Monday 30 June 2014

शंकराचार्य जी हिन्दुओ के सबसे बड़े गुरु होते है उन्हे साक्षात शिव का रूप माना जाता है लेकिन मुझे शंकरचार्य जी का इस वक्त इस तरह का बेवजह ब्यान देना समझ से परे है क्योकि जब केंद्र की पिछली UPA ( कांग्रेस ) की सरकार ने हिन्दुओ के आस्था के केंद्र भगवान श्रीराम की धरोहर " श्रीराम सेतु " तोड़ने पर आमादा थी तब शंकरचार्य जी मौन थे ? जब केंद्र की पिछली UPA सरकार ने हिन्दुओ को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से " सांप्रदायिक हिंसा बिल " जिसमे सिर्फ हिन्दुओ के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही की बाते थी यानि घोर हिन्दू विरोधी बिल , जिसका विरोध देश के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा सहित कई अन्य हिन्दू संघटनों ने किया जिसके कारण केंद्र की कांग्रेस सरकार डर कर इस विवादस्पद बिल को संसद मे नहीं लाया तब हिन्दू धर्म गुरु शंकरचार्य जी बिलकुल मौन थे ? कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी , दिग्विजय सिंह जैसे कुछ तथाकथित सेकुलर नेताओ ने एक " खास समुदाय " को खुश करने के लिए " हिन्दू आतंकवाद " की बाते की थी तब शंकरचार्य जी मौन रहे इसका विरोध क्यो नहीं किया ? केंद्र की UPA सरकार ने " गौ मांस " को बढ़ावा देने के लिए कई स्लाटर हाउस को मंजूरी दी और गौ मांस को बढ़ावा देने लिए सरकार द्वारा सब्सिडी दी गई तब शंकरचार्य जी मौन थे जबकि हिन्दू धर्म मे गौ माता का सबसे पूज्यनीय स्थान है , गौ माता मे 33 करोड़ देवी देवताओ का वास माना जाता है फिर भी हिन्दू धर्म रक्षक शंकरचार्य जी का मौन समझ से परे था ।
मित्रो शंकरचार्य जी मेरे भी पूज्यनीय है लेकिन पिछली कुछ कड़वी बाते मुझे हजम नहीं हुआ था इसलिए अपनी मन की बाते आप लोगो को बता रहा हु यदि किसी भाई व बहनो की भावना आहत हुआ हो तो क्षमा प्रार्थी हु । 
media ने कभी ये बताया ??
nestle कंपनी खुद मानती है कि वे अपनी चाकलेट kitkat मे बछड़े के मांस
का रस
मिलाती है ! और सबका धर्म भ्रष्ट कर रही है !
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media ने कभी ये बताया ???
की मद्रास high court मे fair and lovely कंपनी पर जब case
किया गया था ! तब कंपनी ने खुद माना था ! हम cream मे सूअर
की चर्बी का तेल मिलाते है !!
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media ने कभी ये बताया ????
की ये colgate कंपनी जब अपने देश america मे colgate बेचती है
तो उस पर warning लिखती है !!
अमेरिका और यूरोप में जब कोलगेट बेचा जाता है तो उसपर
चेतावनी (Warning) लिखी होती है | लिखते अंग्रेजी में हैं, मैं
आपको हिंदी में बताता हूँ, उस पर लिखते हैं
"please keep out this Colgate from the reach of children below 6 years
" मतलब "छः साल से छोटे बच्चों के पहुँच से इसको दूर रखिये/उसको मत
दीजिये", क्यों? क्योंकि बच्चे उसको चाट लेते हैं, और उसमे कैंसर करने
वाला केमिकल है, इसलिए कहते हैं कि बच्चों को मत देना ये पेस्ट |
और आगे लिखते हैं " In case of accidental ingestion , please
contact nearest poison control center immediately , मतलब
"अगर बच्चे ने गलती से चाट लिया तो जल्दी से डॉक्टर के पास ले के
जाइए" इतना खतरनाक है, और तीसरी बात वो लिखते हैं
"If you are an adult then take this paste on your brush in
pea size " मतलब क्या है कि " अगर आप व्यस्क हैं /उम्र में बड़े हैं
तो इस पेस्ट को अपने ब्रश पर मटर के दाने के बराबर की मात्रा में लीजिये"
|
और आपने देखा होगा कि हमारे यहाँ जो प्रचार टेलीविजन पर आता है उसमे
ब्रश भर के इस्तेमाल करते दिखाते हैं | हमारे देश में बिकने वाले पेस्ट पर ये
"warning" नहीं होती !
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media ने कभी बताया कि
ये vicks नाम कि दवा यूरोप के कितने देशो मे ban है ! वहाँ इसे जहर
घोषित किया गया है !पर भारत मे सारा दिन tv पर इसका विज्ञापन
आता है !!
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media ने कभी बताया ??
कि life bouy न bath soap है न toilet soap ! ये जानवरो को नहलाने
वाला cabolic soap है !
यूरोप मे life bouy से कुत् nahate है !और भारत मे 9 करोड़ लोग इससे रगड़ रगड़
कर नहाते हैं !!
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media ने कभी बताया ! ???????????
की ये coke pepsi सच मे toilet cleaner है ! और ये साबित हो गया है
इसमे 21 तरह के अलग अलग जहर है ! और तो और संसद की कंटीन मे
coke pepsi बेचना ban है ! पर पूरे देश मे बिक रही है !!
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media ने कभी बताया ????
कि ये healt tonic बेचने
वाली विदेशी कंपनिया boost ,complan ,horlics,maltova ,protinx ,
इन सबका delhi के all india institute (जहां भारत की सबसे बड़ी लैब
है ) वहाँ इन सबका test किया गया ! और पता लगा ये सिर्फ मुगफली के
खली से बनते है ! मतलब मूँगफली का तेल निकालने के बाद
जो उसका waste बचता है !जिसे गाँव मे जानवर खाते है ! उससे ये health
tonic बनाते है !!
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media ने कभी बताया ??????
अमिताभ बच्चन का जब आपरेशन हुआ था और 10 घंटे चला था ! तब
डाक्टर ने उसकी बड़ी आंत काटकर निकली थी !! और डाक्टर मे कहा था ये
coke pepsi पीने के कारण सड़ी है ! और अगले ही दिन से अमिताभ बच्चन
ने इसका विज्ञापन करना बंद कर दिया था और आजतक coke pepsi
का विज्ञापन नहीं करता नहीं करता !
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 media अगर ईमानदार है ! तो सबका सच एक साथ दिखाये !!
ISIS / ISIL आतंकियों में भारतीय भी...?
भारतीय सरकार ने हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर जारी किया अलर्ट -इराक में आईएसआईएस के साथ लड़ रहे एक व्यक्ति की पहचान हाजी फकरुद्दीन उस्मान अली के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि वह तमिलनाडु में जन्मा सिंगापुर निवासी है। उस्मान पर आरोप है क‍ि उसने सीरिया के गृहयुद्ध में भी आईएसआईएस की तरफ से लड़ाइयां लड़ी हैं। अधिकारियों ने कहा, "इराक सरकार के खिलाफ लड़ाई में भारतीय कनेक्शन के तौर पर उस्मान पहला ठोस उदाहरण है।"
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उस्मान के खिलाफ भारत में किसी तरह का कोई मामला नहीं है। यही नहीं, उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी नहीं किया जा सकता।
जय हो जकातिया 'भारतीय' शांतिप्रिय समुदाय की ...सड़ सड़ के मरेंगे ये भारतीय सेक्यूलर...
एक सौदागर राजा के महल में दो गायों को लेकर आया - दोनों ही स्वस्थ, सुंदर व दिखने में लगभग एक जैसी थीं।
सौदागर ने राजा से कहा "महाराज - ये गायें माँ - बेटी हैं परन्तु मुझे यह नहीं पता कि माँ कौन है व बेटी कौन - क्योंकि दोनों में खास अंतर नहीं है।
मैंने अनेक जगह पर लोगों से यह पूछा किंतु कोई भी इन दोनों में माँ - बेटी की पहचान नहीं कर पाया - बाद में मुझे किसी ने यह कहा कि आपका बुजुर्ग मंत्री बेहद कुशाग्रबुद्धि का है और यहाँ पर मुझे अवश्य मेरे प्रश्न का उत्तर मिल जाएगा इसलिए मैं यहाँ पर चला आया -
कृपया मेरी समस्या का समाधान किया जाए।"
यह सुनकर सभी दरबारी मंत्री की ओर देखने लगे -
मंत्री अपने स्थान से उठकर गायों की तरफ गया। उसने दोनों का बारीकी से निरीक्षण किया किंतु वह भी नहीं पहचान पाया कि वास्तव में कौन मां है और कौन बेटी ... ?
अब मंत्री बड़ी दुविधा में फंस गया, उसने सौदागर से एक दिन की मोहलत मांगी।
घर आने पर वह बेहद परेशान रहा - उसकी पत्नी इस बात को समझ गई।
उसने जब मंत्री से परेशानी का कारण पूछा तो उसने सौदागर की बात बता दी।
यह सुनकर पत्नी मुस्कराते हुए बोली 'अरे ! बस इतनी सी बात है - यह तो मैं भी बता सकती हूँ ।'
अगले दिन मंत्री अपनी पत्नी को वहाँ ले गया जहाँ गायें बंधी थीं।
मंत्री की पत्नी ने दोनों गायों के आगे अच्छा भोजन रखा - कुछ ही देर बाद उसने माँ व बेटी में अंतर बता दिया - लोग चकित रह गए।
मंत्री की पत्नी बोली "पहली गाय जल्दी -जल्दी खाने के बाद दूसरी गाय के भोजन में मुंह मारने लगी और दूसरी वाली ने पहली वाली के लिए अपना भोजन छोड़ दिया, ऐसा केवल एक मां ही कर सकती है - यानि दूसरी वाली माँ है।
माँ ही बच्चे कैे लिए भूखी रह सकती है - माँ में ही त्याग, करुणा,वात्सल्य,ममत्व के गुण विद्यमान होते है ....
90% NGO फर्जी ....
तमिलनाडु के कुडनकूलम में कुडनकूलम परमाणु परियोजना का greenpeace नामक NGO (non governmentol organization ) और बहुत से गैर सरकारी संगठनों द्वारा परियोजना का तीव्र विरोध किया गया था ।
आज पूरे देश में लगभग 20 लाख NGO चल रहे हैं जिनमें 90% NGO फर्जी हैं ।इनका एक ही लक्ष्य है देश में चल रहे विकास कार्यों का विरोध करना ..
आँकड़े बताते हैं कि जिस देश में 943 लोगों पर 1पुलिसकर्मी , 1700 लोगों पर 1 डाक्टर है ,वहीँ 600 लोगों पर एक NGO है ।
2013 में विदेशों से मिलने वाली सहायता में से अकेले अमेरिका ने 4050 करोड़ रु. अनुदान दिया था ,ऐसे ब्रिटेन ,जर्मनी ,इटली आदि देशों द्वारा अरबों का अनुदान दिया गया था ।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रतिवर्ष 1000 करोड़ रु. दिये जाते हैं ।और इस राशि को राष्ट्रविरोधी कार्यों में लगाते ।
तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि कुडनकूलम परमाणु परियोजना का विरोध करने वाले राष्ट्रविरोधी हैं ।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सभी NGO की निगरानी करने के लिये उच्चस्तरीय समिति भी बनाई है जो विदेशों से मिलने वाले धन पर नजर रखेगी ।
मात्र 2% NGO ही विदेशों से मिलने वाले धन का लेखा-जोखा सरकार को देते हैं ...

तेजपात (Indian Bay Leaf)-
भारत में उष्णकटिबंधीय एवं इसके अतिरिक्त उपउष्णकटिबन्धीय हिमालय से भूटान तक ९००-१५०० मी तक की ऊंचाई पर सिक्किम में २४०० मी तथा सिल्हट एवं खसिया के पहाड़ी क्षेत्रों में ९००-१२०० मी की ऊंचाई तक तेजपात के जंगली वृक्ष पाये जाते हैं | इसके पत्तों को धूप में सुखाकर प्रयोग में लिया जाता है | पत्तियों का रंग जैतूनी हरा तथा ३ स्पष्ट शिराओं युक्त तथा इसमें लौंग एवं दालचीनी की सम्मिलित मनोरम गंध पायी जाती है | यह सदा हरा रहने वाला वृक्ष है | आज हम तेजपात के औषधीय गुणों की चर्चा करेंगे -
१- तेजपात के ५-६ पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह जाए | इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं | इससे सिर में जुएं नहीं होती हैं |
२- चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है |
३- तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है |
४- तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है |
५- एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है |
६- तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है |
७- इसके २-४ ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है |
कभी कभी खाना खाते समय यह सोचता हूँ की जो अन्न मैं खा रहा हूँ, पता नहीं किस किसान ने अपने खून पसीने से उस खेत को सींचा होगा? जिसके खेत से आये ये अन्न या चावल का दाने मैंने खाए उसका आज पेट भरा होगा की नहीं? धन्य हैं वे सभी किसान जो समाज का पेट भरते हैं, हमने तो उसके लिए सिर्फ कुछ रुपये ही दिए हैं परन्तु अगर पेट रुपयों से भरा जा सकता तो रुपये पैसे ही ना खा लेते? सुखी रहे वह किसान जो हमारा सबका पेट भरता है, ईश्वर से हमारी ऐसी कामना है, ....
जय श्रीराम ....
नीरज कौशिक
 
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सिगरेट के बगैर हम जी सकते हैं। फिर भी सिगरेट बनाने वाला अरबपति
शराब के बगैर हम जी सकते हैं, फिर भी शराब बनाने वाला अरबपति...
मोबाइल के बगैर भी हम जी सकते हैं, फिर भी मोबाइल बनाने वाले अरबपति......
कार के बगैर हम जी सकते हैं, फिर भी कार बनाने वाले अरबपति.......
अन्न के बगैर हम कदापि नहीं जी सकते , लेकिन अन्न को पैदा करने वाला किसान गरिब और दरिद्री।
एक भयानक सत्य। इस पर विचार व मणन अवश्य करे।ं


पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक शहर है,बहराइच ।
बहराइच में हिन्दू समाज का सबसे मुख्य पूजा स्थल है गाजी बाबा की मजार। मूर्ख हिंदू लाखों रूपये हर वर्ष इस पीर पर चढातेहै।इतिहास जानकर हर व्यक्ति जनता है,कि महमूद गजनवी के उत्तरी भारत को १७ बार लूटने व बर्बाद करने के कुछ समय बाद उसका भांजा सलार गाजी भारत को दारूल इस्लाम बनाने के उद्देश्य से भारत पर चढ़ आया ।वह पंजाब ,सिंध, आज के उत्तर प्रदेश को रोंद्ता हुआ बहराइच तक जा पंहुचा। रास्ते में उसने लाखों हिन्दुओं का कत्लेआम कराया,लाखों हिंदू औरतों के बलात्कार हुए, हजारों मन्दिर तोड़ डाले। परंतु बहराइच के राजा सुहेल देव राजभार ने अपनी सेना के साथ सलार गाजी के हत्याकांड को रोकने के लिए जा पहुंचे । सलार गाजी मारा गया। हिंदू ह्रदय राजा सुहेल देव राजभार ने अपने धर्म का पालन करते हुए, सलार गाजी को इस्लाम के अनुसार कब्र में दफ़न करा दिया। कुछ समय पश्चात् तुगलक वंश के आने पर फीरोज तुगलक ने सलारगाजी की मजार बनवा दी। आज उसी हिन्दुओं के हत्यारे, हिंदू औरतों के बलातकारी ,मूर्ती भंजन दानव को हिंदू समाज एक देवता की तरह पूजता है। सलार गाजी हिन्दुओं का गाजी बाबा हो गया है।
नाम :- भाई मती दास..
तारीख :- 24 नवम्बर 1675 ई.
जगह :- ,चादनी चौक,, डेल्ही,,लाल किला..
प्रशासन की वहशीपना देखने के लिए भीड़ सुबह से जमा होने लगी थी..
कश्मीर के हिन्दुयो के ढाल बने गुरु तेग बहदुर..जी के साथ 5 सिक्खों को मुसलमान बनाना था...भाई मती जी इन्ही में से एक थे..
सीसगंज गुरुद्वारे के बगल में मौजूद सुनहरी मस्जिद के गाजी ने एक बार फिर से अपनी
बात रखी..इस्लाम - या तलवार...
भाई मती दास जी मुस्कुरा दिए...
आरा उनके सर पर रख दिया गया - गाजी ने फिर पूछा इस्लाम के फायदे गिनाये,
भाई मती दास जी ने बोला हे औंरगजेब तू अपना समय नष्ट कर रहा है,
मेरा मुह मेरे गुरु तेग बहादुर जी के सम्मुख रख मेरा रिश्ता मेरे रूह साथ है- आरी
चल पड़ी- खून का फौवारा निकल पड़ा...
भाई मती दास जी तिलक जनेऊ की रक्षा के लिए परलोक गमन कर गये...
आज इनकी तस्वीर को सरकार पर सरकार ने प्रतिबन्ध लगा रक्खा है.
और औरंगजेब के नाम की रोड बना रखी है...
( भाई मती दास जी संग्रहालय सीसगंज गुरुद्वरा के सौजन्य से)
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में समाजवादी पार्टी के नेता महमूद आलम को पाकिस्तान जिंदाबाद और नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाकर रोड पर बवाल करने पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, झिंझाना के निवासी महमूद आलम मेरठ-करनाल रोड पर गाड़ियों को रोककर अवैध वसूली कर रहे थे। जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर जाकर उन्हें हिरासत में लेने की कोशिश की। इस पर आलम ने पुलिस के साथ बदसलूकी की। छह सिपाहियों ने बमुश्किल उन पर काबू पाया। गिरफ्तारी के वक्त वह नशे में थे।
जब पुलिस उन्हें थाने ले जाने लगी तो उन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद और नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। पुलिस ने तब उनके खिलाफ शांति भग करने का चालान जारी कर दिया। शीर्ष अधिकारियों ने घटना की जानकारी मिलने के बाद आलम के खिलाफ सख्त कदम उठाने और चालान के बाद देशद्रोह का मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए।
एसएचओ बीपी यादव और ड्यूटी पर तैनात सिपाहियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि अदालत में मामला कानून के अनुसार पेश किया जाए।

Sunday 29 June 2014


घरेलू अचूक नुस्खे ---------
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जब बाल झड़ रहे हों


1. नीम का पेस्ट सिर में कुछ देर लगाए रखें। फिर बाल धो लें। बाल झड़ना बंद हो जाएगा।
2. बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।
3. दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ (रूसी) भी नहीं होगी।

कफ और सर्दी जुकाम में


सर्दी जुकाम, कफ आए दिन की समस्या है। आप ये घरेलू उपाय आजमाकर इनसे बचे रह सकते हैं।

1. नाक बह रही हो तो काली मिर्च, अदरक, तुलसी को शहद में मिलाकर दिन में तीन बार लें। नाक बहना रुक जाएगा।
2. गले में खराश या ड्राई कफ होने पर अदरक के पेस्ट में गुड़ और घी मिलाकर खाएं। आराम मिलेगा।
3. नहाते समय शरीर पर नमक रगड़ने से भी जुकाम या नाक बहना बंद हो जाता है।
4. तुलसी के साथ शहद हर दो घंटे में खाएं। कफ से छुटकारा मिलेगा।


शरीर, सांस की दुर्गध में


यह परेशानी भी आम है। कई बार तो हमें इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ जाता है।

1. नहाने से पहले शरीर पर बेसन और दही का पेस्ट लगाएं। इससे त्वचा साफ हो जाती है और बंद रोम छिद्र भी खुल जाते हैं।
2. गाजर का जूस रोज पिएं। तन की दुर्गध दूर भगाने में यह कारगर है।
3. पान के पत्ते और आंवला को बराबर मात्रा में पीसे। नहाने के पहले इसका पेस्ट लगाएं। फायदा होगा।
4. सांस की बदबू दूर करने के लिए रोज तुलसी के पत्ते चबाएं।
5. इलाइची और लौंग चूसने से भी सांस की बदबू से निजात मिलता है।

उच्च रक्त चाप

1- कुछ दिनों तक लगातार आधा चम्मच मैथी दाना का पॉउड़र पानी के साथ लेने से उच्च रक्त चाप में लाभ होता है।
2- तुलसी के पाँच पत्ते और नीम के दो पत्ते कुछ दिनों तक लेने से उच्च रक्त चाप मे लाभ होता है।

3- तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से उच्चरक्त चाप में लाभ होता है।

4-दो कली लहसुन की खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप में फायदा होता है।
5- लौकी का एक कप रस सुबह खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप कम होने में फायदा करता है।
6- प्रतिदिन एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस लेना सभी रोगों में लाभकारी होता है।

पैर में मोच आ जाय

1- आक या पान का पत्ता या आम का पत्ते को चिकना कर नमक लगा कर उस स्थान पर बांधने से काफी लाभ होता है।
2- चोट लगने पर नमक में काले तिल, सूखा नारियल और हल्दी मिला कर पीस कर गरम कर चोट वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।

घुटनों के दर्द के कुछ उपाय

1- सुबह खाली पेट तीन-चार अखरोट की गिरियां निकाल कर कुछ दिनों तक खाना चाहिए। इसके नियंत्रित सेवन से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है। नारियल की गिरी भी खाई जा सकती है। इससे घुटनों के दर्द में राहत मिलती है।


अस्थमा की समस्या

1- तुलसी के पत्तों को अच्छी तरह से साफ कर उनमें पिसी काली मिर्च डालकर खाने के साथ देने से दमा नियंत्रण में रहता है।
2- गर्म पानी में अजवाइन डालकर स्टीम लेने से भी दमे को नियंत्रि‍त करने में राहत मिलती है।

किड़नी में पथरी की समस्या

तीन हल्की कच्ची भिंड़ी को पतली-पतली लम्बी-लम्बी काट लें। कांच के बर्तन में दो लीटर पानी में कटी हुई भिंड़ी ड़ाल कर रात भर के लिए रख दें। सुबह भिंड़ी को उसी पानी में निचोड़ कर भिंड़ी को निकाल लें। ये सारा पानी दो घंटों के अन्दर-अन्दर पी लें। इससे किड़नी की पथरी से छुटकारा मिलता है।


पेट में वायु की अधिकता

1- ऐसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भोजन के बाद 3-4 मोटी इलायची के दाने चबा कर ऊपर से नींबू पानी पीने से पेट हल्का होता है।


2- सुबह-शाम 1/4 चम्मच त्रिफला का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट नर्म होता है।

3- अजवायन और काला नमक को समान मात्रा में मिला कर गर्म पानी से पीने से पेट का अफारा ठीक होता है।

नाभि के अपने स्थान से खिसक जाने पर

1- मरीज़ को सीधा लिटाकर उसकी नाभि के चारों ओर सूखे आंवले का आटा बना कर उसमें अदरक का रस मिलाकर बांध दें और दो घंटों के लिए सीधा ही लेटे रहने दें। दो बार ऐसा करने से नाभि अपने स्थान पर आ जायेगी। दर्द और दस्त जैसे कष्ट भी दूर होंगे।
2- ऐसे समय में मरीज़ को मुंग की दाल वाली खिचड़ी खाने में देनी चाहिए।
3- अदरक और हींग का सेवन भी फायदा करता है।

दस्त की समस्या

1- खाना खाने के बाद एक कप लस्सी में एक चुटकी भुना ज़ीरा और काला नमक ड़ाल कर पीएं। दस्त में आराम आयेगा।

2- अदरक का रस नाभि के आस-पास लगाने से दस्त में आराम मिलता है।
3- मिश्री और अमरूद खाने से भी आराम मिलता है।
4- कच्चा पपीता उबाल कर खाने से दस्त में आराम मिलता है।

बार-बार मूत्र आये

1- सुबह-शाम एक-एक गुड़ और तिल से बना लड्ड़ु खाना चाहिए।
2- शाम के समय काले भुने हुए चने छिल्का सहित खाएं और एक छोटा सा टुकड़ा गुड़ का खाकर पानी पी लें।

उल्टी

1- तुलसी के रस में बराबर की मात्रा में शहद मिला कर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है।


2- 2 चम्मच शहद में बराबर मात्रा में प्याज़ का रस मिला कर चाटने से उल्टी बन्द हो जाती है।

3- दिन में 5-6 बार एक-एक चम्मच पोदीने का रस पीने से उल्टी बन्द हो जाती है।

बच्चों को सर्दी या बुखार हो जाय तब


1- दो-तीन तुलसी के पत्ते और छोटा सा टुकड़ा अदरक को सिलबट्टे पर पीस कर मलमल के कपड़े की सहायता से रस निकाल कर 1 चम्मच शहद मिला कर दिन में 2-3 बार देने से सर्दी में आराम मिलता है।

2- लौंग को पानी की बूंदों की सहायता से रगड़ कर उसका पेस्ट माथे पर और नाभि पर लगाना चाहिए।

3- एक कप पानी में चार-पाँच तुलसी के पत्ते और एक टुकड़ा अदरक ड़ाल कर उबाल लें पानी की आधी मात्रा रह जाने पर उसमें एक चम्मच गुड़ ड़ाल कर उबाल लें। दिन में दो बार दें। आराम आ जायेगा।

A letter from Hafiz sayeed to Indian Muslims

अगर आपके पास थोडा भी समय हो तो पाकिस्तान से आये हुये इस पत्र जो की भारत की 3.5 लाख वहाबी मस्जिदों मे हर जुम्मे को पढ़ा जाता है ...अवश्य पढ़ें ...और आप ना भी पढ़े तो कम से कम अपने मासूम बच्चों को अवश्य पढ़ायें ... ताकि वो अपनी जिंदगी..एक मासूम बनकर ना जियें !
'' उर्दू फारसी पत्र की सत्यप्रति
786
पैगाम इस्लाम
आप सबको गुजारिश है कि हमने हिन्दुस्तान पर 800 साल हुकूमत की है। अब भी हमारी हुकूमत चलती है पर सीधी तरह से नहीं। सब पार्टियां और इनके काफिर नेता हमारे इशारे पर नाचते हैं।
हमको आज मदरसों, मस्जिदों और हज के लिये पैसा मिलता है।
2004 और 2009 के चुनाव में हिन्दुओं की पार्टी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी मगर हमारी पूरी हुकूमत तो तब मानी जायेगी जब पूरा हिन्दुस्तान इस्लाम के झण्डे के नीचे होगा। जल्दी ही हमारे मुजाहिद्दीन लड़ाके सफ़ेद दाड़ी वाले गुजराती को मार देंगे फिर हिन्दुओं का अंतिम रहनुमा भी हमारे रास्ते से हट जायेगा !
इसलिये हर मुसलमान का फर्ज है कि खाना जंगी के लिये तैयार रहें। इसके लिये हथियारों के अलावा बम्ब बनाना सीखें और कुरान की 24 आयातें रोज पढ़ें और उसी के मुताबिक काफिरों के मारने, जलाने और धोखे से पकड़ने का काम सरंजाम दें और उनको लूट और उनकी औरतों को भगा कर शादी करें। वैसे तो ये सिलसिला 70 साल से चल रहा है। पर अब पूरा जोर तब लगायें जब खाना जंगी के लिये आईएसआई और इंडियन मुजाहिद्दीन के लिये हुकुम देंगे।
हर मुसलमान को दूसरा कलमा रोज पढ़ना चाहिये। वो यह है- हंस के लिये लिया है पाकिस्तान और लड़के लेंगे हिन्दुस्तान।
अगरचे मदरसा जैल बातों पर आप लोग चल रहे हो फिर भी तबज्जो दें।
1-बिजनौर यू0पी0 फार्मूलाः- यहां पर मुसलमान जवान लड़के हिन्दुओं से दोस्ती करके अपने घर बुलाकर मछली, मुर्गा खिलाते हैं और फिर काफिरों के घर उनकी औरतों से यारी करके फंसाते हैं। ये औरतें मुसलमानों को माल भी खिलाती हैं और पैसा भी देती हैं। बहुत सी काफिर लड़कियों ने मुसलमानों से शादी कर ली है। वाह अल्ला तेरा शुक्र है।
2-बोतल फार्मूला- गरीब बस्तियों में काफिरों को ज्यादा शराब पिला कर नामर्द बनाओ और उनकी औरतों से ऐश करो। 9 करोड़ हिंदु तो मुसलमानों से मिल चुके हैं और उनकी औरतें तो आराम से मुसलमानों के बगल में आ जाती हैं।
3-चोरी डकैती- काफिरों के घरों में धोखा देकर चोरियां करो उनके खेतों की फसल काटो और उनके जानवरों की भी चोरी करो।
4-शहरी फार्मूला-(1) मुसलमान अकल से काम लें, अपने छोटे लड़कों को काफिरों के घर नौकर रखो और 25/25 बच्चे कैसे पालोगे, 8/10 साल के बाद आपके बच्चे जवान होकर घर की हिन्दू औरतों से दोस्ती करेंगे और ऐश के साथ-साथ पैसा भी खूब मारेंगे।
शहरी फार्मूला-(2) मुसलमान जवान नौकर, ड्राइवर, खानसामा, रोटी पकाने वाला, माली, चैकीदार बन हिन्दू नामों से रहो और मौका मिलते ही उपर वाली बातों पर अमल करें। इसके अलावा उनकी गाड़ियों, स्कूटरों वगैरा भी चोरी कर सकते हैं। ये शहर के इमाम से हर तरह के उस्तादों का पता लग जायेगा। काफिरों को जब पता लगा अपनी औरतों के बारे में पता लगा तो उन्होंने नौकरी से निकालने की कोशिश की तो औरतें ही कहने लगी-अच्छा भला ईमानदारी से काम करता है इसे नौकरी से क्यों निकालते हो। कई बार औरतें मुसलमानों के साथ भाग गईं। कई मुसलमान निकाले जाने के बाद दिन में जब काफिर घर पर नहीं होते आकर ऐश, ईशरत करते हैं। माल खाते हैं और पैसे भी ले जाते हैं। या अल्ला तेरा शुकर है तूने किसलिये हिन्दू को अंधा बनाकर रखा है, जिसको पैसा कमाने के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता। ये इस्लाम की जीत है।
जेहाद- खाना जंगी के जेहाद में यदि मुसलमान शहीद होगा तो उसे जन्नत मिलेगी, अगर जिन्दा बचता है तो हिन्दुस्तान के काफिरों की सारी जायदादें मुसलमानों को मिलेंगी और सारी हिन्दू औरतें भी मिलेंगी तो यह भी जन्नत होगी। जैसे पाकिस्तान, कश्मीर और बांग्लादेश की सब कोठियां बंगले मुसलमानों को मिले थे। जेहाद के लिये 2 लाख सीमी के जवान 1 लाख अलकायदा के लिये मुसलमान तैयार हैं। अब हम 20 करोड़ हो गये हैं इसके अलावा 5 करोड़ बंग्लादेशी जिसमें 1 लाख मुजाहिद्दीन लड़ाके हैं। इसलिये घबराने की जरूरत नही है। हिन्दुस्तान की मिलिट्री में भी काफी मुसलमान हैं और बहुत से तो हिन्दू नामों से भर्ती हैं। पुलिस में भी काफी मुसलमान हैं और वक्त आने पर काफिरों को दोजख पहुचायेंगे।
आम हिन्दू लोगों में मुसलमानों के लिय नरम रूख है जिसकी वजह ऊपर बतायी वजह हिन्दू औरतों से दोस्ती है। केरल, मद्रास और हैदराबाद में काफी असलाह पाकिस्तान और अरब मुल्कों से आ चुका है। बिहार में चीन और बांग्लादेश से 60 हजार एके-47 आ चुकी हैं। इसलिये लाल किला पर झण्डा जल्दी झूलेगा।
अरब मुल्कों में हिन्दू औरतों को नर्स, आया, खाना बनाने वाली बनाकर ज्यादा से ज्यादा भेजें। अच्छी तनख्वाह के लालच में गरीब व दरम्यान घर की लड़कियां खुशी से जाती हैं और वहां जाकर रात को सारी की सारी अरबों के पास सो जाती हैं और मुसलमानों की आबादी बढ़ाने में काफी मददगार हैं।
हिन्दू लड़की से शादी, हिन्दू लड़की जो भगाकर लायी जाये उसे 2 दिन भूखा रखें फिर अच्छा-अच्छा खाना दें। उनकी सतत या खतना जरूर करायें। अगर उसके रिश्तेदार कोर्ट केस करें तो कोर्ट में ले जाने से पहले 50/60 बंदूकों के हथियार दिखायें और खबरदार करें। अगर हमारे खिलाफ बयान दिये तो तेरे भाई और खानदान को भून देंगे। ऐसी लड़की को वश में करने वाले ताबीज पहनाना न भूलें। ये भी कमाल का काम करता है।
हरियाणा के मुसलमानों का कमाल- गांधी की मेहरबानी से मेवात के मुसलमान पाकिस्तान नही गये थे। पिछले 15 सालों से40 लाख मुसलमान बिहार, यूपी, राजस्थान में आकर बस गये हैं। 70 फीसदी तो हिन्दू नामों से रह रहे हैं और ऊपर लिखी बाते अच्छी तरह सरंजाम दे रहे हैं।
पंजाब में भी लाखों मुसलमान पहुंच चुका है। वक्त आने पर ये सब जेहाद के लिये कुरान के मुताबिक काफिरों को दोजख पहुचाने के लिये तैयार हैं। अल्ला हमारे साथ है।
काफिरों का बंटवारा- वैसे तो हिन्दू जांत-पांत में बंटा है आप लोग इनके चमारों के दिमाग में हिन्दुओं के लिये खूब नफरत भरें कि हिन्दुओं ने इनके ऊपर सैकड़ों साल जुल्म ढाये।
मुसलमानों शाबास।
आसाम और कश्मीर- आसाम और कश्मीर पर तो मुसलमानों का कब्जा हो चुका है। सारे बुतखाने तोड़ दिये गये हैं। महलों व सड़कों का नाम बदलकर जिन्हा रोड व अली रोड कर दिये हैं। आसाम पर भी काफी हद तक मुसलमानों का कब्जा है। काफिरों का कत्ल करके दहशत फैला कर भगाया जा रहा है। इस तरह कश्मीर की तरह हिन्दुओं की जायदाद व औरतें अल्ला की फजल से हम मुसलमानों को मिल रही हैं। इन्शाह अल्लाह जल्दी ही सारे हिन्दुस्तान को इस्लाम के झंडे के नीचे आयेगा।
सन् 1947 में हमारे जवानों ने काफिरों के छोटे-छोटे बच्चे आसमान में उछालकर नैजे व भाले पर लिये थे। इनकी औरतों के साथ 10/10 मुसलमानों ने जिन्हा किया था और अल्हादानी लोहे की नोहर गर्म करके लाल-लाल उनके थनों पर चिपकाई गई थी। कई औरतों के थन काट दिये थे। उनके बच्चों को मारकर पकाकर खिलाया भी था।
राजीव गांधी के राज में फार्मूला काश्मीर में आजमाया गया। नतीजा यह निकला कि साढ़े तीन लाख पण्डितों से कश्मीर 3 दिन में खाली हो गया और करोड़ों बल्कि अरबों रूपये की काफिरों की जायदाद पर मुसलमानों का कब्जा हो गया।
जेहाद में औरतों के लिये खास दस्ता- मुसलमान जवान का यह दस्ता स्कूटर कार छोटे ट्रक वगैरा पर हिन्दू देवताओं की फोटों चिपकाकर रखें। ड्राइवर व कंडक्टर हिन्दू वेश में हो। जब अफरा-तफरी फैले तो काफिरों को जिनमें औरतें ज्यादा हों मुसलमान मोहल्लों में भगाकर ले जायें। औरतें को वहां पहुंचा दी जायें। काफिर मर्द और बच्चे मारकर दोजख भेज दें। ये नुस्खा 40 साल पहले अहमदाबाद में आजमाया गया था, उस समय वाई वी चैहान होम मिनिस्टर थे। इसी दस्ते के लिये जयपुर फार्मूला कई साल पहले हमारे मुसलमाना जवानों ने जयपुर में फसाद शुरू किये थे और हिन्दू घरों से व लड़कियों के स्कूलों से उठा ली थी। 6 माह बाद जब 2/3 लड़कियों ने अपने घर खबर भेजी तो खानदान के उन लोगों ने उन लड़कियों को वापस लेने से इन्कार कर दिया। 1948 में जब हिन्दू मिलिट्री, हिन्दू औरतों को निकालकर हिन्दुस्तान लाई तो उनके खानदान वालों ने लेने से इंकार कर दिया। इस वास्ते कुछ ने तो खुदकुशी कर ली। ये सब मुसलमानों के लिये अच्छा हुआ। इसके लिये हिन्दुओं की दाद देनी चाहिये।
मुसलमानों और हिन्दुओं के मरने की निस्बतः- जब पाकिस्तान बना तो एक मुसलमान शहीद हुआ था और 100 काफिर मारे गये थे अब तो बम्बों और एके 47 का जमाना है, अल्ला ने चाहा तो एक मुसलमान के मारे जाने पर 1000 हिन्दू मरेंगे अल्ला हमारे साथ है।
मुसलमानों को अल्ला का शुक्रगुजार होना चाहिये कि वो सब भूल गयें अल्ला ने उसका दिमाग बड़ा कमजोर दिया है। इसलिये हमने 800 साल हुकूमत की और इन्शाह अल्ला फिर करेंगे। इस बात से साबित होता है कि अल्ला भी चाहता है कि मुसलमानों को हिन्दुस्तान की हुकूमत मिले और हिन्दुओं की औरतों के साथ मौज मस्ती मिले ।
चीन, पाकिस्तान और बंग्लादेश से हथियार व नकली नोट हम मुसलमानों की मदद के लिये अल्ला भिजवा रहा है। हिन्दू अफसर और पुलिस वाले इसी पैसे से अंधे बना दिये जाते हैं।
यह खत मस्जिदों में जुमे के रोज सब मुसलमानों को सुनाया जाये। खाना जंगी के वक्त पाकिस्तान, चीन और बांग्लादेश भी हमारी मदद के लिये हिन्दुस्तान पर हमला बोल देंगे। नेपाल में काफी मंदिर तोड़ दिये गये हैं और आईएसआई की मदद से काफी लोग मुसलमान हो गये हैं।
कलावा मोटर साईकिल-मुसलमान जवानों को चाहिये अपने हाथ में कलावा बांध कर अपना नाम बदलकर हिन्दू नाम अपना लें। मोटर साईकिल पर सवार होकर हिन्दू मोहल्ले में कालेजों और स्कूलों के पास खड़े होकर हिन्दू लड़कियों से इश्क लड़ायें। होटलों में भी खुद भी ऐश करें और उनसे काल गर्ल्स का काम लें। इस कमाई से कुछ हिस्सा हथियारों पर खर्च करें। कारों वाले भाई जान भी करें। अरब मुल्कों में इसके लिये काफी पैसा हम तक पहुंच रहा है ! जिसे हमने तुम्हारे मौलानाओं से तुम्हे काफिरों की लौडियों को फंसाने के बाद तुम्हे देने को कह दिया है !
भाजपा का डर था कि वो कुरान की 24 आयतें कहीं छापकर नहीं बांटे मगर अल्ला की मेहरबानी से वो अंधे हो गये और नहीं बांट सके। अल्ला तेरा शुक्र है !
भूल कर भी सिखों को न छेड़ें। ये जालिम होते हैं बल्कि चक्कर चलाकर उनको हिन्दुओं से दूर रखें। हिन्दुओं के बाद इनसे भी निबट लेंगे !
ये खत किसी हिन्दू को ना दिखायें।
आपका खादिम
(हाफिज सईद)
नारे तदबीर अल्लाह हो अकबर ''is. SMS ko itana felado..
देश के प्रति यह हमारा कर्तव्य है की हमें भारत भूमि के सच्चे इतिहास का ज्ञान हो।
बाह्य आक्रान्ताओं ने भले ही हमसे कई युद्ध जीते परन्तु हमने कभी उसे पूर्ण पराजय मान कर आत्मसमर्पण नहीं किया । हम वीरों के भांति अपने अंतिम श्वास तक संघर्षरत रहे।
अपने हार्वर्ड के दिनों का एक अनुभव बताते हुए डॉ स्वामी कहते हैं की एक दिन उनके पास एक सऊदी अरब का विद्यार्थी आया और पूछने लगा की भारत अभी तक 80% हिन्दू कैसे है ? (ये उस समय की बात है जब हिन्दू 80% थे)
"मैंने तो रियाद विश्वविद्यालय में पढ़ा की इस्लाम जहाँ जहाँ गया वहां विजय के पश्चात उस देश को 100% इस्लामिक बना दिया। उदहारणतः ईरान एक पारसी देश था, यूनान और बेबीलोन (अभी का ईराक ) को 17 सालों में तथा मिस्र को 21 वर्षों में पूर्नातिया: इस्लामिक बना दिया गया । यहाँ तक की ईसाइयों ने भी युरोप के साथ यही किया - सम्पूर्ण यूरोप को 50 वर्षों में इसाई बना दिया । अतः भारत , जहाँ 800 वर्षों तक इस्लामिक राज एवं 200 वर्षों तक इसाई राज रहे , वह 80% हिन्दू कैसे रहा ?"
इसका एक ही उत्तर है : हमारे पूर्वजों की वीरता, उनका शौर्य तथा उनका अविरत संघर्ष।

Saturday 28 June 2014

हम राम -कृष्ण की सन्तानें इतनी भीरू एवं कृतघ्न कैसे हों गई ? जिस गीता ज्ञान ने रण सें विमुख अर्जुन के पुरूषत्व को जगा कर कर्त्तव्य पथ पर बढने को उद्यत कर दिया, उन श्री कृष्ण के मूल मन्त्र: -

" सर्व धर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज: । " को विस्मृत कर हमारे कान पाखण्ड के कोलाहल को सुनने में संलग्न क्यों हो गये ? मित्रों, अभी भी समय है " सत्य सनातन धर्म " रूपी महान वृक्ष की जङों में अपने हाथों सें पाखण्ड रूपी जहर न डालें ।सोचें, समझें, मनन करें । हमने क्या खोया ? हमने क्या पाया ? अपने हृदय मे झाँक कर देखें और आत्म साक्षात्कार करें । आपको अपने सत्य स्वरूप का दर्शन होगा । " धर्मो रक्षति रक्षित: " । जय श्री कृष्ण ।
। चीन में बीजिंग के उत्तर में छोटा सा कस्बा है, हुआएरू। वहां के वन क्षेत्र में एक पर्यटक ने पेड़ों के बीच झाडिय़ों में अजीब आकृति देखी। वह गतिशील भी थी और कुछ-कुछ मनुष्य जैसी नजर आ रही थी। लेकिन उसके कान और हाव-भाव बिल्कुल अलग थे। वह हॉलीवुड फिल्म ‘लॉर्ड ऑफ दि रिंग’ के किरदार गोलम (एलियन) जैसी नजर आ रही थी। इस पर्यटक ने अपने कैमरे से फोटो क्लिक किए और बाद में उन्हें इंटरनेट पर अपलोड कर दिया। इस पर्यटक ने अपना नाम गोपनीय रखा है।
 
हालांकि, वेबसाइट्स पर कुछ लोगों ने अपने कमेंट में यह लिखा है कि इन फोटो की विश्वसनीयता कैसे स्वीकार की जाए? एक अन्य युवक ने लिखा कि उसकी टीम एक फिल्म की शूटिंग करने पहाड़ी पर गई थी। तभी वहां एक व्यक्ति ने हमारे फोटो ले लिए। इन कमेंट्स को उस पर्यटक ने खारिज कर दिया है। उसने लिखा कि मनुष्य को परछाई में भी देखा जाए, तो वह पहचान में आ जाता है, लेकिन वह आकृति सामान्य नहीं थी।
 
आगे की स्लाइड्स में देखें पर्यटक द्वारा कैद की कुछ और तस्वीरें...

वन्देमातरम गीत की कहानी जरूर पढ़ें !
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‘’वन्देमातरम’’ बंकिमचंद्र चटर्जी ने लिखा था ! उन्होने इस गीत को लिखा !लिखने के बाद 7 साल लगे जब यह गीत लोगो के सामने आया ! क्यूँ की उन्होने जब इस गीत लो लिखा उसके बाद उन्होने एक उपन्यास लिखा जिसका नाम था ‘’आनद मठ’’ उसमे इस गीत को डाला !वो उपन्यास छपने मे 7 साल लगे !
1882 आनद मठ उपनास का हिस्सा बना वन्देमातरम और उसके बाद जब लोगो ने इसको पढ़ा तो इसका अर्थ पता चला की वन्देमातरम क्या है ! आनद मठ उपन्यास बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था अँग्रेजी सरकार के विरोध मे और उन राजा महाराजाओ के विरोध मे जो किसी भी संप्रदाय के हो लेकिन अँग्रेजी सरकार को सहयोग करते थे ! फिर उसमे उन्होने बगावत की भूमिका लिखी कि अब बगावत होनी चाहिए !विरोध होना चाहिए ताकि इस अँग्रेजी सत्ता को हम पलट सके ! और इस तरह वन्देमातरम को सार्वजनिक गान बनना चाहिए ये उन्होने घोषित किया !
उनकी एक बेटी हुआ करती थी जिसका अपने पिता बंकिमचंद्र चटर्जी जी से इस बात पर बहुत मत भेद था ! उनकी बेटी कहती थी आपने यह वन्देमातरम लिखा है उसके ये श्बद बहुत कलिष्ट हैं ! कि बोलने और सुनने वाले कि ही समझ में नहीं आएंगे ! इसलिए गीत को आप इतना सरल बनाइये कि बोलने और सुनने वाले कि समझ मे आ सके !
तब बंकिम चंद्र चटर्जी ने कहा देखो आज तुमको यह कलिष्ट लग रहा हो लेकिन मेरी बात याद रखना एक दिन ये गीत हर नोजवान के होंटो पर होगा और हर क्रांतिवीर कि प्रेरणा बनेगा ! और हम सब जानते है इस घोषणा के 12 साल बाद बंकिम चंद्र चटर जी का स्वर्गवास हो गया ! बाद मे उनके बेटी और परिवार ने आनद मठ पुस्तक जिसमे ये गीत था उसका बड़े पेमाने पर प्रचार किया !
वो पुस्तक पहले बंगला मे बनी बाद मे उसका कन्नड ,मराठी तेलगु ,हिन्दी आदि बहुत भाषा मे छपी ! उस पुस्तक ने क्रांतिकारियों मे बहुत जोश भरने का काम किया ! उस पुस्तक मे क्या था कि इस पूरी अँग्रेजी व्यवस्था का विरोध करे क्यू कि यह विदेशी है ! उसमे ऐसे बहुत सी जानकारिया थी जिसको पढ़ कर लोग बहुत उबलते थे !और वो लोगो मे जोश भरने का काम करती थी ! अँग्रेजी सरकार ने इस पुस्तक पर पाबंदी लगाई कई बार इसको जलाया गया ! लेकिन इस कोई न कोई एक मूल प्रति बच ही
जाती ! और आगे बढ़ती रहती !
1905 मे अंग्रेज़ो की सरकार ने बंगाल का बंटवारा कर दिया एक अंग्रेज़ अधिकारी था उसका नाम था कर्ज़न ! उसने बंगाल को दो हिस्सो मे बाँट दिया !एक पूर्वी बंगाल एक पश्चमी बंगाल ! पूर्वी बंगाल था मुसलमानो के लिए पश्चमी बगाल था हिन्दुओ के लिए !! हिन्दू और मूसलमान के आधार पर यह पहला बंटवारा था !
तो भारत के कई लोग जो जानते थे कि आगे क्या हो सकता है उन्होने इस बँटवारे का विरोध किया ! और भंग भंग के विरोध मे एक आंदोलन शुरू हुआ ! और इस आंदोलन के प्रमुख नेता थे (लाला लाजपतराय) जो उत्तर भारत मे थे !(विपिन चंद्र पाल) जो बंगाल और पूर्व भारत का नेतत्व करते थे ! और लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक जो पश्चिम भारत के बड़े नेता थे ! इस तीनों नेताओ ने अंग्रेज़ो के बंगाल विभाजन का विरोध शुरू किया ! इस आंदोलन का एक हिस्सा था (अंग्रेज़ो भारत छोड़ो) (अँग्रेजी सरकार का असहयोग) करो ! (अँग्रेजी कपड़े मत पहनो) (अँग्रेजी वस्तुओ का बहिष्कार करो) ! और दूसरा हिस्सा था पोजटिव ! कि भारत मे स्वदेशी का निर्माण करो ! स्वदेशी पथ पर आगे बढ़ो !
लोकमान्य तिलक ने अपने शब्दो मे इसको स्वदेशी आंदोलन कहा ! अँग्रेजी सरकार इसको भंग भंग विरोधे आंदोलन कहती रही !लोकमान्य तिलक कहते थे यह हमारा स्वदेशी आंदोलन है ! और उस आंदोलन के ताकत इतनी बड़ी थी !कि यह तीनों नेता अंग्रेज़ो के खिलाफ जो बोल देते उसे पूरे भारत के लोग अपना लेते ! जैसे उन्होने आरके इलान किया अँग्रेजी कपड़े पहनना बंद करो !करोड़ो भारत वासियो ने अँग्रेजी कपड़े पहनना बंद कर दिया ! उयर उसी समय भले हिंदुतसनी कपड़ा मिले मोटा मिले पतला मिले वही पहनना है ! फिर उन्होने कहाँ अँग्रेजी बलेड का ईस्टमाल करना ब्नद करो ! तो भारत के हजारो नाईयो ने अँग्रेजी बलेड से दाड़ी बनाना बंद करदिया ! और इस तरह उस्तरा भारत मे वापिस आया ! फिर लोक मान्य तिलक ने कहा अँग्रेजी चीनी खाना बंद करो ! क्यू कि चीनी उस वक्त इंग्लैंड से बन कर आती थी
भारत मे गुड बनाता था ! तो हजारो लाखो हलवाइयों ने गुड दाल कर मिठाई बनाना शुरू कर दिया ! फिर उन्होने अपील लिया अँग्रेजी कपड़े और अँग्रेजी साबुन से अपने घरो को मुकत करो ! तो हजारो लाखो धोबियो ने अँग्रेजी साबुन से कपड़े धोना मुकत कर दिया !फिर उन्होने ने पंडितो से कहा तुम शादी करवाओ अगर तो उन लोगो कि मत करवाओ जो अँग्रेजी वस्त्र पहनते हो ! तो पंडितो ने सूट पैंट पहने टाई पहनने वालों का बहिष्कार कर दिया !
इतने व्यापक स्तर पर ये आंदोलन फैला !कि 5-6 साल मे अँग्रेजी सरकार घबरागी क्यूंकि उनका माल बिकना बंद हो गया ! ईस्ट इंडिया कंपनी का धंधा चोपट हो गया ! तो ईस्ट इंडिया कंपनी ने अंग्रेज़ सरकार पर दबाव डाला ! कि हमारा तो धंधा ही चोपट हो गया भारत मे ! हमारे पास कोई उपाय नहीं है आप इन भारतवासियो के मांग को मंजूर करो मांग क्या थी कि यह जो बंटवारा किया है बंगाल का हिन्दू मुस्लिम से आधार पर इसको वापिस लो हमे बंगाल के विभाजन संप्रदाय के आधार पर नहीं चाहिए
! और आप जानते अँग्रेजी सरकार को झुकना पड़ा ! और 1911 मे divison of bangal
act वापिस लिया गया ! इतनी बड़ी होती है बहिष्कार कि ताकत !
तो लोक मान्य तिलक को समझ आ गया ! अगर अंग्रेज़ो को झुकाना है ! तो बहिष्कार ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है ! यह 6 साल जो आंदोलन चला इस आंदोलन का मूल मंत्र था वन्देमातरम ! जीतने क्रांतिकारी थे लोक मान्य बाल गंगाधर तिलक,लाला लाजपत राय ,विपिन चंद्र पाल के साथ उनकी संख्या !1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा थी ! वो हर कार्यक्रम मे वन्देमातरम गाते थे ! कार्यक्रम कि शुरवात मे वन्देमातरम ! कार्यक्रम कि समाप्ति पर वन्देमातरम !!
उसके बाद क्या हुआ अंग्रेज़ अपने आप को बंगाल से असुरक्षित महसूस करने लगे !क्यूंकि बंगाल इस आंदोलन का मुख्य केंद्र था ! सन 1911 तक भारत की राजधानी बंगाल हुआ करता था। सन 1905 में जब बंगाल विभाजन को लेकर अंग्रेजो के खिलाफ बंग-भंग आन्दोलन के विरोध में बंगाल के लोग उठ खड़े हुए तो अंग्रेजो ने अपने आपको बचाने के लिए …के कलकत्ता से हटाकर राजधानी को दिल्ली ले गए और 1911 में दिल्ली को राजधानी घोषित कर दिया। पूरे भारत में उस समय लोग विद्रोह से भरे
हुए थे तो …अंग्रेजो ने अपने इंग्लॅण्ड के राजा को भारत आमंत्रित किया ताकि लोग शांत हो जाये। इंग्लैंड का राजा जोर्ज पंचम 1911 में भारत में आया।
रविंद्रनाथ टैगोर पर दबाव बनाया गया कि तुम्हे एक गीत जोर्ज पंचम के स्वागत में लिखना ही होगा। उस समय टैगोर का परिवार अंग्रेजों के काफी नजदीक हुआ करता था, उनके परिवार के बहुत से लोग ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए काम किया करते थे, उनके बड़े भाई अवनींद्र नाथ टैगोर बहुत दिनों तक ईस्ट इंडिया कंपनी के कलकत्ता डिविजन के निदेशक (Director) रहे। उनके परिवार का बहुत पैसा ईस्ट इंडिया कंपनी में लगा हुआ था। और खुद रविन्द्र नाथ टैगोर की बहुत सहानुभूति थी अंग्रेजों के लिए।
रविंद्रनाथ टैगोर ने मन से या बेमन से जो गीत लिखा उसके बोल है “जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता”। इस गीत के सारे के सारे शब्दों में अंग्रेजी राजा जोर्ज पंचम का गुणगान है, जिसका अर्थ समझने पर पता लगेगा कि ये तो हकीक़त में ही अंग्रेजो की खुशामद में लिखा गया था। इस राष्ट्रगान का अर्थ कुछ इस तरह से होता है “भारत के नागरिक, भारत की जनता अपने मन से आपको भारत का भाग्य विधाता समझती है और मानती है। हे अधिनायक (Superhero) तुम्ही भारत के भाग्य विधाता हो। तुम्हारी जय हो ! जय हो ! जय हो ! तुम्हारे भारत आने से सभी प्रान्त पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा मतलब महारास्त्र, द्रविड़ मतलब दक्षिण भारत, उत्कल मतलब उड़ीसा, बंगाल आदि और जितनी भी नदिया जैसे यमुना और गंगा ये सभी हर्षित है, खुश है, प्रसन्न है , तुम्हारा नाम लेकर ही हम जागते है और तुम्हारे नाम का आशीर्वाद चाहते है। तुम्हारी ही हम गाथा गाते है। हे भारत के भाग्य विधाता (सुपर हीरो ) तुम्हारी जय हो जय हो जय हो। ” में ये गीत गाया गया।
जब वो इंग्लैंड चला गया तो उसने उस जन गण मन का अंग्रेजी में अनुवाद करवाया। जब अंग्रेजी अनुवाद उसने सुना तो वह बोला कि इतना सम्मान और इतनी खुशामद तो मेरी आज तक इंग्लॅण्ड में भी किसी ने नहीं की। वह बहुत खुश हुआ। उसने आदेश दिया कि जिसने भी ये गीत उसके (जोर्ज पंचम के) लिए लिखा है उसे इंग्लैंड बुलाया जाये। रविन्द्र नाथ टैगोर इंग्लैंड गए। जोर्ज पंचम उस समय नोबल
पुरस्कार समिति का अध्यक्ष भी था। उसने रविन्द्र नाथ टैगोर को नोबल पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया। तो रविन्द्र नाथ टैगोर ने इस नोबल पुरस्कार को लेने से मना कर दिया। क्यों कि गाँधी जी ने बहुत बुरी तरह से रविन्द्रनाथ टेगोर को उनके इस गीत के लिए खूब डांटा था। टैगोर ने कहा की आप मुझे नोबल पुरस्कार देना ही चाहते हैं तो मैंने एक गीतांजलि नामक रचना लिखी है उस पर मुझे दे दो लेकिन इस गीत के नाम पर मत दो और यही प्रचारित किया जाये क़ि मुझे जो नोबेल पुरस्कार दिया गया है वो गीतांजलि नामक रचना के ऊपर दिया गया है। जोर्ज पंचम मान गया और रविन्द्र नाथ टैगोर को सन 1913 में गीतांजलि नामक रचना के ऊपर नोबल पुरस्कार दिया गया।
रविन्द्र नाथ टैगोर की ये सहानुभूति ख़त्म हुई 1919 में जब जलिया वाला कांड हुआ और गाँधी जी ने लगभग गाली की भाषा में उनको पत्र लिखा और कहा क़ि अभी भी तुम्हारी आँखों से अंग्रेजियत का पर्दा नहीं उतरेगा तो कब उतरेगा, तुम अंग्रेजों के इतने चाटुकार कैसे हो गए, तुम इनके इतने समर्थक कैसे हो गए फिर गाँधी जी स्वयं रविन्द्र नाथ टैगोर से मिलने गए और बहुत जोर से डाटा कि अभी तक
तुम अंग्रेजो की अंध भक्ति में डूबे हुए हो तब जाकर रविंद्रनाथ टैगोर की नीद खुली। इस काण्ड का टैगोर ने विरोध किया और नोबल पुरस्कार अंग्रेजी हुकूमत को लौटा दिया।
सन 1919 से पहले जितना कुछ भी रविन्द्र नाथ टैगोर ने लिखा वो अंग्रेजी सरकार के पक्ष में था और 1919 के बाद उनके लेख कुछ कुछ अंग्रेजो के खिलाफ होने लगे थे। रविन्द्र नाथ टेगोर के बहनोई, सुरेन्द्र नाथ बनर्जी लन्दन में रहते थे और ICS ऑफिसर थे। अपने बहनोई को उन्होंने एक पत्र लिखा था (ये 1919 के बाद की घटना है) । इसमें उन्होंने लिखा है कि ये गीत ‘जन गण मन’ अंग्रेजो के द्वारा
मुझ पर दबाव डलवाकर लिखवाया गया है। इसके शब्दों का अर्थ अच्छा नहीं है। इस गीत को नहीं गाया जाये तो अच्छा है।लेकिन अंत में उन्होंने लिख दिया कि इस चिठ्ठी को किसी को नहीं दिखाए क्योंकि मैं इसे सिर्फ आप तक सीमित रखना चाहता हूँ लेकिन जब कभी मेरी म्रत्यु हो जाये तो सबको बता दे।
7 अगस्त 1941 को रबिन्द्र नाथ टैगोर की मृत्यु के बाद इस पत्र को सुरेन्द्र नाथ बनर्जी ने ये पत्र सार्वजनिक किया, और सारे देश को ये कहा क़ि ये जन गन मन गीत न गाया जाये। 1941 तक कांग्रेस पार्टी थोड़ी उभर चुकी थी। लेकिन वह दो खेमो में बट गई। जिसमे एक खेमे के समर्थक बाल गंगाधर तिलक थे और दुसरे खेमे में मोती लाल नेहरु के समर्थक थे। मतभेद था सरकार बनाने को लेकर। एक दल चाहते थे कि स्वतंत्र भारत की सरकार अंग्रेजो के साथ कोई संयोजक सरकार (Coalition Government) बने। जबकिदूसरे दल वाले कहते थे कि अंग्रेजो के साथ मिलकर सरकार
बनाना तो भारत के लोगों को धोखा देना है। इस मतभेद के कारण एक नरम दल और एक गरम दल। बन गया गया !गर्म दल वे हर जगह वन्दे मातरम गाया करते थे। और (यहाँ मैं स्पष्ट कर दूँ कि गांधीजी उस समय तक कांग्रेस की आजीवन सदस्यता से इस्तीफा दे चुके थे, वो किसी तरफ नहीं थे, लेकिन गाँधी जी दोनों पक्ष के लिए आदरणीय थे क्योंकि गाँधी जी देश के लोगों के आदरणीय थे)। लेकिन नरम दल वाले ज्यादातर अंग्रेजो के साथ रहते थे।
नरम दल वाले अंग्रेजों के समर्थक थे और अंग्रेजों को ये गीत पसंद नहीं था तो अंग्रेजों के कहने पर नरम दल वालों ने उस समय एक हवा उड़ा दी कि मुसलमानों को वन्दे मातरम नहीं गाना चाहिए क्यों कि इसमें बुतपरस्ती (मूर्ति पूजा) है। और आप जानते है कि मुसलमान मूर्ति पूजा के कट्टर विरोधी है। उस समय मुस्लिम लीग भी बन गई थी जिसके प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना थे। उन्होंने भी इसका विरोध करना शुरू कर दिया क्योंकि जिन्ना भी देखने भर को (उस समय तक) भारतीय थे मन,कर्म और
वचन से अंग्रेज ही थे उन्होंने भी अंग्रेजों के इशारे पर ये कहना शुरू किया और मुसलमानों को वन्दे मातरम गाने से मना कर दिया।
जब भारत सन 1947 में स्वतंत्र हो गया तो जवाहर लाल नेहरु ने इसमें राजनीति कर डाली। संविधान सभा की बहस चली। संविधान सभा के 319 में से 318 सांसद ऐसे थे जिन्होंने बंकिम बाबु द्वारा लिखित वन्देमातरम को राष्ट्र गान स्वीकार करने पर सहमति जताई। बस एक सांसद ने इस प्रस्ताव को नहीं माना। और उस एक सांसद का नाम था पंडित जवाहर लाल नेहरु। उनका तर्क था कि वन्दे मातरम गीत से मुसलमानों के दिल को चोट पहुचती है इसलिए इसे नहीं गाना चाहिए (दरअसल इस गीत से मुसलमानों को नहीं अंग्रेजों के दिल को चोट पहुंचती थी)। अब इस झगडे का फैसला कौन करे, तो वे पहुचे गाँधी जी के पास। गाँधी जी ने कहा कि जन गन मन के पक्ष में तो मैं भी नहीं हूँ और तुम (नेहरु ) वन्देमातरम के पक्ष में नहीं हो तो कोई तीसरा गीत तैयार किया जाये। तो महात्मा गाँधी ने तीसरा विकल्प झंडा गान के रूप में दिया “विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊँचा रहे हमारा”। लेकिन नेहरु जी उस पर भी तैयार नहीं हुए। नेहरु जी का तर्क था कि झंडा गान ओर्केस्ट्रा पर नहीं बज सकता
और जन गन मन ओर्केस्ट्रा पर बज सकता है।
उस समय बात नहीं बनी तो नेहरु जी ने इस मुद्दे को गाँधी जी की मृत्यु तक टाले रखा और उनकी मृत्यु के बाद नेहरु जी ने जन गण मन को राष्ट्र गान घोषित कर दिय और जबरदस्ती भारतीयों पर इसे थोप दिया गया जबकि इसके जो बोल है उनका अर्थ कुछ और ही कहानी प्रस्तुत करते है, और दूसरा पक्ष नाराज न हो इसलिए वन्दे मातरम को राष्ट्रगीत बना दिया गया लेकिन कभी गया नहीं गया। नेहरु जी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहते थे जिससे कि अंग्रेजों के दिल को चोट पहुंचे,
मुसलमानों के वो इतने हिमायती कैसे हो सकते थे जिस आदमी ने पाकिस्तान बनवा दिया जब कि इस देश के मुसलमान पाकिस्तान नहीं चाहते थे, जन गण मन को इस लिए तरजीह दी गयी क्योंकि वो अंग्रेजों की भक्ति में गाया गया गीत था और वन्देमातरम इसलिए पीछे रह गया क्योंकि इस गीत से अंगेजों को दर्द होता था।
अभी कुछ दिन पहले भारत सरकार ने एक सर्वे किया था अभी उसकी रिपोर्ट आई है अर्जुन सिंह की मणिस्ट्री मे है ! पूरे भारत के लोगो से पूछा गया कि आपको कौन सा गीत पसंद है ! जन गन मन या वन्देमातरम !! 98.8 %लोगो ने कहा है वन्देमातरम !!
अभी कुछ साल पहले बीबीसी ने एक सर्वे किया था। उसने पूरे संसार में जितने भी भारत के लोग रहते थे, उनसे पुछा कि आपको दोनों में से कौन सा गीत ज्यादा पसंद है तो 99 % लोगों ने कहा वन्देमातरम। बीबीसी के इस सर्वे से एक बात और साफ़ हुई कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय गीतों में दुसरे नंबर पर वन्देमातरम है। कई देश है जिनके लोगों को इसके बोल समझ में नहीं आते है लेकिन वो कहते है कि इसमें जो लय है उससे एक जज्बा पैदा होता है। तो ये इतिहास है वन्दे मातरम का और जन गण मन का। अब ये आप को तय करना है कि आपको क्या गाना है !!

Friday 27 June 2014

मकान चाहे कच्चे थे, रिश्ते सारे सच्चे थे....चारपाई पर बैठते थे, पास पास रहते थे...सोफे और डबल बेड आ गए, दूरियां हमारी बढा गए,...छतों पर अब न सोते हैं, बात बतंगड अब न होते हैं...आंगन में वृक्ष थे, सांझे सुख दुख थे...दरवाजा खुला रहता था, राही भी आ बैठता था...कौवे भी कांवते थे, मेहमान आते जाते थे...इक साइकिल ही पास था, फिर भी मेल जोल था...रिश्ते निभाते थे, रूठते मनाते थे....पैसा चाहे कम था, माथे पे ना गम था...मकान चाहे कच्चे थे, रिश्ते सारे सच्चे थे..अब शायद कुछ पा लिया है, पर बहुत कुछ गंवा दिया है।...
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जिस देश मे मनोरंजन के नाम पर ....
अश्लील किताबे ,गाने ,फिल्मे और विज्ञापन " टनो " में परोसे जाते हो ,
वंहा बलात्कार नहीं होंगे तो क्या ......सुन्दर कांड के पाठ पढ़े जायेंगे ???
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शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी
मौन होना सब से बेहतर है।
दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी
काला और सफेद रंग सब से बेहतर है।
खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी
उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी
पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी
बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी
अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है ।
जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी
सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
आज कल ज्यादातर लोग अपने मोबाईल की ईरिचार्ज करा रहे है, लड़किया भी, जैसे ही हिन्दू लड़की किसी मुस्लिम की मोबाईल की दूकान पर जाती है, और बोलती है की मेरा मोबाईल रिचार्ज कर दो 100/200 रुपये से.. तो मुस्लिम दूकानदार लड़की से उसका नंबर अपने कॉपी में लिख लेता है, फिर रिचार्ज कर देता है, अब दूकानदार को पता चल गया की यह नंबर एक हिन्दू लड़की का है.. फिर वो ये नम्बर अपने शहर में बनाये हुए संगठन तक पहुंचा देता हें। इसके बदले में दूकान वाले को पैसा मिलता है! और फिर संगठन से जुड़े लड़के उस लड़की को फोन करने लगते हें, कई मामलो में तो लडकिय बच जाती हें। लेकिन 100 में से अगर 5-10 भी पट गयी तो उनका मकसद कामयाब!
पहले दोस्ती, फिर झूठा प्यार, फिर शादी का झासा.. लड़की को ऐसा कर दिया जाता है की वो या तो मुस्लिम लड़के से शादी कर ले, या घर से उसके साथ भाग जाये....
उसके बाद पहले लड़की का धरम परिवर्तन.... फिर 2/3 महीने के बाद वो मुस्लिम लड़का उस लड़की को तलाक दे कर किसी और हिन्दू लड़की को पटाने, और उसका जीवन बर्बाद करने की राह पर निकल पड़ता हें,...
उसके बाद हिन्दू लड़की तो वेसे ही मुस्लिम बन चुकी होती हें, उसके घरवाले समाज के डर से उसे नही अपनाते और एस तरह उस हिन्दू लड़की का का जीवन बर्बाद... फिर लड़के के दोस्त आते हें, और बोलते हें की तुम भी हमारे मिशन में शामिल हो जाओ... और एस तरह हिन्दू समाज को नष्ट करने का सिलसिला चल पड़ता हें।
इसलिए आप सब से निवेदन है की ईरिचार्ज नहीं कराये, सिर्फ कूपन से ही कराये रिचार्ज, और अगर कराना पड़े तो किसी भरोसे मंद हिन्दू दूकानदार से कराये। हो सकता हें की कल कही आप की बहन बेटी भी इसका शिकार हो सकती हें।
यह बात अपने घर में और सभी जानने वाले को बताये और सतर्क रहे!

Thursday 26 June 2014

वीर सावरकर
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* सावरकर दुनिया के अकेले स्वातंत्र्य योद्धा थे जिन्हें दो-दो आजीवन कारावास की सजा मिली, सजा को पूरा किया और फिर से राष्ट्र जीवन में सक्रिय हो गए।
* वे विश्व के ऐसे पहले लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता को दो-दो देशों ने प्रकाशन से पहले ही प्रतिबंधित कर दिया।
* सावरकर पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई।
* वे पहले स्नातक थे जिनकी स्नातक की उपाधि को स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण अँगरेज सरकार ने वापस ले लिया।
* वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सर्वप्रथम विदेशी वस्त्रों की होली जलाई।
* वीर सावरकर पहले ऐसे भारतीय विद्यार्थी थे जिन्होंने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से मना कर दिया। फलस्वरूप उन्हें वकालत करने से रोक दिया गया।
* वीर सावरकर ने राष्ट्र ध्वज तिरंगे के बीच में धर्म चक्र लगाने का सुझाव सर्वप्रथम ‍दिया था, जिसे राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने माना।
* उन्होंने ही सबसे पहले पूर्ण स्वतंत्रता को भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का लक्ष्य घोषित किया। वे ऐसे प्रथम राजनैतिक बंदी थे जिन्हें विदेशी (फ्रांस) भूमि पर बंदी बनाने के कारण हेग के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मामला पहुँचा।
* वे पहले क्रांतिकारी थे जिन्होंने राष्ट्र के सर्वांगीण विकास का चिंतन किया तथा बंदी जीवन समाप्त होते ही जिन्होंने अस्पृश्यता आदि कुरीतियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया।
* दुनिया के वे ऐसे पहले कवि थे जिन्होंने अंदमान के एकांत कारावास में जेल की दीवारों पर कील और कोयले से कविताएँ लिखीं और फिर उन्हें याद किया। इस प्रकार याद की हुई दस हजार पंक्तियों को उन्होंने जेल से छूटने के बाद पुन: लिखा।
एक मुस्लिम लड़के ने एक 18 साल
की हिन्दू लड़की को फसा लिया और
दोनों घर से भाग कर जाने के लिए रेलवे
स्टेशन जा रहे थे ! पुलिस ने
दोनों को पकड़ लिया और दोनों के
परिवार वालो को थाने बुला लिया !
थाने में दोनों परिवारों ने बहुत
हंगामा किया ! थानेदार समजदार
था उसने दोनों परिवारों को समझा-
बुझाकर घर भेज दिया और सुबह आने
को कहा...
रात में थानेदार ने लड़की को अपने कमरे
में बुलाया और समझाया लेकिन
लड़की किसी भी हालत में उस लड़के से
अलग होने को तैयार नहीं थी ! तब
थानेदार ने कहा, ठीक है सुबह हम तुझे
उस लड़के के साथ भेज देंगे लेकिन आज तुम
हमारे और अपने होने वाले पति के लिए
अपने हाथ से खाना बना के खिलाओगी !
लड़की ख़ुशी-ख़ुशी यह बात मान गई !!!
थानेदार ने हवलदार को बुलाया और
कुछ जरुरी सामान की लिस्ट देकर खाने
का सामान लाने ले लिए भेज दिया ! जब
सामान आ गया तो थानेदार ने लड़की से
कहा की रसोई में सामान आ गया है तुम
खाना पकाओ...
लड़की जैसे ही रसोई में गई उसकी चीख
निकल गयी और वो उल्टियाँ करती हुई
बाहर भाग आई ! थानेदार ने
पूछा क्या हुआ बेटी ?
लड़की उल्टियाँ करती हुई
बोली वहाँ इतना खून, किसी जानवर
का गर्दन से कटा हुआ सर और मांस
पड़ा हुआ है... मैं वहाँ एक पल नहीं ठहर
सकती ..
थानेदार बोला बेटी 2 मिनट में
ही घबरा गई ? अब तू जिसके साथ
शादी कर रही है वहां तो तुझे
जिन्दगी भर यही सब देखना और
करना होगा और साथ में 8-10 बच्चे
भी पैदा करके उनकी देखभाल
भी करनी होगी ! क्या तुम इस सब के
लिए तैयार हो ? दोस्तो ईसे इतना शेयर करो की हर लड़की अपने जीवन में होने वाले परिवर्तन के बारे में विचार करे और वो कैसा जीवन चाहती है यह सोच समझकर फैसला करे"..
(1.) सबसे तेज तन्त्रिका आवेग 532 किमी. प्रति घण्टा होती है।
(2.) मनुष्य के फेफडे का आन्तरिक क्षेत्रफल 93 वर्ग मीटर होता है, जो सम्पूर्ण शरीर के बाह्य क्षेत्रफल का 40 गुणा होता है।
(3.) हड्डियाँ क्रंकीट जैसी मजबूत और ग्रेनाइट जैसी कठोर होती है।
(4.) शरीर के भीतर प्रति सेकेण्ड लगभग 150 लाख कोशिकाएँ नष्ट होती हैं।
(5.) गुर्दे का भार लगभग 150 ग्राम होता है।
(6.) एक बार साँस अन्दर लेने में सामान्य वयस्क लगभग 500 मि.लि. हवा अन्दर ले जाता है।
(7.) हृदय की रक्त पम्प करने की क्षमता 4.5 लीटर प्रति मिनट होती है।
(8.) छोटी आँत लगभग 7 मीटर लम्बी होती है और उसका व्यास 2.5 से.मी. होता है।
(9.) शरीर के भीतर रक्त-परिभ्रमण में लगभग 23 सेकेण्ड का समय लगता है।
(10.) मनुष्य के शरीर में लगभग 50 लाख बाल होते हैं।


ये सभी वेदों के लिंक है।।।
Rigveda __ ऋग्वेद भाष्य ||
|| Yajurveda __ यजुर्वेद: संहिता ||
|| Samaveda __ सामवेदः भाष्य||
|| Atharva- veda __ अथर्ववेदः || (Part __ 1 )
|| Atharva- veda __ अथर्ववेदः || (Part __ 2 )
|| S'rîmad Bhâgavatam श्रीमद्भागवत ||
|| शिव -पुराण __ SHIV PURAN ||
|| Ling Puran __ लिङ्ग पुराण ||
|| Skanda Purana __ स्कन्दपुराण || (pART-1)
|| Skanda Purana __ स्कन्दपुराण || (pART-2)
|| Padma Purana (पद्म पुराण) ||
|| Narad Puran __ नारद पुराण ||
|| Sri Brahma-Vaivarta Purāṇa __ ब्रह्मवैवर्तपुराणं ||
|| अग्नि पुराण__ Agni Purāṇa) ||
|| Garuda Purana (गरुड़ पुराण) ||
|| ब्रह्माण्ड पुराण__ Brahmāṇḑa Purāņa ||(Part 1)
|| ब्रह्माण्ड पुराण__ Brahmāṇḑa Purāņa ||(Part 2)
जानिए राहु काल क्या है
हमारे हिंदू धर्म में शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखने की परंपरा है। शुभ मुहूर्त में किए गए कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं।
यदि भूलवश कोई शुभ कार्य अशुभ मुहूर्त में हो जाए तो इसका विपरीत परिणाम होता है।
वैसे ही राहुकाल को किसी भी शुभ कार्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इसलिए किसी शुभ कार्य को करने से पहले राहुकाल पर एक नजर जरूर डाले ।
ज्योतिष शास्त्र में राहु को अशुभ ग्रह के साथ छाया ग्रह माना गया है। सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय में से आठवे भाग का स्वामी राहु होता है। इसे ही राहुकाल कहते हैं।
यह प्रत्येक दिन 90 मिनट का एक निश्चित समय होता है, जो राहुकाल कहलाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस समय शुरू किया गया कोई भी शुभ कार्य या खरीदी-बिक्री को शुभ नही माना जाता।
आइये जानते है साप्ताहिक राहु काल का समय --
* रविवार को शाम 4.30 से 6.00 बजे तक राहुकाल होता है।
* सोमवार को दिन का दूसरा भाग यानी सुबह 7.30 से 9 बजे तक राहुकाल होता है।
* मंगलवार को दोपहर 3.00 से 4.30 बजे तक राहुकाल होता है।
* बुधवार को दोपहर 12.00 से 1.30 बजे तक राहुकाल माना गया है।
* गुरुवार को दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक का समय राहुकाल होता है।
* शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे से 12 बजे तक का समय राहुकाल है।
* शनिवार को सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक के समय को राहुकाल माना गया है।
इस समय किया गया कोई भी शुभ कार्य या यात्रा अनेक परेशानियों को पैदा करता है इसलिए इस समय में कोई शुभ कार्य या यात्रा न करे -धन्यवाद