Monday 19 August 2013

15 अगस्‍त 1947 को ‪#‎भारत_आजाद_नहीं_हुआ‬ था।

यह ‪#‎नेहरू_का_वो_पत्र_है_जो_साबित‬ करता है कि>>>>>>>
15 अगस्‍त 1947 को ‪#‎भारत_आजाद_नहीं_हुआ‬ था।

पुरा लेख पठिए ओर सोचिए क्या भारत देश आज आजाद देश है...........

15 अगस्त आजादी नहीं धोखा है, देश का समझौता है , शासन नहीं शासक बदला है, गोरा नहीं अब काला है 15 अगस्त 1947 को देश आजाद नहीं हुआ तो हर वर्ष क्यों ख़ुशी मनाई जाती है ?

क्यों भारतवासियों के साथ भद्दा मजाक …किया जा रहा है l
यह नेहरू का वो पत्र है जो साबित करता है कि 15 अगस्‍त 1947 को भारत आजाद नहीं हुआ था। इस पत्र से जाहिर होता है कि देश को कांग्रेस ने एक और झूठ बताया है।
1948 में लिखे गए इस ‪#‎पत्र_मे_नेहरू_ने_इंग्लैंड_की_महारानी‬ के निर्देश और आदेश पर राजगोपालाचारी को भारत उपनिवेश में ‪#‎महारानी_का_प्रतिनिधि_बताया है।

भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l “मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा, एवं मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सेवा करूँगा l ”

इस सन्दर्भ में निम्नलिखित तथ्यों को जानें …. :

1. भारत को सत्ता हस्तांतरण 14-15 अगस्त 1947 को गुप्त दस्तावेज के तहत, जो की 1999 तक प्रकाश में नहीं आने थे (50 वर्षों तक ) l

2. भारत सरकार का संविधान के महत्वपूर्ण‪#‎अनुच्छेदों_में_संशोधन_करने_का_अधिकार_नहीं‬ है l

3. संविधान के अनुच्छेद 348 के अंतर्गत उच्चतम न्यायलय, उच्च न्यायलय तथा संसद की कार्यवाही अपनी‪#‎राष्ट्रभाषा_हिंदी_में_होने_के_बजाय_अंग्रेजी_भाषा_में_होगी‬ l

4. अप्रैल 1947 में लन्दन में उपनिवेश देश के प्रधानमंत्री अथवा अधिकारी उपस्थित हुए, यहाँ के घोषणा पत्र के खंड 3 में भारत वर्ष की इस इच्छा को निश्चयात्मक रूप में बताया है की वह …

क ) ज्यों का त्यों ब्रिटिश का राज समूह सदस्य बना रहेगा तथा

ख ) ब्रिटिश राष्ट्र समूह के देशों के स्वेच्छापूर्ण मिलाप का ब्रिटिश सम्राट को चिन्ह (प्रतीक) समझेगा, जिनमे शामिल हैं ….. (इंग्लैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, श्री लंका) … तथा

ग ) सम्राट को ब्रिटिश समूह का अध्यक्ष स्वीकार करेगा l

5. भारत की विदेश नीति तथा अर्थ नीति,
‪#‎भारत_के_ब्रिटिश_का_उपनिवेश_होने_के_कारण_स्वतंत्र_नहीं_है‬ अर्थात उन्हीं के अधीन है l

6. नौ-सेना के जहाज़ों पर आज भी तथाकथित भारतीय राष्ट्रीय ध्वज नहीं है l

7. जन गन मन अधिनायक जय हे …‪#‎हमारा_राष्ट्रगान_नहीं_है‬, अपितु जार्ज पंचम के भारत आगमन पर उसके स्वागत में गाया गया गान है, उपनिवेशिक प्रथाओं के कारण दबाव में इसी गीत को राष्ट्र-गान बना दिया गया … जो की हमारी गुलामी का प्रतीक है l

8. सन 1948 में बने बर्तानिया कानून के अंतर्गत भाग 1 (1) 1948 के बर्तानिया के कानून के अनुसार हर भारतवासी बर्तानिया की रियाया है और यह कानून भारत के गणराज्य प्राप्त कर लेने के पश्चात भी लागू है l

9. यदि 15 अगस्त 1947 को
‪#‎भारत_स्वतंत्र_हुआ_तो_प्रथम_गवर्नर_जनरल_माउन्ट_बेटन_को_क्यों_बनाया‬ गया ??

10. 22 जून 1948 को भारत के दुसरे गवर्नर के रूप में चक्रवर्ती राजगोपालचारी ने निम्न शपथ ली l “मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यथाविधि यह शपथ लेता हूँ की मैं सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी के प्रति कानून के मुताबिक विश्वास के साथ वफादारी निभाऊंगा, एवं मैं चक्रवर्ती राजगोपालचारी यह शपथ लेता हूँ की मैं गवर्नर जनरल के पद पर होते हुए सम्राट जार्ज षष्ठ और उनके वंशधर और उत्तराधिकारी की यथावत सव्वा करूँगा l ”

11. 14 अगस्त 1947 को भारतीय स्वतन्त्रता विधि से भारत के दो उपनिवेश बनाए गए जिन्हें‪#‎ब्रिटिश_Common_Wealth‬ की … धारा नं. 9 (1) – (2) – (3) तथा धारा नं. 8 (1) – (2) धारा नं. 339 (1) धारा नं. 362 (1) – (3) – (5) G – 18 के अनुच्छेद 576 और 7 के अंतर्गत …. इन उपरोक्त कानूनों को तोडना या भंग करना भारत सरकार की सीमाशक्ति से बाहर की बात है तथा‪#‎प्रत्येक_भारतीय_नागरिक_इन_धाराओं_के_अनुसार_ब्रिटिश_नागरिक_अर्थात_गोरी_सन्तान_है‬ l

12. भारतीय संविधान की व्याख्या अनुच्छेद 147 के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया एक्ट 1935 तथा indian independence act 1947 के अधीन ही की जा सकती है … यह एक्ट ब्रिटिश सरकार ने लागू किये l

13. भारत सरकार के ‪#‎संविधान_के_अनुच्छेद‬ नं. 366, 371, 372 एवं 392 को
‪#‎बदलने‬ या रद्द करने की ‪#‎क्षमता_भारत_सरकार_को_नहीं‬ है l

14. भारत सरकार के पास ऐसे‪#‎ठोस_प्रमाण_अभी_तक_नहीं_हैं,
जिनसे ‪#‎नेताजी‬ की वायुयान दुर्घटना में ‪#‎मृत्यु‬ साबित होती है l
इसके उपरान्त मोहनदास गांधी, जवाहरलाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना और
मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ब्रिटिश न्यायाधीश के साथ यह
‪#‎समझौता_किया_कि_अगर_नेताजी_ने_भारत_में‬ प्रवेश किया,

तो वह ‪#‎गिरफ्तार_कर_ब्रिटिश_हुकूमत_को_सौंप_दिया_जाएगाl‬ बाद में ब्रिटिश सरकार के कार्यकाल के दौरान उन सभी राष्ट्रभक्तों की गिरफ्तारी और सुपुर्दगी पर मुहर लगाईं गई जिनको ब्रिटिश सरकार पकड़ नहीं पाई थी l

15. डंकल व् गैट, ‪#‎साम्राज्यवाद_को_भारत_में‬ पीछे के दरवाजों से लाने का सुलभ रास्ता बनाया है ताकि‪#‎भारत_की_सत्ता_फिर_से_इनके_हाथों‬ में आसानी से‪#‎सौंपी_जा_सके‬ l
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है की सम्पूर्ण भारतीय जनमानस को आज तक एक धोखे में ही रखा गया है, तथा कथित ‪#‎नेहरु_गाँधी_परिवार_इस_सच्चाई‬ से पूर्ण रूप से अवगत थे परन्तु सत्तालोलुभ पृवृत्ति के चलते आज तक उन्होंने भारत की जनता को अँधेरे में रखा और विश्वासघात करने में पूर्ण रूप से सफल हुए l

http://www.youtube.com/watch?v=tx509AAwTU0

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