Sunday 19 January 2014

एसिडिटी के घरेलू उपचार:

एसिडिटी के घरेलू उपचार:

1-विटामिन बी और ई युक्त सब्जियों का अधिक सेवन करें। 

2-व्यायाम और शारीरिक गतिविधियाँ करते रहें। 

3-खाना खाने के बाद किसी भी तरह के पेय का सेवन ना करें।

4-बादाम का सेवन आपके सीने की जलन कम करने में मदद करता है।

5-खीरा, ककड़ी और तरबूज का अधिक सेवन करें।

6-पानी में नींबू मिलाकर पियें, इससे भी सीने की जलन कम होती है।

7-नियमित रूप से पुदीने के रस का सेवन करें ।

8-तुलसी के पत्ते एसिडिटी और मतली से काफी हद तक राहत दिलाते हैं।

9-नारियल पानी का सेवन अधिक करें।

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.....संक्रमण से बचाता है लहसुन
लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता।

ठंड से छुटकारे के लिए नैचुरल एंटीबायोटिक
कई शोधों में अब यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो चुकी है कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। ठंड के दिनों में गाजर, अदरक औरलहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।

दांतों के दर्द में फायदेमंद
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। लहसुन को लौंग के साथ पीसकर दांतों के दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द से तुरंत राहत मिलती है।

गर्भावस्था में फायदेमंद
गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह गर्भ के भीतर शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक है।
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घरेलू नुस्खों से दूर करें दर्द -

जिस तरह का जीवन हम जी रहे हैं, उसमें सिरदर्द होना एक आम बात है। लेकिन यह दर्द हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाए तो हमारे लिए बहुत कष्टदायी हो जाता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए हम पेन किलर घरेलू उपाय अपनाकर इसे दूर कर सकते हैं। इन घरेलू उपायों के कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होते।

1. अदरक: अदरक एक दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करती है। यदि सिरदर्द हो रहा हो तो सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे अपने माथे पर लगाएं। इसे लगाने पर हल्की जलन जरूर होगी लेकीन यह सिरदर्द दूर करने में मददगार होती है।

2. सोडा: पेट में दर्द होने पर कप पानी में एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है। सि्त्रयो के मासिक धर्म के समय पेट के नीचे होने वाले दर्द को दूर करने मे खाने वाला सोडा पानी में मिलाकर पीने से दर्द दूर होता है। एसिडिटी होने पर एक चुटकी सोडा, आधा चम्मच भुना और पिसा हुआ जीरा, 8 बूंदे नींबू का रस और स्वादानुसार नमक पानी में मिलाकर पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है।

3. अजवायन: सिरदर्द होने पर एक चम्मच अजवायन को भूनकर साफ सूती कपडे में बांधकर नाक के पास लगाकर गहरी सांस लेने से सिरदर्द में राहत मिलती है। ये प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक आपका सिरदर्द ठीक नहीं हो जाता। पेट दर्द को दूर करने में भी अजवायन सहायक होती है। पेट दर्द होने पर आधा चम्मच अजवायन को पानी के साथ फांखने से पेट दर्द में राहत मिलती है।

4. बर्फ : सिरदर्द में बर्फ की सिंकाई करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा स्पॉन्डिलाइटिस में भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है। गर्दन में दर्द होने पर भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है।

5. हल्दी: हल्दी कीटाणुनाशक होती है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक तत्व पाए गए हैं। ये तत्व चोट के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। घाव पर हल्दी का लेप लगाने से वह ठीक हो जाता है। चोट लगने पर दूध में हल्दी डालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है। एक चम्मच हल्दी में आधा चम्मच काला गर्म पानी के साथ फांखने से पेट दर्द व गैस में राहत मिलती है।

6. तुलसी के पत्ते: तुलसी में बहुत सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों को पीसकर चंदन पाउडर में मिलाकर पेस्ट बना लें। दर्द होने पर प्रभावित जगह पर उस लेप को लगाने से दर्द में राहत मिलेगी। एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर हल्का गुनगुना करके खाने से गले की खराश और दर्द दूर हो जाता है। खांसी में भी तुलसी का रस काफी फायदेमंद होता है।

7. मेथी: एक चम्मच मेथी दाना में चुटकी भर पिसी हुई हींग मिलाकर पानी के साथ फांखने से पेटदर्द में आराम मिलता है। मेथी डायबिटीज में भी लाभदायक होती है। मेथी के लड्डू खाने से जोडों के दर्द में लाभ मिलता है।

8. हींग: हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है। छाती और पेटदर्द में हींग का सेवन लाभकारी होता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पकाने और उसे बच्चो की नाभि के चारो ओर उसका लेप करने से दर्द में राहत मिलती है।

9. सेब: सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। चिकित्सकों का मानना है कि सेब का नियमित सेवन करने से रोग नहीं घेरते।

10. करेला: करेले का रस पीने से पित्त में लाभ होता है। जोडों के दर्द में करेले का रस लगाने से काफी राहत मिलती है





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