Friday 17 May 2013

छोटी चिडिय़ों में बया कुशल वास्तुशिल्पी है। इनके वास्तु शिल्प का नजारा इनके घोंसलों में दिखने लगा है। बारिश आने से पहले नर बया चिडिय़ा अपना आशियाना बनाने में जुटे हुए हैं।


घोंसला के लिए स्थान चुनने से लेकर उसे पूरा करने का पूरा काम नर बया करता है। मादा बया घोंसला तैयार करने में सहायता नहीं करती, बल्कि नर मादा को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सुंदर घोंसला बनाता है। नर मादा को अपना अधूरा घोंसला दिखाता है। मादा को घोंसला को पसंद नहीं आया तो वह नकार भी देती है। नर फिर से नया घोंसला बनाने में जुट जाता है।


यही वजह है कि एक पेड़ में कई अधूरे घोंसले भी दिखते हैं, जिन्हें पूरा नहीं किया जाता है। मादा के घोंसला नापसंद करने का जिक्र पक्षी विज्ञानी सलीम अली ने अपनी पुस्तक में किया है।

नर बया को अपना वाटरप्रूफ घोंसला तैयार करने में डेढ़ से दो माह लग जाते हैं। अप्रैल के पहले सप्ताह से इन चिडिय़ों ने अपना घोंसला बनाना शुरु कर दिया था। लगभग डेढ़ महीने में इनका लटकता घोंसला लगभग तैयार है। बरसात से पहले मादा बया इनमें दो या तीन अंडे देगी।

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