Friday 30 August 2013

और तूने चंद रुपयों के लिए मेरा बेटा मर जाने दिया ".....

एक गरीब मज़दूर था..मज़दूरी करके वो अपना घर
चलता था...कुछ दिनों से बीमार पड जाने के कारण
वो काम पर नही जा सका..
जब घर में खाने को कुछ नही बचा तो उसका 9 साल
का लड़का उससे बोला,
बापू..आज काम पर मैं चला जाता हूँ ताकि कुछ पैसे
आए तो खाने का कुछ ईंतज़ाम हो जाए..बाप के
लाख माना करने के बावजूद वो लड़का चला गया..
कुछ देर बाद बाप को ख़बर मिली कि उसके लडके
का एक्सीडेंट
हो गया है...वो भागा भागा अस्पताल जाता है
तो देखता है कि उसका लड़का बेंच पर पड़ा
है और बहुत खून बह रहा है..कोई डॉक्टर उसका इलाज
नही कर रहा..उसने पूछा तो डॉक्टर बोला कि पहले
20000 रुपए जमा करवो..
उसने डॉक्टर की बहुत मिन्नते की..पाँव पकडे
कि आप मेरे पास इतने
पैसेनही हैं लेकिन आप मेरे बेटे को बचा लो... मैं
ज़िंदगी भर आपकी गुलामी करूँगा लेकिन डॉक्टर ने
उसकी एक नही सुनी...वो सबसे मदद की भींख
मांगता
रहा लेकिन किसी ने उसकी मदद नही की..
कुछ देर बाद इलाज के अभाव में उसके बेटे ने दम तोड़
दिया..
वो रोने लगा..तभी उसकी नजर अस्पताल में लगे
टीवी पर पडी
जिसमे
ब्रेकिंग न्यूज थी..
"टुंडा की हार्ट सर्जरी सफल, पेसमेकर लगाया गया "
उसने पूछा कि ये कौन है और ये पेसमेकर
क्या होता है ?
डौक्टर ने ज़वाब दिया; चाचा..ये

आतंकवादी है..इसका भारत सरकार ने मुफ्त
में इलाज करवाया है..लाखो का आता है पेसमेकर..
ये सुनते ही उसने एक झन्नाटेदार थप्पड डॉक्टर
को लगाया और बोला कि
"और तूने चंद रुपयों के लिए मेरा बेटा मर जाने
दिया ".....
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