Sunday 12 January 2014

अब हवा से चलने वाली बाइक

पेट्रोल के बढ़ते दाम के बीच अब हवा से चलने वाली बाइक मिल जाए तो क्या कहने. ऐसी की बाइक लखनऊ के एक इंजीनियर ने तैयार किया है जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड ने भी अपने अंक में शामिल किया है. फरवरी 2014 में लॉन्च होने वाली लिमका बुक में इस अविष्कार को प्रकाशित किया जाएगा.

लखनऊ में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेस के निदेशक डॉ. भरत राज सिंह व कानपुर के हरकोर्ट बटलर टेक् नोलॉजिकल इंस्टीच्यूट के डॉ. ओंकार सिंह द्वारा तैयार की गई, एयर-ओ-बाइक की खासियत यह है कि इसमें पांच रुपये की हवा भराकर 45 किमी. का सफर 80 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से तय किया जा सकता है.

डॉ. सिंह बताते हैं कि बाइक का एयर इंजन मात्र चार इंच का है जिसे पांच वर्षों के अथक प्रयास के बाद बनाया गया है. प्रयोगशाला में किए गए परीक्षण में पाया गया कि लोड के साथ इंजन 2000-3000 आरपीएम पर चलता है जबकि बगैर लोड के 10 हजार आरपीएम पर चलता है. जीरो उत्सर्जन वाले इस इंजन का बीते वर्ष भारतीय पेटेंट भी हासिल किया जा चुका है.

एयर-ओ-बाइक में सीमलेस यानी बगैर जोड़ का इंजन लगाया गया है जिससे दुर्घटना होने पर इंजन को नुकसान न पहुंचे. हालांकि इससे इसका वजन 20-25 किलो तक बढ़ जाता है. यही इसका नुकसान भी है क्योंकि दो लोगों के बैठने से लोड बहुत अधिक हो जाता है. इसलिए कोशिश की जा रही है कि कार्बन स्टील व कार्बन फाइबर से ऐसा इंजन बनाया जाए जिससे इसका वजन तो कम हो साथ ही मजबूती भी प्रभावित न हो. लखनऊ के इंजीनियर द्वारा तैयार एयर-ओ-बाइक की टेक्नोलॉजी के लिए कनाडा, बुल्गारिया, जर्मनी जैसे देशों से मांग आ रही है, लेकिन इस देशी टेक्नोलॉजी के अविष्कारक डॉ.भरत राज सिंह व प्रो. ओंकार सिंह चाहते हैं कि एयर-ओ-बाइक का निर्माण सरकारी प्रतिष्ठान में ही हो. उनका मानना है कि इससे न केवल प्रदूषण की समस्या पर काबू पाया जा सकेगा बल्कि दिनोंदिन महंगे होते पेट्रोल से भी निजात मिलेगी.
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