Thursday 16 January 2014

जफर सरेशवाला,

मोदी और सल्लू की इस जुगलबंदी की तस्वीरें इंटरनेट और सोशल
नेटवर्किग साइट पर भी चर्चा का विषय रहीं, लेकिन इन तस्वीरों में एक
और चेहरा दिख रहा था, जिसका जिक्र ज्यादा नहीं हुआ। इनका नाम है
जफर सरेशवाला, मोदी से सलमान की पहली मुलाकात इन्होंने ही कराई
थी। सरेशवाला अहमदाबाद के नामी बिजनेसमैन हैं और सलमान के
पिता सलीम खान के भी बहुत करीबी माने जाते हैं।
इतना ही नहीं, सलमान खान हों या शाहिद सिद्दीकी,
मौलाना मदनी हों या मौलाना कासमी। अल्पसंख्यक समुदाय के इन
दिग्गजों और नरेंद्र मोदी के बीच सेतु बांधने का काम सरेशवाला ही करते
हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक समय वह नरेंद्र मोदी के
कट्टर विरोधियों में से एक थे। गुजरात दंगों के बाद उन्होंने ही वैश्विक मंच
पर मोदी के खिलाफ जमकर आवाज उठाई थी, लेकिन मोदी से एक
मुलाकात के बाद उनके विचार बदल गए और वह मोदी के इस कदर फैन
हो गए कि अब वह ही अल्पसंख्यक समुदाय को मोदी के करीब लाने के
प्रयास कर रहे हैं।
अब सबको साथ जोड़ेगा केवल नमो नमो....

ये जो दिल्ली में आए-दिन काँग्रेस-मीडिया और AAP वालों की मिलीभगत से "तमाशा" चल रहा है, वह कोयले की कालिख, "आदर्श" किस्म का भ्रष्टाचार इत्यादि छिपाने के लिए ही हो रहा है... कल ही सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सरकार को दो लात और जमाई हैं...

लेकिन भांडों, तुम कितनी भी नौटंकियाँ कर लो... अब जनता के दिलो-दिमाग में कोयला, २जी, कामनवेल्थ, आदर्श, हेलीकाप्टर, जैसे शब्द गहरे धँस चुके हैं... बस लोगबाग मई २०१४ का इंतज़ार कर रहे हैं. 
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