Friday 8 November 2013

स्वदेशी पनडुब्बी अरिहंत पर काम करने वाले 2 वैज्ञानिकों की लाश




पिछले महीने देश की स्वदेशी पनडुब्बी अरिहंत पर काम करने वाले 2 वैज्ञानिकों की लाश रेलवे लाइन पर मिली | इससे पहले की ट्रेन उनपर से गुजरती, लोगो ने देखा और लाश को खीच लिया | जांच में पाया गया की उनकी मौत जहर से हुई थी |

इतने बड़े हादसे की जांच ख़ुफ़िया एजेंसी और NIA या CBI द्वारा होनी चाहिए थी लेकिन देश की बदकिस्मती की इसकी जांच वह की स्थानीय पुलिस कर रही है जिसे कुछ ख़ास जानकारी हासिल नहीं हुई |

जब ईरान के एक वैज्ञानिक की हत्या हुई थी तब ईरान ने उसके सभी वैग्यनिकों को सुरक्षा प्रदान की लेकिन भारत में वैज्ञानिकों की मौत को महज आत्महत्या करार दिया जाता है और मीडिया भी इस बात पर चुप रहती है | क्या आपको नहीं लगता की सरकार और मीडिया जानबूझकर इस बारे में चुप है ? क्या देश के साथ धोखा नहीं हो रहा ? देश खतरे में है |

Scientists working in the Bhabha Atomic Research Centre (BARC) have been particularly liable to "suicides" and murders, with several being reported during the past five years. In each case, the unnatural death in question gets passed off as either a suicide or an unexplained killing. This far, there has been no report of the police having identified any of the perpetrators of the murders of personnel whose brainpower has been crucial to the success of several key programs.

http://www.sunday-guardian.com/news/pmo-unconcerned-about-scientist-deaths#.Un2G-NkYYBs.twitter

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अंतिम हिन्दू सम्राट प्रथ्वीराज चोहान का ''बेटा'' तिहाड़ जेल में

जेल मे बंद डकेत फूलन देवी के कातिलके रूप में तो " शेर सिंह राणा " को सब जानते हे,पर देश
के एक महान सम्राट के सम्मान को बनाये रखने के लिए उसने वो कर दिखाया जो न तो कोई
भारतीय कर पाया न भारत सरकार,पर जब इस जेल में बंद शेर को कही से एक जानकारी मिली
की अफगानिस्तान मे मोहमद गौरी की मजार के बाहर अंतिम हिन्दू सम्राट " पृथ्वीराज चौहान "
की अस्थिया रखी गई है जिन्हें आज तक वहां जाने वाला हर शख्श अपमानित करता है !
इतना सुनते ही इस "पिंजरे में बंद शेर " ने ठान लिया की वह उन अस्थियो को स सम्मान
हिंदुस्तान लेकर आयेगा !

देश की सबसे मजबूत जेल"तिहाड़" को तोड़ कर उन्होंने अफगानिस्तान जाने का सोचा,और उन्होंने
वो कर भी दिखाया,पूरा देश अचंभित हो गया की तिहाड़ से निकल कर वो अफगानिस्तान पहुचे
तथा 812 वर्षो से अपमानित की जा रही पृथ्वीराज चौहान की अस्थियो को अपने केमरे मे डाल
कर भाग निकले व वहा से अपनी माँ के नाम उन अस्थियो को कोरियर कर दिया !

भला जेल से भागने के बाद कोई अपनी जान फिर क्यों जोखिम मे डालेगा ." शेर सिंह राणा
" वो शेर है जिसने इस युग मे भी वास्तविक क्षत्रि धर्म के अनुरूप जीवन जिया है !३५ साल की उम्र मे उन्होंने वो कर दिखाया जो कोई ना कर सका !उन्होंने वो किया जो एक बेटा अपने पिता के लिए करता हे, पूर्वजन्म में वो सम्राट पर्थ्वीराज चोहान
के बेटे रहे हो और पिछले जन्म का कर्ज उन्होंने इस जन्म में पूरा किया हो,अफगानिस्तान से लोटने बाद उन्होंने 2006 मे कोलकाता मे सरेंडर किया !

आज वो तिहाड़ की जेल नंबर २ की हाई रिस्क बेरक मे बंद है ! 11 वर्षो से जेल मे बंद इस असली
सरफ़रोश के जिन्दगी के पहलु सब के साथ बांटे ..

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