Friday 5 July 2013

डॉक्टर बहुत कहते है के अण्डे खाना बहुत आवश्यक है

डॉक्टर बहुत कहते है के अण्डे खाना बहुत आवश्यक है और उनका हिसाब किताब प्रोटीन वाला है
...प्रोटीन इसमें ज्यादा है विटामिन A ज्यादा है । हमारे डॉक्टर जो पढाई करते है जैसे MBBS , MS, MD ये पूरी पढाई परदेस से आई है मने यूरोप से आयें हैं और यूरोप में जो लोग होंगे उनके पास मांस और अण्डे के इलावा और कुछ नही होगा । तो उनकी जो पुस्तके है उनमे वो ही लिखा जायेगा जो उहाँ पर उपलब्ध है । और यूरोप में सब्जी होती नही , दाल होती नही हैं पर अंडा बहुत मिलता है कयोंकि मुर्गियां बहुत है । अब हमारे देश में वो ही चिकित्सा पढा रहे है पर उस चिकित्सा को हमने हमारे देश की जरुरत के हिसाब से बदलाव नही किया मने उन पुस्तकों में बद्लाव होना चाहिए , उसमे लिखा होना चाहिए भारत में अण्डे की जरुरत नही है कयोंकि भारत में अण्डे का बिकल्प बहुत कुछ है । पर ये बदल हुआ नही और डॉक्टर वो पुस्तक पढ कर निकलते है और बोलते रहते है अण्डे खाओ मांस खाओ । आयुर्वेद की पढाई पढ कर जो डॉक्टर निकलते है वो कभी नही कहते कि अण्डे खाओ । अण्डे में प्रोटीन है पर सबसे ज्यादा प्रोटीन तो उड़द की डाल में है , फिर चने की डाल , मसूर की डाल ; अण्डे में विटामिन A हैं पर उससे ज्यादा दूध में है ।

निचे दिए गए लिंक पे जाके विडियो देखे :
http://www.youtube.com/watch?v=nXaQ0JS5iIs

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सुप्रीम कोर्ट आफ इण्डिया ने भी 1995 मे हुए एक फैसले मे हिन्दुत्व के बारे मे कहा कि-

"the way of life of the Indian people and the Indian culture or ethos."

मतलब "हिन्दुत्व" एक जीवनशैली है जो केवल भारत जैसे महान देश मे ही सम्भव है,
सनातन हिन्दुत्व की भाषा "संस्कृत" मे एक श्लोक है- "सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुखभागभवेत्॥"
जिसका अर्थ है सभी सुखी हो सभी निरोगी हो... और ये "सभी" शब्द सम्पूर्ण विश्व के लिए है अर्थात् सम्पूर्ण विश्व सुखी हो... ये सब Holyoake के सेकुरलिज्म के परिभाषा से पूरी तरह मिलता जुलता है, वास्तव मे हर हिन्दू जन्म से ही हिन्दू संस्कारो से सेकुलर बन जाता है, हिन्दू धर्म तथा हर व्यक्ति को समान रूप से देखता है...
"हिन्दुत्व" राष्ट्र के हर तबके के सर्वांगीण विकास की बात करता है,
स्वामी विवेकानन्द ने भी लिखा है- "हिन्दू धर्म सभी धर्मो की माँ है"
तो फिर "वसुधैव कुटुम्बकम्" का सिद्धान्त देने वाले हिन्दू धर्म को मानने वाले तथा "हिन्दुत्व" की बात करने वाले व्यक्ति साम्प्रदायिक क्यो कहे जाते हैँ..??
@आनंद

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