Thursday 30 August 2012

चुण्डावत मांगी सेनाणी, सर काट दे दियो क्षत्राणी ....

चुण्डावत मांगी सेनाणी, सर काट दे दियो क्षत्राणी ....

एक ऐसी रानी जिसने युद्ध में जाते अपने पति को निशानी मांगने पर अपना सिर काट कर भिजवा दिया था यह रानी बूंदी के हाडा शासक की बेटी थी और उदयपुर (मेवाड़) के सलुम्बर ठिकाने के रावत रतन सिंह चु
ण्डावत की रानी थी जिनकी शादी का गठ्जोडा खुलने से पहले...ही उसके पति रावत रतन सिंह चुण्डावत को मेवाड़ के महाराणा राज सिंह (1653-1681) का औरंगजेब के खिलाफ मेवाड़ की रक्षार्थ युद्ध का फरमान मिला नई-नई शादी होने और अपनी रूपवती पत्नी को छोड़ कर
रावत चुण्डावत का तुंरत युद्ध में जाने का मन नही हो रहा था यह बात रानी को पतालगते ही उसने तुंरत रावत जी को मेवाड़ की रक्षार्थ जाने व वीरता पूर्वक युद्ध करने का आग्रह किया युद्ध में जाते रावत चुण्डावत पत्नी मोह नही त्याग पा रहे थे सो युद्ध में जाते समय उन्होंने अपने सेवक को रानी के रणवास में भेज रानी की कोई निशानी लाने को कहा सेवक के निशानी मांगने पर रानी ने यह सोचकर कि कहीं उसके पति पत्नीमोह में युद्ध से विमुख न हो जाए या वीरता नही प्रदर्शित कर पाए इसी आशंका के चलते इस वीर रान
ी ने अपना शीश काट कर ही निशानी के तौर पर भेज दिया ताकि उसका पति अब उसका मोह त्याग निर्भय होकर अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध कर सके और रावत रतन सिंह चुण्डावत ने अपनी पत्नी का कटा शीश गले में लटका औरंगजेब की सेना के साथभयंकर युद्ध किया और वीरता पूर्वक लड़ते हुए अपनी मातृभूमिके लिए शहीद हो गया

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