, सोच कर भी डर लगता है, ये कड़वा सच है कि आज भारत, पाकिस्तान व बांग्लादेश में रहने वाला हर मुसलमान पहले एक हिन्दू था जिनके पुरखों को जबरन इस्लाम में लाया गया, और जिनकी औरतों का जबरन बलात्कार करके इस्लाम में लाया गया और यदि वे नहीं मानीं तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया, जैसा कि आप आज बोको हरम में होते देख रहे हैं..
आप मित्रों का क्या कहना है ?
Loksabha Varanasi-लोकसभा वाराणसी 

No comments:

Post a Comment