Monday 23 July 2012

"लव जेहाद"


ग्लोबल काउंसिल ऑफ़ क्रिश्चियन्स के अध्यक्ष हैं डॉ सजन के जॉर्ज, इन्होंने तथा केरल की कैथोलिक बिशप काउंसिल ने फ़िर एक बार देश के ईसाईयों से अपील की है, कि वे "लव जेहाद" की गम्भीरता को समझें और मुस्लिमों से कोई सम्बन्ध ना रखें…

कोचीन की एक ईसाई महिला दीपा चेरियन अपने पति को छोड़कर अपने प्रेमी नौशाद के साथ भाग निकली और अपना नाम शाहीन रख लिया। जब वह वापस लौटी तब उसके पास दो-दो सिम कार्ड बरामद हुए, जिसमें से एक सिम का नम्बर उस फ़रार आतंकवादी का था, जिसे केरल पुलिस ढूँढ रही है।

हालांकि कोचीन हवाई अड्डे पर उतरते ही चेरियन उर्फ़ शाहीन को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है, परन्तु क्रिश्चियन काउंसिल ने अपनी ओर से जारी प्रेस वक्तव्य में कहा है कि 2006 से 2010 के बीच 2868 ईसाई महिलाएं गायब हुई हैं, जिनमें से कुछ ही इस्लाम अपनाकर वापस लौटीं, बाकी का कुछ अता-पता नहीं चला। डॉ जॉर्ज ने आशंका व्यक्त की है कि इनमें से अधिकांश महिलाओं का "उपयोग" आतंकवादियों को मदद पहुँचाने तथा ऐसी घटनाओं में "चारे" के रूप में किया जाता है।

===================
अरे हाँ… एक बात बताना तो भूल ही गया, कि यदि दो-दो बड़ी ईसाई काउंसिलें "लव-जेहाद" पर चिंता व्यक्त करें और मुस्लिमों के बहिष्कार की अपील करें, तो यह "साम्प्रदायिकता" की श्रेणी में नहीं आता… लेकिन कोई हिन्दू संगठन ऐसी अपील करे, या लव-जेहाद की बात भर करे तो वह तड़ से साम्प्रदायिक घोषित कर दिया जाता है…
 

No comments:

Post a Comment