Thursday 17 November 2011

'' गृह संसद'' को अपने यहाँ कैसे शुरू करें ?


'' गृह संसद'' को अपने यहाँ कैसे शुरू करें ?
 गृह संसद चलती कैसे है ?
कौन से मुद्दे आएंगे -
यह पारिवारिक पंचायत क़ी तरह है ..महीनें में एक दिन परिवारों को एक साथ किसी शक्ति पीठ में बुलाते हैं . गायत्री मन्त्र से औपचारिक प्रारम्भ करते हैं उस दिन केलिए अध्यक्ष उपाध्यक्ष क़ी घोषणा क़ी जाती है .हर सभा के प्रारम्भ में नये सदस्य परिवार को शपथ दिलाई जाती है .जिसे सभी लोग दोहराते हैं .  बच्चों के गीत भजन के बाद प्रतिभाओं का सम्मान किया जाता है ..इसके बाद बच्चों का समूह अलग किया जाता है जिनके लिए खेल और कहानियों के द्वारा उनके सामान्य ज्ञान और संस्कार में वृद्धि का प्रयास किया जाता है ...इधर संसद क़ी बैठक अलग चलती है .सदन केसामने सामयिक मुद्दे सदस्यों द्वारा बारी बारी से उठाये जाते हैं.. हर सदस्य हाथ उठा कर अध्यक्ष क़ी अनुमति से अपने विचार सदन में रखता है .सदस्य द्वारा उठाये जाने वाले मुद्दे ,सभा के प्रारम्भ में ही सदस्य द्वारा लिखित में जमा कर दिए जाते हैं 
कौन से मुद्दे आएंगे -
पारिवारिक सामाजिक व्यवस्था ,स्वास्थ्य ,शिक्षा ,संस्कृति ,पर्व एवं परम्पराएँ ,सामाजिक सहयोग ,स्वावलम्बन ,राष्ट्रिय चेतना का जागरण जैसे मुद्दे सदन में उठाये जासकते है .सचिव अपने स्वविवेक से ,उपस्थित मुद्दों क़ी सूचि अध्यक्ष को देते हैं ..तब अध्यक्ष जो सदस्य हाँथ उठाते हैं उन्हें  पारी पारी से बोलने क़ी अनुमति देते हैं .बीच बीच में अध्यक्ष या विशेष प्रतिनिधि विषय को स्पष्ट करने में मदद करते हैं 
इसके बाद भोजन अवकाश होता है 
.जिसके बाद विशिष्ट जानकारी ,सामूहिक पर्व ,काव्य गोष्ठी ,वृत्त चित्रों का प्रदर्शन ,सुगम संगीत और विशिष्ट परिचय के आयोजन हो सकते हैं ..आगामी कार्यक्रम क़ी रूप रेखा बनती है ,सदस्यों केलिए विविध प्रशिक्षणों क़ी व्यवस्था अलग से भी क़ी जा सकती है .यात्राओं का आयोजन अथवा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी हो सकता है 
नोट ...-सदस्य  परिवारों के लिये सदयता शुल्क रखा जाता है ,उद्घाटन कार्यक्रम भारत माता क़ी सामूहिक आरती से होता है ,विभिन्न सामाजिक एवं अच्छे संगठनो से सम्पर्क करके उनका एक सामूहिक मिलन का क्षेत्र बनाने का प्रयास किया जाता है विशेष जानकारी के लिये फोल्डर  पढ़ें