Thursday 23 May 2013

सर्जरी से पहले कहो ॐ...अमेरिकीयूनिवर्सिटी में गीता

न्यूयार्क के 'कोलम्बिया प्रेसबाइटेरियन' के 'हार्ट इंस्टीच्यूट' में डॉक्टर मरीजों को आपरेशन से पहले ॐ का उच्चारण करने को कहते हैं, क्योंकि ॐ के जप से विश्रान्ति मिलती है। प्रसिद्ध शल्यचिकित्सक नरेश ट्रेहान कहते हैं- ऑपरेशन के दौरान ॐ की टेप चलाने से डॉक्टर और स्टॉफ में आत्मविश्वास की भावना आतीहै और रोगी भी सकारात्मक ढंग से सोचने लगता है।"

मनोचिकित्सक डॉ. संजय चुघ कहते हैं- "शरीर में तनाव होने से स्टिरोइड हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है। ऑपरेशन के पूर्व एवं उसके पश्चात ॐ के उच्चारण, ध्यान आदि से स्टिरोइड का स्तर कम हो जाता है, जो कि शरीर के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।"

'माइंड∕बॉडी मेडिकल इन्सटीच्यूट के अध्यक्ष एवं हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हर्बर्ट बेन्सन ने 40 वर्ष तक अध्ययन करने के बाद मंत्रोच्चारण, योग, ध्यान की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहाः "आज के युग में यह (मंत्रोच्चारण, योग, ध्यान) और भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि आज का मनुष्य जब डॉक्टर के पास जाता है तो वह 60 प्रतिशत तनावसंबंधी तकलीफों से ग्रस्त होता है।"उक्त आधुनिक वैज्ञानिकों की खोज इस स्थूल शरीर तक ही सीमित है जबकि हमारे शास्त्रों के अनुसार ॐकार का प्रभाव व्यापक है। मरणोपरांत भी यह जीवात्मा का साथी है।


..........................................................
अमेरिकीयूनिवर्सिटी में गीता पढ़ना हुआ जरूरी !
जो काम भारत मे होना था वो अमेरिका मे हो रहा है...

अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी (Seton Hall University) में सभी छात्रों के लिए गीता पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है।
इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है। लिहाजा उसने सभी विषयों के छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम के ...तहत इसकी स्टडी को जरूरीबना दिया है।
यूनिवर्सिटी केस्टिलमेन बिजनस स्कूल के प्रफेसर ए.डी. अमर ने यह जानकारी दी।यह यूनिवर्सिटी 1856 में न्यू जर्सी में स्थापित हुई थी और एक स्वायत्त कैथलिक यूनिवर्सिटी है।यूनिवर्सिटी के 10, 800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं।
इनमें भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी- खासी है। गीता की स्टडी अनिवार्य बनाने इस फैसले के पीछे प्रफेसर अमर की प्रमुख भूमिका रही।
उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है, जिसकी स्टडी सभी विषयों के छात्रों को करनी होती है।2001 में यूनिवर्सिटी ने अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरुआत की थी।इसमें छात्रों को सामाजिक सरोकारों और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया जाता है।उन्होंने बताया कि इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है।गीता की अहमियत को समझते हुए यूनिवर्सिटी ने इसकी स्टडी अनिवार्य की।
हमारे संस्कार पाश्चत्य को पसंद आ गये पर हमारे देश में कब गीता का पाठ नियमित होगा......बोलो जय श्री राम ...जय श्री कृष्णा.....

No comments:

Post a Comment