Sunday 19 January 2014

सेहत बिगाड़ते हैं ये कॉस्मेटिक्स/

मरकरी, क्रोमियम, निकेल हेवी मेट्ल्स हैं, जिनके संपर्क में आने से स्किन के ऊपर पिंपल्स हो सकते हैं, स्ट्रेच मार्क्स बन सकते हैं, खुजली हो सकती है और स्किन पतली हो सकती है। इसके अलावा मरकरी ज्यादा होने पर किडनी पर इफेक्ट हो सकता है और क्रोमियम की वजह से लीवर डैमेज हो सकता है।
-डॉक्टर नितिन वालिया, स्किन स्पेशलिस्ट

संवारते हैं या सेहत बिगाड़ते हैं ये कॉस्मेटिक्स

टीवी पर जिन फेयरनेस क्रीम और लिपस्टिक का प्रचार सेलिब्रिटी करते हैं, उनमें से कई आपकी खूबसूरती बढ़ाने की जगह सेहत बिगाड़ सकते हैं। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायर्नमेंट का दावा है कि इनमें मरकरी, क्रोमियम और निकेल जैसे तत्व मिले हैं, जिन्हें जहरीला माना जाता है। मरकरी के इस्तेमाल पर हमारे देश में पाबंदी है। क्रोमियम को कैंसरकारी पाया गया है।

सेंटर की पल्यूशन मॉनिटरिंग लैब की जांच रिपोर्ट के अनुसार, जांच में शामिल 44 पर्सेंट फेयरनेस क्रीम में मरकरी की मौजूदगी पाई गई है। 50 पर्सेंट लिपस्टिक में क्रोमियम और 43 पर्सेंट में निकेल की मौजूदगी है। कुल 73 कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स को इस स्टडी में शामिल किया गया था, इनमें फेयरनेस क्रीम, लिपिस्टिक, लिप बाम और एंटी एजिंग प्रोडक्ट्स थे। कई नामी ब्रैंड और कुछ हर्बल प्रोडक्ट भी शामिल थे।

सेंटर की डायरेक्टर सुनीता नारायण ने कहा कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट्स एंड रूल ऑफ इंडिया के तहत कॉस्मेटिक में मरकरी का इस्तेमाल बैन है। कई कंपनियों के प्रॉडक्ट्स में मरकरी की मौजूदगी नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि सारी कंपनियां ऐसा क्यों नहीं कर सकती हैं। सेंटर का दावा है कि कुछ कंपनियों ने जांच नतीजों को चुनौती नहीं दी। उन कंपनियों का कहना है कि हेवी मेटल्स की मात्रा काफी कम है और इनसे बचा नहीं जा सकता है। मरकरी किस मात्रा तक आपके शरीर में जाने पर सेफ हैं, इस बारे में भारत में कोई लिमिट नहीं तय की गई है। ऐसे में सेंटर ने फेयरनेस क्रीम में मरकरी की मात्रा की तुलना अमेरिका में तय लिमिट से की। नतीजे बताते हैं कि ये क्रीम अकेले 71 पर्सेंट तक मरकरी शरीर में भेज सकती हैं। महज एक प्रॉडक्ट से इतनी मात्रा मिलना काफी ज्यादा बताया गया है। भोजन, पानी और हवा से भी हमारे शरीर में हेवी मेटल्स का प्रवेश होता है। ऐसे में ज्यादा मरकरी वाली फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करने पर लिमिट पार हो सकती है। इससे सेहत पर भी खतरे बढ़ जाएंगे।

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