Monday 30 September 2013

महापंचायत के दौरान ग्रामीणों पर लाठी और गोली चलाने में सादे कपड़े वाले कौन थे? ये सवाल ग्रामीण उठा रहे हैं। इनकी संख्या भी काफी तादाद में थी।
ग्रामीणों ने इस बवाल का जिम्मेदार इन्हीं लोगों को बताया है। आरोप लगाया कि गाड़ियों में आगजनी इन सादे कपड़े वालों ने ही की।
महापंचायत में हुए बवाल के दौरान सादी कपड़ों में लाठी चलाने वालों की दबंगई सामने आई है। ये लोग लगातार एसएसपी और डीआईजी के चारो तरफ मंडराते रहे।
कई बार इन लोगों ने कालेज के भीतर पानी पीने जाते ग्रामीणों से अभद्रता भी की। जब ज्ञापन देने को लेकर ग्रामीण डीएम और एसएसपी से मिलने की बात कर रहे थे, तो उसी दौरान इन्हीं सादे कपड़े वालों ने लाठियां बरसा दीं।

निजी असलाह लेकर पहुंचे?
इसके बाद ग्रामीण भड़क गए और वही हुआ जिसकी आशंका थी। यही नहीं ग्रामीणों के पथराव के बीच फायरिंग की शुरुआत भी इन्होंने ही की। इनके पास निजी असलहे भी थे।
ग्रामीण ही नहीं अर्द्धसैनिक बल भी इनको पहचानने में धोखा खाए। घायल अंकित के भाई महेश ने बताया कि गोली लगने के बाद सादे कपड़े वाले अंकित को अपने साथ ले जा रहे थे।
उनसे छीनकर हम लोगों ने अंकित को अस्पताल में भर्ती कराया। महेश ने बताया कि भीड़ ने वाहनों में तोड़फोड़ की, लेकिन वाहनों में आग इन सादे कपड़े वालों ने ही लगाई।

पुलिस ने अवैध असलहों से बरसाईं गोली
ग्रामीणों की मानें तो पुलिस वालों ने अवैध असलहों का भी फायरिंग में इस्तेमाल किया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस यह सोचकर ऐसा कर रही थी कि उनकी गोली से यदि कोई मर भी जाता है तो उसका आरोप भी ग्रामीणों पर आए।

पुलिस की गोली से घायल लोगों ने भी अवैध हथियार से हमला करने की बात कही है।
(कुलदीप शर्मा)

 मेरठ की महापंचायत में आये लोगों पर लाठीचार्ज करने वाले (चित्र में) जींस पहिने ये लोग कौन हैं? क्या पुलिस जींस में है? या मुलायम, अखिलेश और आज़म के गुंडे हैं ये भीड़ के बीच में? 

http://www.amarujala.com/news/states/uttar-pradesh/meerut-violence-who-was-shooting-in-plain-clothes/


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