Thursday 9 January 2014

अनार ही नहीं छिलका भी करता है इन रोगों में रामबाण दवा का काम -----
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शरीर को स्वस्थ रखने के लिए फल लाभकारी होते हैं, लेकिन कुछ फल ऐसे होते हैं जिनका पूरा पौधा बहुत लाभकारी होता है। साथ ही उन फलों के छिलके जिन्हें अनउपयोगी जानकर लोग फेंक देते हैं वे भी बहुत लाभकारी होते हैं।अनार भी एक ऐसा ही फल है जिसका सिर्फ फल ही नहीं बल्कि छिलका भी बहुत उपयोगी है।अनार का हर एक छोटा दाना कई गुणों से भरपूर होता है। अनार कई बीमारियों की एक दवा है। स्वास्थ्यवर्धक होने के अलावा ये बहुत स्वादिष्ट भी होता है। अनार में मुख्य रूप से विटामिन ए, सी, ई, फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। अनार पित्त और पेट के कीड़ों का नाश करने वाला है। यह पेट की समस्याओं व घबराहट को दूर करने वाला है।अनार स्वरतंत्र, फेफड़े, यकृत, दिल, आमाशय तथा आंतों के रोगों पर काफी लाभकारी है। अनार में एंटीवायरल और एंटी-ट्यूमर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं।

- अनार दिल के रोगों से लेकर पेट की गड़बड़ी जैसे रोगों में लाभदायक है। अनार का छिलका, छाल और पत्तियों को लेने से पेट दर्द में राहत मिलती है। पाचन तंत्र के सभी समस्याओं के निदान में अनार कारगर है।अनार में लोहा की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्त में आयरन की कमी को पूरा करता है। सूखे अनार के छिलकों का चूर्ण दिन में 2-3 बार एक-एक चम्मच ताजा पानी के साथ लेने से बार-बार पेशाब आने की समस्या ठीक हो जाती है।

- अनार के छिलकों के चूर्ण का सुबह-शाम एक-एक चम्मच सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाता है। खांसी में अनार के छिलके को मुंह में रखकर उसे धीरे धीरे चूसना शुरू कर दें। अनार के छिलकों को पानी में उबालकर, उससे कुल्ला करने से सांस की बदबू समाप्त हो जाती है।

-एक अध्ययन में यह साबित हुआ है कि अनार के नियमित सेवन से डीएनए आक्सीडेशन की प्रक्रिया धीमी पड़ सकती है। इसका मुख्य कारण इसमें उपस्थित एंटीआक्सीडेंट हैं। उन्होंने कहा कि उम्र बढऩे की प्रक्रिया को जंग लगने या आक्सीडाइजिंग अथवा नुकसान पहुंचने की प्रक्रिया के तौर पर देखा जा सकता है। इस प्रक्रिया को कम करने में अनार काफी मदद करता है।

- एथेरॉसक्लेरॉसिस की समस्या में अनार एक बेहतरीन दवा की तरह काम करता है। बढ़ती उम्र और गलत खानपान से रक्तवाहिनी की दीवार कोलेस्ट्रॉल व अन्य चीजों से कठोर हो जाती है, जिससे रक्त के बहाव में अवरोध पैदा होता है। अनार का एंटीऑक्सीडेंट गुण कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन और कोलेस्ट्रॉलको ऑक्सीडाइजिंग से रोकता है। यानी अनार रक्तवाहिनी की दीवार को अतिरिक्त वसा से कठोर होने से बचाता है।

- अनार की पत्तियों की चाय बनाकर पीने से पाचन संबंधी समस्याओं में भी बहुत आराम मिलता है। दस्त और कॉलरा जैसी बीमारियों में अनार का जूस पीने से राहत मिलती है। डायबिटीज के रोगियों को अनार खाने की सलाह दी जाती है इससे कॉरोनरी रोगों का खतरा कम होता है।

- कोलेस्ट्रॉल या दिल के रोगियों के लिए अनार एक रामबाण की तरह काम करता है। खून दो तरह से जमते हैं। पहला तो कटने या जलने की स्थिति में खून जमता है, जिससे खून का बहाव रुक जाता है। वहीं दूसरे तरह का खून आंतरिक रूप से जमता है, जो बहुत ही खतरनाक होता है। मसलन हृदय या धमनी में खून जम जाने से इसका परिणाम प्राणघातक भी हो सकता है। अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण खून के लिए वही काम करता है, जो पेट के लिए थीनर करता है। यह शरीर में खून को जमने या थक्का बनने से रोकता है।

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