Thursday 25 July 2013

इंडोनेशिया सभी मुस्लिम देशों में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है

 इंडोनेशिया सभी मुस्लिम देशों में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है, फिर भी वहाँ अमन और शांति है, कोई दंगा फसाद या जेहाद नहीं है, इसका पता है क्या कारण है ? इसका कारण है कि जब वहाँ पर मुस्लिम्स के यहाँ बच्चे पैदा होते हैं, तो और देशों की तरह उनके कान में जेहादी बनने के मन्त्र ना मार कर उनके यहाँ पर रामायण का पाठ करवाया जाता है, जो बच्चों के कान के माध्यम से सीधे उनके मन में उतर जाता है..

उनकी मुद्रा पर भगवान श्री गणेश जी का चित्र अंकित हैं, (जैसा आप चित्र में देख रहे हैं)

और इंडोनेशिया के सबसे बड़े एयरपोट पर समुद्र मंथन करते हुए, एक पत्थर की शानदार झाँकी लगाई हुई है, जो एयरपोट में प्रवेश करते ही दिखाई देती है, समय- समय पर मुस्लिम्स अपने यहाँ पर कथा करवाते हैं, मंदिरों को वहाँ पर तोडा नहीं जाता है, बल्कि मंदिरों को वहाँ पर मुस्लिम समाज द्वारा पूजा जाता है, भगवान राम की कहीं बातों को वहाँ पर बच्चों को पढाया जाता है..

आप रोज सुनते होंगे कि फलां- फलां मुस्लिम देश में ब्लास्ट हुआ तो इतने मर गए, फलां- फलां मुस्लिम देश में जेहादिओं ने ब्लास्ट किया तो उतने मर गए, पर आपने शायद ही कभी खबर पढ़ी या सुनी होगी कि इंडोनेशिया में ब्लास्ट हुआ या जेहादिओं ने लोगों को मार दिया.. आखिर जिस बच्चे के पैदा होते ही उसके कान में 'प्रभु श्री राम की कथा' का प्रवाह कर दिया जाएगा फिर वो बच्चा आंतकवादी या जेहादी कैसे बन सकता है ?  

इंडोनेशिया के मुस्लिम और वहाँ की सरकार समझदार हैं उनको पता है कि जिन- जिन मुस्लिम देशों में से हिंदुओं को खत्म किया गया, वहाँ- वहाँ पर अल्ला भी उनसे नाराज हो गया, और आज वो देश खत्म होने की कगार पर खड़े हैं, खाने को रोटी नहीं नहीं तन ढकने को कपडा नहीं है, और पडौसी देश दुश्मन बने हुए हैं वो अलग.. इंडोनेशिया एक मात्र ऐसा मुस्लिम देश है जिसका कोई बुरा करना नहीं चाहता या उसका कोई दुश्मन नही है, इसके विपरीत कोई भी मुस्लिम देश उठा कर देख लो जिसका कोई दुश्मन देश ना हो..

एक लाइन में कहूँ तो इंडोनेशिया के मुस्लिम्स को पता है कि उनका धर्म कहाँ से पैदा हुआ और उनके पूर्वज कौन है, और वो इसको मानने में कोई शर्म महसूस नहीं करते हैं कि हमारे पूर्वज हिंदू थे,

इसके विपरीत हमारे भारत के मुस्लिम्स हैं जिनको पता है कि अरब के मुस्लिम्स से हमारा कुछ लेना- देना नहीं है, हमारे पूर्वज हिंदू थे, और वैज्ञानिक भी इस चीज़ को DNA के आधार पर सिद्ध कर चुके हैं कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम्स का अरब के मुस्लिम्स से कोई लेना- देना नहीं है, और सबके पूर्वज हिंदू थे, पर पता नहीं फिर क्यों हमारे यहाँ के मुस्लिम अरब के मुस्लिम्स का नाम ले- लेकर अपनी छातियाँ फुलाते रहते हैं ?

अपने पूर्वजों को पहचानो और उनको सम्मान देना सीखो, क्योंकि अपने पूर्वजों का दिल दुखाकर बच्चे कभी सुखी नहीं रह सकते, और ऐसा ही आज हरेक मुस्लिम देश में हो रहा है..(इंडोनेशिया को छोडकर)..

क्योंकि मित्रों पेड चाहे जितना मर्जी बड़ा हो जाए, पर यदि वो अपनी जड़ों को गाली देने लगेगा या उसको ही काटने बैठ जाएगा, तो पेड ज्यादा दिन जिंदा नहीं रह पाएगा, और सुख कर गिर पड़ेगा, ऐसा ही कुछ सनातन धर्म भी इस्लाम की जड़ों में है.. 

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कुछ तथ्य –

1 - एक लाख हिन्दुओं को (मारा गया , बलात धर्मान्तरित किया गया , हिन्दू ओरतों के बलात्कार हुए) और यह सब हुआ गाँधी के खिलाफत आन्दोलन के कारण |

2 – 1920 तक तिलक की जिस कोंग्रेस का लक्ष्य स्वराज्य प्राप्ति था गाँधी ने अचानक उसे बदलकर आन्तरिक विरोध के बाद भी एक दूर देश तुर्की के खलीफा के सहयोग और मुस्लिम आन्दोलन में बदल डाला

3 - गाँधी जी अपनी निति के कारण इसके उत्तरदायी थे,मौन रहे।”
”उत्तर में यह कहना शुरू कर दिया कि - मालाबार में हिन्दुओं को मुस्लमान नही बनाया गया सिर्फ मारा गया जबकि उनके मुस्लिम मित्रों ने ये स्वीकार किया कि मुसलमान बनाने कि सैकडो घटनाएं हुई है।

4 – इतने बड़े दंगो के बाद भी गांधी की अहिंसा की दोगली नीत पर कोई फर्क नहीं पड़ा मुसलमानों को खुश करने के लिए इतने बड़े दंगो के दोषी मोपला मुसलमानों के लिए फंड शुरू कर दिया। “

5 - गाँधी ने “खिलाफत आन्दोलन” का समर्थन करके इस्लामी उग्रवाद को पनपाने का काम किया |

6 - श्री विपिन चन्द्र पाल, डा. एनी बेसेंट, सी. ऍफ़ अन्द्रूज आदि राष्ट्रवादी नेताओं ने कांग्रेस की बैठक मैं खिलाफत के समर्थन का विरोध किया , किन्तु इस प्रश्न पर हुए मतदान मैं गाँधी जीत गए |

7 - महामना मदनमोहन मालवीय जी तहत कुछ एनी नेताओं ने चेतावनी दी की खिलाफत आन्दोलन की आड़ मैं मुस्लिम भावनाएं भड़काकर भविष्य के लिए खतरा पैदा किया जा रहा है किन्तु गांधीजी ने कहा ‘ मैं मुसलमान भाईओं के इस आन्दोलन को स्वराज से भी ज्यादा महत्व देता हूँ ‘ |

8 - महान स्वाधीनता सेनानी तथा हिन्दू महासभा के नेता भाई परमानन्द जी ने उस समय चेतावनी देते हुए कहा था , ‘ गाँधी जी तथा कांग्रेस ने मुसलमानों को तुस्त करने के लिए जिस बेशर्मी के साथ खिलाफत आन्दोलन का समर्थन किया तथा अब खूंखार हत्यारे मोपलों की प्रसंसा कर रहे हैं, यह घटक नीति आगे चलके इस्लामी उग्रवाद को पनपाने मैं सहायक सिद्ध होगी ‘

9 – खिलाफत आन्दोलन का समर्थ कर गाँधी जी तथा कांग्रेस ने मुस्लिम कट्टरवाद तथा अलगावबाद को बढ़ावा दिया था |

10 - डा. एनी बेसेंट ने २९ नवम्बर १९२१ को दिल्ली मैं जारी अपने वक्तब्य मैं कहा था था – “असहयोग आन्दोलन को खिलाफत आन्दोलन का भाग बनाकर गांधीजी था कुछ कंग्रेस्सी नेताओं ने मजहवी हिंसा को पनपने का अवसर दिया | एक ओर खिलाफत आन्दोलनकारी मोपला मुस्लिम मौलानाओं द्वारा मस्जिदों मैं भड़काऊ भाषण दिए जा रहे थे और दूसरी और असहयोग आन्दोलनकारी हिन्दू जनता से यह अपील कर रहे थे की हिन्दू – मुस्लिम एकता को पुस्त करने के लिए खिलाफत वालों को पूर्ण सहयोग दिया जाए ”
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